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Parle-G Rumors : बिहार में 'अफवाह की बिस्किट', बेटों को खाना है Parle-G वरना...

बिहार के सीतामढ़ी और शिवहर में पार्ले-जी बिस्किट (Parle-G) से जुड़ी अफवाह उड़ी। आलम ये रहा कि किराना की दुकानों पर पार्ले-जी बिस्किट खरीदारों की भीड़ जमा हो गई। माना जा रहा है कि जितिया पर्व से जोड़कर जानबूझकर अफवाह फैलाई गई थी।

नवभारतटाइम्स.कॉम 3 Oct 2021, 12:56 pm

हाइलाइट्स

  • बिहार में Parle-G बिस्किट को लेकर अफवाह फैल गई
  • बेटों को खाना है पार्ले-जी बिस्किट, वरना होगी अनहोनी...'
  • सीतामढ़ी और शिवहर में फैली अफवाह से दुकानों में भीड़
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सीतामढ़ी/शिवहर
वैसे अफवाह का कोई सिर-पैर तो नहीं होता मगर फैलता बड़ा तेजी है। बिहार के कुछ जिलों में तेजी से पार्ले-जी बिस्किट (Parle-G Biscuit) को लेकर अफवाह फैल गई। सितामढ़ी, शिवहर और आसपास के जिलों में दुकानों पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। देखते ही देखते दुकानों से बिस्किट गायब हो गया।
Parle-G बिस्किट को लेकर अफवाह
बिहार के शिवहर और सीतामढ़ी जिले में सोशल मीडिया के जरिए पार्ले-जी बिस्किट को लेकर अफवाह फैली। किराना दुकानों में बच्चे लेकर बड़े तक सिर्फ और सिर्फ पार्ले-जी बिस्किट खरीद रहे थे। दुकानदार भी हैरान-परेशान हो गए, आखिर लोग इतना पार्ले-जी बिस्किट क्यों खरीद रहे हैं? उसे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था। जबतक पार्ले-जी का स्टॉक रहा तबतक वो बेचता रहा। बाद में उसके पास भी 'सूचना' पहुंची। मगर वो इस बात से खुश था कि सारा पुराना स्टॉक निकल गया। लेकिन उसे भी इस बात का अफसोस था कि एक-दो पैकेट अपने लिए बचाकर नहीं रखा। पत्नी का फोन आया तो उसकी बेचैनी और बढ़ने लगी। किसी तरह पड़ोस के दुकान से दो पैकेट बिस्किट मिल पाया। आखिकार उसे जान में जान आई।

किस बात को लेकर फैली अफवाह?
बेटों की लंबी उम्र के लिए बिहार में जितिया पर्व मनाया जाता है। माताएं इस दिन बेटों की लंबी उम्र, सुखी जीवन और निरोग शरीर के लिए व्रत रखती हैं। इसके बाद कुछ पकवान बनता है और स्पेशली बेटों को खिलाया जाता है। लेकिन सीतामढ़ी जिले में अफवाह फैल गई कि 'पार्ले-जी बिस्किट न खाने वाले बेटों के साथ अनहोनी हो रही है।' देखते ही देखते पूरा जिला इसकी चपेट में आ गया। बेटों की खातिर सभी लोग घर का पकवान छोड़ पार्ले जी बिस्किट ढूंढने निकल पड़े। दुकानों के आगे लाइनें लग गईं। अफरा-तफरी का माहौल हो गया। दुकानों से पार्ले जी गायब हो गया। यह अफवाह सीतामढ़ी के बैरगनिया, ढेंग, नानपुर, डुमरा, बाजपट्टी समेत कई इलाकों में फैल गई। हालांकि सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर कुमार ने कहा कि 'हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। इस दौर में हमें अंधविश्वास में बिल्कुल भी नहीं पड़ना चाहिए। यह बेहद हास्यास्पद अफवाह है। अंधविश्वास की जड़े समाज के कोने-कोने में फैली हुई है। ऐसे अफवाह न फैले इसके लिए समाज में जागरुकता की जरूरत है, ताकि हमारा समाज, हमारे लोग खुशहाल हो।"

'बिस्किट अफवाह' का जितिया कनेक्शन
दरअसल गुरुवार को जितिया पर्व से जोड़कर रात में एक अफवाह तेजी से फैली। इसमें कहा गया कि घर में जितने भी बेटे हैं उन सभी को पार्ले जी बिस्किट खाना है, अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उनके साथ अनहोनी हो सकती है। बात बेटों की थी तो जंगल की आग की तरह फैलती चली गई। गांव, कॉलोनी, ब्लॉक की सीमाओं को तोड़ता हुआ पार्ले-जी बिस्किट वाला अफवाह जिलों की सीमाएं लांघ गया। दूसरे शहरों तक पहुंचा। बेटों के पर्व के दिन बेटों के लिए पार्ले-जी बिस्किट ढूंढने लोग निकल पड़े। इतनी महंगी भी नहीं थी कि मन मारना पड़े। बस एक ही ख्वाहिश थी कि कहीं से मिल जाए। जिसे पार्ले-जी मिल गया उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जिसको देर से पता चला या बिस्किट नहीं मिला तो उसके चेहरे पर मायूसी दिखी।

कब और कहां से फैली अफवाह?
वैसे भारत में किसी भी चीज के बारे में अफवाह बड़ी तेजी से फैलती है। उस वक्त पढ़ाई, लिखाई, समझदारी सब गायब हो जाता है। दूध, नमक, रोटी, प्याज, पत्थर और भी कई तरह की अफवाह फैल चुकी है। भले ही इससे कुछ न हो, मगर इन्हें सच मानने वाले बहुत से लोग हैं। इस बार पार्ले-जी बिस्किट को लेकर अफवाह फैल गई। दुकानदारों की मानें तो सीतामढ़ी ही नहीं आसपास के कुछ दूसरे जिलों में भी अफवाह के कारण पार्ले-जी की बिक्री बढ़ गई है। मांग को देखते हुए दुकानदार भी स्टॉक में पार्ले-जी मंगवाने लगे। अभी भी लोग यही मान रहे हैं कि पार्ले-जी न खाने वाले बेटों के साथ अनहोनी हो सकती है। खासकर महिलाएं अपने सगे संबंधियों को सूचना देकर अफवाह को और जोर दे रही हैं। हालांकि यह अफवाह कब और कहां से फैली, यह अब तक पता नहीं चल सका है।

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