सूरत
अपने कर्मचारियों को इन्सेंटिव के रूप में कारें देने को लेकर चर्चा में आए हीरा कारोबारी सावजी ढोलकिया के बारे में आपने सुना ही होगा। सावजी अब बेसब्री से मॉनसून का इंतजार कर रहे हैं। उनका सपना है कि बारिश शुरू होते ही वह पानी की किल्लत वाले 20 गावों के 80,000 लोगों की परेशानी खत्म करें। इन गांवों में अमरेली जिले में उनका अपना गांव दुधाला भी शामिल है।
हीरा पॉलिशिंग से काम शुरू करने वाले सावजी का कारोबार आज 6,000 करोड़ रुपये का है। हरि कृष्णा डायमंड्स के मालिक सावजी ने अपने माता-पिता और गांववालों को पानी की किल्लत झेलते देखा है। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने सूरत दौरे में कहा था कि यहां हीरा कारोबारियों के मां-बाप भी बस अच्छी बारिश की प्रार्थना करते हैं, उनके लिए बस यही मायने रखता है, बच्चों की शिक्षा भी उनके लिए बड़ा विषय नहीं।
दूरदराज के इन गांवों में दिन-रात ट्रैक्टर चल रहे हैं, खुदाई हो रही है ताकि मॉनसून से पहले 200 बिघा जमीन पर 20 फुट गहरा तालाब तैयार किया जा सके।
सावजी ढोलकिया कहते हैं, 'मैंन अपनी मां को एक मटका पानी भरने के लिए दूर-दूर तक जाते देखा है, मेरे पिता हर सीजन में अच्छी बारिश के लिए प्रार्थना करते थे। मैं 55 साल का हो गया हूं लेकिन हालात में कोई खास बदलाव नहीं आया है। हमारी तरह गांवों के कई युवा रोजगार के लिए सूरत का रुख करते हैं, लेकिन अब और नहीं। पानी की किल्लत दूर करने का मेरा सपना जल्द पूरा होगा।'
गांववालों का कहना है कि पिछले कई वर्षों में जलस्तर घटकर करीब 500 फुट तक पहुंच गया है। बारिश का पानी मैदानी इलाके से सीधे-सीधे नदियों में और फिर समुंद्र में चला जाता है। लाठी गांव के पूर्व सरपंच भारत देर बताते हैं, 'आज भी महिलाओं को पानी के लिए दूर-दूर तक जाना पड़ता है। गांव के कुंए सूख रहे हैं, किसान अच्छी फसल के लिए पूरी तरह से बारिश पर निर्भर हैं। यह तालाब आने वाले समय में गांवों के लिए जीवनरेखा साबित हो सकता है।'
इस मिशन को पूरा करने के लिए ढोलकिया पिछले ढाई महीनों से हर दिन करीब 2 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं। इस खर्च में डीजल और मजदूरों की दिहाड़ी शामिल है।
इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें
अपने कर्मचारियों को इन्सेंटिव के रूप में कारें देने को लेकर चर्चा में आए हीरा कारोबारी सावजी ढोलकिया के बारे में आपने सुना ही होगा। सावजी अब बेसब्री से मॉनसून का इंतजार कर रहे हैं। उनका सपना है कि बारिश शुरू होते ही वह पानी की किल्लत वाले 20 गावों के 80,000 लोगों की परेशानी खत्म करें। इन गांवों में अमरेली जिले में उनका अपना गांव दुधाला भी शामिल है।
हीरा पॉलिशिंग से काम शुरू करने वाले सावजी का कारोबार आज 6,000 करोड़ रुपये का है। हरि कृष्णा डायमंड्स के मालिक सावजी ने अपने माता-पिता और गांववालों को पानी की किल्लत झेलते देखा है। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने सूरत दौरे में कहा था कि यहां हीरा कारोबारियों के मां-बाप भी बस अच्छी बारिश की प्रार्थना करते हैं, उनके लिए बस यही मायने रखता है, बच्चों की शिक्षा भी उनके लिए बड़ा विषय नहीं।
दूरदराज के इन गांवों में दिन-रात ट्रैक्टर चल रहे हैं, खुदाई हो रही है ताकि मॉनसून से पहले 200 बिघा जमीन पर 20 फुट गहरा तालाब तैयार किया जा सके।
सावजी ढोलकिया कहते हैं, 'मैंन अपनी मां को एक मटका पानी भरने के लिए दूर-दूर तक जाते देखा है, मेरे पिता हर सीजन में अच्छी बारिश के लिए प्रार्थना करते थे। मैं 55 साल का हो गया हूं लेकिन हालात में कोई खास बदलाव नहीं आया है। हमारी तरह गांवों के कई युवा रोजगार के लिए सूरत का रुख करते हैं, लेकिन अब और नहीं। पानी की किल्लत दूर करने का मेरा सपना जल्द पूरा होगा।'
गांववालों का कहना है कि पिछले कई वर्षों में जलस्तर घटकर करीब 500 फुट तक पहुंच गया है। बारिश का पानी मैदानी इलाके से सीधे-सीधे नदियों में और फिर समुंद्र में चला जाता है। लाठी गांव के पूर्व सरपंच भारत देर बताते हैं, 'आज भी महिलाओं को पानी के लिए दूर-दूर तक जाना पड़ता है। गांव के कुंए सूख रहे हैं, किसान अच्छी फसल के लिए पूरी तरह से बारिश पर निर्भर हैं। यह तालाब आने वाले समय में गांवों के लिए जीवनरेखा साबित हो सकता है।'
इस मिशन को पूरा करने के लिए ढोलकिया पिछले ढाई महीनों से हर दिन करीब 2 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं। इस खर्च में डीजल और मजदूरों की दिहाड़ी शामिल है।
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