अहमदाबाद: जूनियर क्लर्क की परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद बैकफुट आई गुजरात सरकार अब बड़ा निर्णय की तैयारी में है। सरकार बजट सत्र में पेपर लीक के खिलाफ विधेयक लाकर कानून बना सकती है। 29 जनवरी को जूनियर क्लर्क की परीक्षा रद्द होने के बाद गुजरात सरकार और सत्तारूढ़ बीजेपी के तमाम नेता इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। किसी ने भी इस मुद्दे पर एक भी ट्वीट भी नहीं किया है। बीते नौ साल में 13 बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक होने के बाद अब सरकार इसका स्थायी हल चाहती है। इसको लेकर भूपेन्द्र पटेल प्रदेश के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें तमाम बिंदुओं पर चर्चा की और गुजरात एटीएस की तरफ से पेपर लीक मामले में हुई प्रगति की जानकारी ली।
सरकार के पास है रिपोर्ट
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भूपेन्द्र सरकार राज्य में पेपर लीक घटनाओं को रोकने के लिए परीक्षा व्यवस्था में बदलाव के साथ-साथ अब कानून बनाना चाहती है। सरकार इसका ऐलान बजट सत्र में कर सकती है। गुजरात स्टेट लॉ कमीशन (जीएसएलसी) ने पिछले साल सरकार को पेपर लीक रोकने के लिए विशेष कानून बनाने की सिफारिश की थी। कमीशन की यह रिपोर्ट सरकार के विधायी और संसदीय कार्य विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग को (GAD) को भेज दी थी। कमीशन के चेयरमैन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एम बी शाह ने यह रिपोर्ट पिछले साल जुलाई में सरकार को सौंपी थी।
टूटता है लोगों का विश्वास
रिपोर्ट में कहा गया था कि पेपर लीक की घटनाएं जनता में अविश्वास पैदा करती है। ऐसे में जब बेरोजगारी की समस्या एक बड़ी चुनौती है तब ये घटनाएं और ज्यादा मुश्किलें पैदा करती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि ऐसे छात्र जो इन परीक्षाओं के लिए बेहद लगन और ईमानदारी से साथ तैयारी करते हैं। उन्हें करारा झटका लगता है। कमीशन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को जल्दी भरा जाना चाहिए। सरकार अब एमबी शाह की इस रिपोर्ट पर आगे बढ़ना चाहती है। अगर ऐसा हुआ तो 2023 में गुजरात को पेपर लीक रोकने के लिए कड़ा कानून मिल सकता है। जाडेजा के बाद हार्दिक ने उठाई मांग
गुजरात के सबसे युवा विधायक हार्दिक पटेल ने पेपर लीक की घटना पर कहा है कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि पेपर लीक की घटना को रोका जाना चाहिए। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। पेपर लीक की घटना को हर हाल में रोका जाना चाहिए। और अगर पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाना भी पड़े तो बनना चाहिए। विद्यार्थी नेता के आप से जुड़े युवराज सिंह जाडेजा पहले ही कानून की मांग उठा चुके हैं। जाडेजा ने कहा है कि अगर सरकार कानून नहीं बनाएगी तो महात्मा गांधी दिखाए रास्ते के जरिए प्रदेश में आंदोलन होगा।
राजस्थान ने बनाया है कानून
गुजरात से सटे राजस्थान ने पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाया है। राज्य सरकार पिछले बजट के दौरान एंटी चीटिंग बिल लेकर आई। राज्यपाल की अनुमति के बाद कानून भी बन गया। इस कानून के तहत नकल करके पकड़े जाने या पेपर माफिया से प्रश्न पत्र खरीदने का दोषी पाए जाने वाले अभ्यर्थी को एक लाख रुपए के जुर्माने और 3 साल की सजा का प्रावधान है। नकल कराने वाले गिरोह के सदस्यों पर 10 लाख रुपए से लेकर10 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। इसके साथ अपराध साबित होने पर संपति जब्त किए जाने के साथ 5 साल से 10 साल तक की जेल का भी प्रावधान है, हालांकि प्रदेश में पेपर लीक घटनाएं इसके बाद भी हैं, लेकिन सरकार ने सख्त कार्रवाई की।
सरकार के पास है रिपोर्ट
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भूपेन्द्र सरकार राज्य में पेपर लीक घटनाओं को रोकने के लिए परीक्षा व्यवस्था में बदलाव के साथ-साथ अब कानून बनाना चाहती है। सरकार इसका ऐलान बजट सत्र में कर सकती है। गुजरात स्टेट लॉ कमीशन (जीएसएलसी) ने पिछले साल सरकार को पेपर लीक रोकने के लिए विशेष कानून बनाने की सिफारिश की थी। कमीशन की यह रिपोर्ट सरकार के विधायी और संसदीय कार्य विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग को (GAD) को भेज दी थी। कमीशन के चेयरमैन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एम बी शाह ने यह रिपोर्ट पिछले साल जुलाई में सरकार को सौंपी थी।
टूटता है लोगों का विश्वास
रिपोर्ट में कहा गया था कि पेपर लीक की घटनाएं जनता में अविश्वास पैदा करती है। ऐसे में जब बेरोजगारी की समस्या एक बड़ी चुनौती है तब ये घटनाएं और ज्यादा मुश्किलें पैदा करती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि ऐसे छात्र जो इन परीक्षाओं के लिए बेहद लगन और ईमानदारी से साथ तैयारी करते हैं। उन्हें करारा झटका लगता है। कमीशन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को जल्दी भरा जाना चाहिए। सरकार अब एमबी शाह की इस रिपोर्ट पर आगे बढ़ना चाहती है। अगर ऐसा हुआ तो 2023 में गुजरात को पेपर लीक रोकने के लिए कड़ा कानून मिल सकता है।
गुजरात के सबसे युवा विधायक हार्दिक पटेल ने पेपर लीक की घटना पर कहा है कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि पेपर लीक की घटना को रोका जाना चाहिए। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। पेपर लीक की घटना को हर हाल में रोका जाना चाहिए। और अगर पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाना भी पड़े तो बनना चाहिए। विद्यार्थी नेता के आप से जुड़े युवराज सिंह जाडेजा पहले ही कानून की मांग उठा चुके हैं। जाडेजा ने कहा है कि अगर सरकार कानून नहीं बनाएगी तो महात्मा गांधी दिखाए रास्ते के जरिए प्रदेश में आंदोलन होगा।
राजस्थान ने बनाया है कानून
गुजरात से सटे राजस्थान ने पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाया है। राज्य सरकार पिछले बजट के दौरान एंटी चीटिंग बिल लेकर आई। राज्यपाल की अनुमति के बाद कानून भी बन गया। इस कानून के तहत नकल करके पकड़े जाने या पेपर माफिया से प्रश्न पत्र खरीदने का दोषी पाए जाने वाले अभ्यर्थी को एक लाख रुपए के जुर्माने और 3 साल की सजा का प्रावधान है। नकल कराने वाले गिरोह के सदस्यों पर 10 लाख रुपए से लेकर10 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। इसके साथ अपराध साबित होने पर संपति जब्त किए जाने के साथ 5 साल से 10 साल तक की जेल का भी प्रावधान है, हालांकि प्रदेश में पेपर लीक घटनाएं इसके बाद भी हैं, लेकिन सरकार ने सख्त कार्रवाई की।