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UPSC News: पिता का सिर से उठा साया तो ट्यूशन पढ़ाकर खुद की पढ़ाई, अब पहले ही प्रयास में सहरसा के मनीष ने हासिल की 581वीं रैंक

संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विसेज का रिजल्ट जारी कर दिया। शुक्रवार को जारी रिजल्ट में एक बार फिर बिहार के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। टॉप 10 में से 3 होनहार शामिल है।

Lipi 25 Sep 2021, 6:41 pm
सहरसा
नवभारतटाइम्स.कॉम manish_kumar
मनीष कुमार को मिठाई खिलाती उसकी बहन

हौसला बुलंद हो तो मंजिल मिल ही जाती है। कुछ ऐसा ही साबित किया है, सहरसा के मनीष कुमार ने। अपने बुलंद हौसलों की बदौलत मनीष कुुमार ने UPSC परीक्षा को पास कर अपनी मंजिल हासिल की। एक साधारण परिवार से आने वाले मनीष का पिताजी मुसाफिर सिंह जो एक दवा दुकान में सेल्समेन का नौकरी करते थे और अपने परिवार का भरण पोषण चलता था। लेकिन अचानक इनका निधन 2010 में हो गया। फिर तो पूरे परिवार के भरण पोषण का दायित्व मनीष पर आ गया।


छोटी उम्र से मनीष ने प्राइवेट ट्यूशन कर परिवार का भरण पोषण करते हुए अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। कोविड काल में इसने UPSC की तैयारी प्रारम्भ की और अपने प्रथम प्रयास में ही सफलता हासिल करते हुए 581वां रैंक हासिल की। मनीष ने सहरसा के न्यू कॉलोनी स्थित मध्य विद्यालय से 8वीं पास कर जिला स्कूल से 10वीं पास किया। फिर सर्वनारायण सिंह, रामकुमार सिंह महाविद्यालय से स्नातक की शिक्षा 2013 में पास की। फिर अपना पढ़ाई जारी रखते हुए परिवारिक दायित्व का निर्वहन करते रहा।

तीन महीने पहले बहन की शादी की थी
मनीष ने तीन महीने पहले बहन की शादी की। वहीं छोटा भाई अनिष कुमार BPSC की तैयारी कर रहा है। आर्थिक तंगी से जूझते हुए इसने न सिर्फ अपनी मंजिल हासिल किया, बल्कि कोशी का नाम भी रौशन किया है। अपनी सफलता से खुश होने के बावजूद मनीष ने कहा कि इसकी तैयारी अभी भी जारी है। इसका लक्ष्य IAS व IPS रैंक हासिल करना है।

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पिता के निधन के बाद घर का दायित्व उठाते हुए की पढ़ाई
मनीष कुमार ने बताया कि जीवन में संघर्ष करते हुए यह मुकाम हासिल किया। आर्थिक तंगी से जूझते हुए सहरसा जैसे छोटे शहर में ट्यूशन पढ़ा कर तैयारी करते हुए अपनी मंजिल को हासिल की। पिताजी एक दवा दुकान में सेल्समेन का काम करते थे, जिनका निधन 2010 में हो गया था। फिर पारिवारिक दायित्व का निर्वहन करते हुए 2013 में स्नातक पास की। फिर अपनी पढ़ाई जारी रखी।

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लॉकडाउन में शुरू की थी यूपीएससी की तैयारी
मनीष कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान UPSC की तैयारी शुरू की और अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल किया। मनीष की माने तो UPSC की तैयारी करने की अगर इच्छाशक्ति हो तो कहीं से भी कम खर्च में हो सकता है।

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