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Tej Pratap Yadav News : क्या जाएगी तेजप्रताप यादव की विधायकी? चुनाव आयोग के निर्देश पर लालू के बेटे खिलाफ केस दर्ज

Bihar News : बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव पर विधानसभा चुनाव 2020 में गलत शपथ पत्र दाखिल कर संपत्ति का ब्योरा छिपाने का आरोप है। इसी मामले में अब रोसड़ा थाने में एफआईआर दर्ज किया गया है। जानिए पूरा मामला।

guest Sanjeev-Kumar-Tarun | Lipi 29 Dec 2021, 9:57 pm
संजीव तरुण, समस्तीपुर
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Prasad yadav) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ समस्तीपुर के रोसड़ा थाने में केस दर्ज किया गया है। हसनपुर से विधायक तेज प्रताप (Tej Pratap Yadav) पर चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान संपत्ति का ब्यौरा सही नहीं देने का आरोप है। इसी मामले में चुनाव आयोग (Election Commission) के निर्देश पर निर्वाचित अधिकारी ने एफआईआर दर्ज कराई है। जिसमें उनकी विधायकी को भी खतरा हो सकता है।

चुनाव में गलत शपथ पत्र देकर संपत्ति का ब्योरा छिपाने का आरोप

जानकारी के मुताबिक, बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव पर विधानसभा चुनाव 2020 में गलत शपथ पत्र दाखिल कर संपत्ति का ब्योरा छिपाने का आरोप है। हसनपुर विधानसभा के निर्वाचित पदाधिकारी और एसडीओ ब्रजेश कुमार के आवेदन पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 क के अधीन रोसड़ा थाने में केस संख्या 419/20 दर्ज किया गया।


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बढ़ सकती है हसनपुर विधायक की मुश्किलें
प्राथमिकी को लेकर दिए गए आवेदन में कहा गया कि 2020 के बिहार चुनाव में 13 अक्टूबर 2020 को तेज प्रताप यादव ने हसनपुर सीट से आरजेडी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया था। नामांकन के दौरान तेज प्रताप की ओर से दाखिल किए गए शपथ पत्र में अचल संपत्ति के संबंध में सूचना छिपाने की शिकायत बिहार जेडीयू ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से की थी।


जेडीयू की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने उठाया था कदम
इसी मामले में बिहार के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने 4 नवंबर 2020 को शिकायत की प्रति भारतीय निर्वाचन आयोग को भेजी थी। जिस पर आयोग ने जांच के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को लिखा। सीबीडीटी ने मामले की जांच कर अपने तीन पत्रों के माध्यम से बताया कि बिहार चुनाव 2015 और 2020 के लिए तेज प्रताप की ओर से दाखिल किए गए शपथ पत्र के बीच चल और अचल संपत्ति में 82,40867 रुपए की वृद्धि हुई। वहीं वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2016-20 तक आयकर डिटेल्स के हिसाब से कुल आय 22,76220 रुपये बनती है।


चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब नहीं देने पर FIR
ऐसे में तेज प्रताप यादव की ओर से चुनाव में दाखिल शपथ पत्र में दी गई परिसंपत्तियों की जानकारी मेल नहीं खाती है। सीबीडीटी के जांच के आधार पर निर्वाचन आयोग की ओर से आरजेडी नेता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। नोटिस के तीन सप्ताह के अंदर उन्हें अपना जवाब देने को कहा गया। लेकिन निर्धारित समय में जवाब नहीं दिया गया। ऐसे में ये FIR दर्ज की गई है।

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