राजकोट
गुजरात के जूनागढ़ में पशुचिकित्सक उस समय हैरान रह गए जब एक 10 साल की शेरनी के पेट में उन्हें सिलाई वाली सुई दिखाई दी। मामला जूनागढ़ के सक्करबाग चिड़ियाघर का है। पांच से छह घंटे की सफल सर्जरी के बाद शेरनी के पेट से सुई निकाली गई। शेरनी का स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं लग रहा था जिसके बाद भावनगर जिले के शतरंजी रेज से तीन दिन पहले ही सक्करबाग जू लाई गई थी।
शेरनी को लगातार उल्टियां और खासी आ रही थी और एक ही जगह पर टिकी हुई थी। इस वजह से वन टीम के सदस्यों को उसके स्वास्थ्य को लेकर संदेह हुआ। उसे ट्रैंक्विलाइज़ करके जूनागढ़ में पशु चिकित्सा अस्पताल लाया गया। सक्करबाग चिड़ियाघर के डेप्युटी कंजर्वेटर अभिषेक कुमार ने बताया, 'ओरल कैविटी और शरीर के बाहरी हिस्से की जांच के बाद हमें फॉरेन बॉडी इंजेशन का संदेह हुआ। हमने उसका थोरासिस और अबडॉमिनल एक्सरे किया तो हमें पेट के अंदर एक पतली सुई जैसी आकृति दिखाई दी।'
अभिषेक कुमार ने बताया, 'मेरी जानकारी के मुताबिक, ऐसा पहली बार हुआ होगा जब डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए किसी शेर या शेरनी का पेट खोला होगा।' पशुचिकित्सकों ने पहले एंडोस्कॉपी के जरिए शेरनी के शरीर के हिस्से में फॉरेन ऑब्जेक्ट को ढूंढकर निकालने की कोशिश की। हालांकि यह प्रयास फेल रहा क्योंकि सुई पेट में धंसी हुई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने सर्जरी के जरिए इसे हटाने का फैसला किया जिसके बाद एक लंबी मेटालिक सुई निकली।
भावनगर फॉरेस्ट के डेप्युटी कंजर्वेटर ने बताया, 'भावनगर में काफी बड़ी जगह है जहां शेरनी घास के पास टहल रही थी। किसान अक्सर सिलाई वाली सुई खुले में फेंक देते हैं और कुछ घास-फूस खाने वाले जानवरों के पेट में चली जाती है। हो सकता है कि शेरनी ने ऐसे ही किसी जानवर का शिकार किया हो जिससे सुई उसके पेट में अटक गई।'
गुजरात के जूनागढ़ में पशुचिकित्सक उस समय हैरान रह गए जब एक 10 साल की शेरनी के पेट में उन्हें सिलाई वाली सुई दिखाई दी। मामला जूनागढ़ के सक्करबाग चिड़ियाघर का है। पांच से छह घंटे की सफल सर्जरी के बाद शेरनी के पेट से सुई निकाली गई। शेरनी का स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं लग रहा था जिसके बाद भावनगर जिले के शतरंजी रेज से तीन दिन पहले ही सक्करबाग जू लाई गई थी।
शेरनी को लगातार उल्टियां और खासी आ रही थी और एक ही जगह पर टिकी हुई थी। इस वजह से वन टीम के सदस्यों को उसके स्वास्थ्य को लेकर संदेह हुआ। उसे ट्रैंक्विलाइज़ करके जूनागढ़ में पशु चिकित्सा अस्पताल लाया गया। सक्करबाग चिड़ियाघर के डेप्युटी कंजर्वेटर अभिषेक कुमार ने बताया, 'ओरल कैविटी और शरीर के बाहरी हिस्से की जांच के बाद हमें फॉरेन बॉडी इंजेशन का संदेह हुआ। हमने उसका थोरासिस और अबडॉमिनल एक्सरे किया तो हमें पेट के अंदर एक पतली सुई जैसी आकृति दिखाई दी।'
अभिषेक कुमार ने बताया, 'मेरी जानकारी के मुताबिक, ऐसा पहली बार हुआ होगा जब डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए किसी शेर या शेरनी का पेट खोला होगा।' पशुचिकित्सकों ने पहले एंडोस्कॉपी के जरिए शेरनी के शरीर के हिस्से में फॉरेन ऑब्जेक्ट को ढूंढकर निकालने की कोशिश की। हालांकि यह प्रयास फेल रहा क्योंकि सुई पेट में धंसी हुई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने सर्जरी के जरिए इसे हटाने का फैसला किया जिसके बाद एक लंबी मेटालिक सुई निकली।
भावनगर फॉरेस्ट के डेप्युटी कंजर्वेटर ने बताया, 'भावनगर में काफी बड़ी जगह है जहां शेरनी घास के पास टहल रही थी। किसान अक्सर सिलाई वाली सुई खुले में फेंक देते हैं और कुछ घास-फूस खाने वाले जानवरों के पेट में चली जाती है। हो सकता है कि शेरनी ने ऐसे ही किसी जानवर का शिकार किया हो जिससे सुई उसके पेट में अटक गई।'