ऐपशहर

गुजरात: दशकों से शराबबंदी, फिर भी शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले 65 प्रतिशत बढ़े

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि 2016 और 2018 के बीच गुजरात में दुर्घटनाओं की संख्या में 65% की वृद्धि हुई।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 20 Nov 2019, 1:09 pm
कपिल दवे, गांधीनगर
नवभारतटाइम्स.कॉम drunk driving
प्रतीकात्‍मक चित्र

सुनने में जरूर अजीब लगेगा लेकिन 2017 से शराब बंदी और कड़ाई से लागू होने के बाद भी गुजरात में शराब पीकर ड्राइविंग के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तरफ पूरे देश में शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं में कमी देखी गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि 2016 और 2018 के बीच गुजरात में दुर्घटनाओं की संख्या में 65% की वृद्धि हुई।

आंकड़ों के अनुसार, साल 2018 में गुजरात में शराब पीकर गाड़ी चलाने के 106 मामले दर्ज किए गए, साल 2017 में ये 65 और 2016 में महज 64 थे। स्‍पष्‍ट है कि गुजरात में शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में उल्‍लेखनीय वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि ऐसा तब हुआ है जब देश भर में ड्रंकन ड्राइविंग के मामले साल 2016 के 14,894 से गिरकर साल 2018 में 12,018 हुए हैं।

गडकरी ने दिया था संसद में जवाब
संसद में एक एमपी द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित लिखित जवाब में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में बताया, 'राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शराब पीकर गाड़ी चलाने हुई दुर्घटनाओं के मामलों में 2016 से 2018 के बीच कमी आई है। इसके अलावा गुजरात से सटे प्रदेशों में भी यह कमी देखी गई है।'

कांग्रेस ने बताई सरकार की नाकामी
इस पर गुजरात कांग्रेस अध्‍यक्ष अमित चावड़ा का कहना था कि आंकड़े जाहिर करते हैं कि गुजरात में शराबबंदी लागू करने में सरकार की स्थिति बहुत खराब है। शराबबंदी ठीक से लागू करने में कमी की वजह से मूल्‍यवान जीवन नष्‍ट हो रहे हैं।

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग