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यहां 27 लाख महिलाओं के लिए है केवल 1बस

अहमदाबाद म्युनिसिपल ट्रांसपोर्ट सर्विसने वर्ष 2009 में महिला बस सर्विस शुरू तो की, लेकिन यह सेवा एक बस से आगे नहीं बढ़ पाई। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त शहर में महिलाओं की आबादी तकरीबन 27 लाख है और एएमटीएस का कहना है कि उसे पर्याप्त महिला यात्री नहीं मिल रही हैं...

अहमदाबाद मिरर 20 Feb 2017, 1:27 pm
जाहिद कुरैशी, अहमदाबाद
नवभारतटाइम्स.कॉम ahmedabad municipal transport service providing one women special bus service for entire city women
यहां 27 लाख महिलाओं के लिए है केवल 1बस

एएमटीएस (अहमदाबाद म्युनिसिपल ट्रांसपोर्ट सर्विस) ने वर्ष 2009 में महिला बस सर्विस शुरू तो की, लेकिन यह सेवा एक बस से आगे नहीं बढ़ पाई। बदलते वक्त के साथ शहर में वर्किंग महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त शहर में महिलाओं की आबादी तकरीबन 27 लाख है और एएमटीएस का कहना है कि उसे पर्याप्त महिला यात्री नहीं मिल रही हैं, इसलिए वह सेवाओं के विस्तार के बारे में विचार नहीं कर रहा है।

हालांकि शहर की महिलाएं, जिनमें वर्किंग और नॉन वर्किंग दोनों शामिल हैं, शहर में महिला बसों की संख्या बढ़ाए जाने की लगातार डिमांड कर रही हैं। इनका कहना है कि जनरल बस की तुलना में ये महिला बस में सफर करते हुए ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं। महिला बस में ये भद्दे कमेंट्स, छेड़छाड़ और लगातार घूरती नजरों को झेलने से बच जाती हैं। गौरतलब है कि एएमटीएस की महिला बस चांदखेड़ा से वसना तक जाती है। शनिवार और रविवार को इस बस की सेवाएं बंद रहती हैं।

एएमटीएस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, 'एएमटीएस महिलाओं के लिए और बस चलाने का कोई प्लान फिलहाल नहीं बना रहा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि एक ही महिला बस से अच्छा-खासा रेवेन्यू जनरेट हो रहा है। साथ ही एएमटीएस को महिला यात्रियों को होने वाली असुविधा से कोई मतलब नहीं है। वीकऐंड पर बस सर्विस नहीं उपलब्ध कराई जाती। इस तथ्य को पूरी तरह अनदेखा कर दिया जाता है कि बड़ी संख्या में महिलाएं प्राइवेट सेक्टर्स में काम कर रही हैं, जो वीकऐंड पर भी ऑफिस जाती हैं। उन महिलाओं को जनरल बस में सफर करने के लिए फोर्स किया जाता है। महिलाएं ऐसा करने के लिए मजबूर हैं क्योंकि आवाजाही के लिए आसान विकल्प उपलब्ध नहीं हैं।' वहीं एएमटीएस अथॉरिटी का कहना है कि उन्हें महिला बसों के लिए पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे हैं, जिस कारण वह सेवाओं के विस्तार के बारे में नहीं सोच रहे हैं। एएमटीएस के ट्रैफिक डायरेक्टर जितेन्द्र शाह के मुताबिक 'हम शहर के दूसरे एरिया में महिला स्पेशल बस की शुरुआत को जस्टिफाई नहीं कर सकते, क्योंकि वहां हमारे पास वहां पर्याप्त महिला यात्री नहीं है।'

वहीं महिला बस में ड्राइवर पुरुष है और कंडक्टर महिला। सूत्रों के मुताबिक, महिला कंडक्टर के साथ महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं। वर्ष 2009 में महिला बस की शुरुआत के साथ ही दो महिलाओं को महिला स्पेशल बस में कंडक्टर की ड्यूटी सौंपी गई थी।

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