अहमदाबाद: अंबाजी में जिस रेल लाइन का शिलान्यास हुआ है, इसे बनाने का फैसला 1930 में हुआ था। 100 साल हो गए परिकल्पना अंग्रेजों ने की लेकिन देश को आजाद हुए 75 साल हो गए लेकिन कभी यह रेल लाइन नहीं बनी। मां अंबा मेरे हाथ से यह काम चाहती थीं। आजादी के बाद से ये फाइलें सड़ती रहीं। मैं सीएम था तब फाइल लेकर घूमता था। केंद्र में सुनवाई नहीं होती थी। भटकता रहा लेकिन आजादी के 75 साल का जब हम जश्न मना रहे हैं, अब यह रेल लाइन माता के चरणों में समर्पित हो रही है। यह बातें पीएम मोदी ने कहीं।
इस बार ऐसे समय में यहां आया हूं जब विकसित भारत का विराट संकल्प देश ने लिया है। मां अंबा के आशीर्वाद से हमें हमारे सभी संकल्पों की सिद्धि के लिए शक्ति मिलेगी, ताकत मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम नारी सम्मान की बात करते हैं, तो हमारे लिए ये बहुत सहज सी बात लगती है। लेकिन जब हम गंभीरता से इस पर विचार करते हैं, तो पाते हैं कि हमारे संस्कारों में नारी सम्मान कितना रचा-बसा है। उन्होंने कहा कि ये हमारे संस्कार ही हैं, कि हम अपने देश भारत को भी मां के रूप में देखते हैं, खुद को मां भारती की संतान मानते हैं।
मां के नाम से जाने जाते हैं वीर
गुजरात के अंबाजी में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा हमारे यहां वीर पुरुषों के साथ मां का नाम जोड़ा गया है। अर्जुन महान वीर योद्धा थे लेकिन कभी नहीं सुनते हैं कि पांडु पुत्र अर्जुन, हमेशा पार्थ कहते हैं, कुंती पुत्र जाने जाते हैं। भगवान कृष्ण का परिचय भी देवकी नंदन कहते हैं। हनुमान जी की बात आती है तो उन्हें अंजनी पुत्र हनुमान कहते हैं।
'केंद्र की हर परियोजना में नारीशक्ति'
यह हमारी पुंजी है, हमारे संस्कार हैं कि हम अपने देश भारत को भी मां ही मानते हैं और खुद को मां भारती की संतान मानते हैं। हम प्रधानमंत्री आवास भी मां के नाम पर दे रहे हैं। मां लखपति हो गई हैं। पीएम ने कहा कि त्योहारों के इस मौसम में गरीब परिवारों की बहनों को अपनी रसोई चलाने में समस्या ना हो, इसलिए सरकार ने मुफ्त राशन की योजना को आगे बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि मुश्किल समय में देश के 80 करोड़ से अधिक साथियों को राहत देने वाली इस स्कीम पर केंद्र सरकार करीब-करीब 4 लाख करोड़ रुपए खर्च कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि टॉयलेट्स हों, गैस कनेक्शन हों, हर घर जल हो, जनधन खाते हों, मुद्रा योजना के तहत मिल रहे बिना गारंटी के ऋण हों, केंद्र सरकार की हर बड़ी योजना के केंद्र में देश की नारीशक्ति है।
मां नर्मदा से बनाकांठा के खेतों को सींचने का संकल्प लिया था। मां सरस्वती को भी घर में लाने का वादा किया था। बेटियां पढेंगी तो सरस्वती मां घर आएंगी। जहां मां सरस्वती होती हैं वहीं लक्ष्मी जी आती हैं। देश की हर परियोजना नारी के नाम पर है। यही सही विकास है।
इस बार ऐसे समय में यहां आया हूं जब विकसित भारत का विराट संकल्प देश ने लिया है। मां अंबा के आशीर्वाद से हमें हमारे सभी संकल्पों की सिद्धि के लिए शक्ति मिलेगी, ताकत मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम नारी सम्मान की बात करते हैं, तो हमारे लिए ये बहुत सहज सी बात लगती है। लेकिन जब हम गंभीरता से इस पर विचार करते हैं, तो पाते हैं कि हमारे संस्कारों में नारी सम्मान कितना रचा-बसा है। उन्होंने कहा कि ये हमारे संस्कार ही हैं, कि हम अपने देश भारत को भी मां के रूप में देखते हैं, खुद को मां भारती की संतान मानते हैं।
मां के नाम से जाने जाते हैं वीर
गुजरात के अंबाजी में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा हमारे यहां वीर पुरुषों के साथ मां का नाम जोड़ा गया है। अर्जुन महान वीर योद्धा थे लेकिन कभी नहीं सुनते हैं कि पांडु पुत्र अर्जुन, हमेशा पार्थ कहते हैं, कुंती पुत्र जाने जाते हैं। भगवान कृष्ण का परिचय भी देवकी नंदन कहते हैं। हनुमान जी की बात आती है तो उन्हें अंजनी पुत्र हनुमान कहते हैं।
'केंद्र की हर परियोजना में नारीशक्ति'
यह हमारी पुंजी है, हमारे संस्कार हैं कि हम अपने देश भारत को भी मां ही मानते हैं और खुद को मां भारती की संतान मानते हैं। हम प्रधानमंत्री आवास भी मां के नाम पर दे रहे हैं। मां लखपति हो गई हैं। पीएम ने कहा कि त्योहारों के इस मौसम में गरीब परिवारों की बहनों को अपनी रसोई चलाने में समस्या ना हो, इसलिए सरकार ने मुफ्त राशन की योजना को आगे बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि मुश्किल समय में देश के 80 करोड़ से अधिक साथियों को राहत देने वाली इस स्कीम पर केंद्र सरकार करीब-करीब 4 लाख करोड़ रुपए खर्च कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि टॉयलेट्स हों, गैस कनेक्शन हों, हर घर जल हो, जनधन खाते हों, मुद्रा योजना के तहत मिल रहे बिना गारंटी के ऋण हों, केंद्र सरकार की हर बड़ी योजना के केंद्र में देश की नारीशक्ति है।
मां नर्मदा से बनाकांठा के खेतों को सींचने का संकल्प लिया था। मां सरस्वती को भी घर में लाने का वादा किया था। बेटियां पढेंगी तो सरस्वती मां घर आएंगी। जहां मां सरस्वती होती हैं वहीं लक्ष्मी जी आती हैं। देश की हर परियोजना नारी के नाम पर है। यही सही विकास है।