गांधीनगर
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने बुधवार को निश्चित आय वाले श्रमिकों को बड़ी राहत दी है। इस वर्ग की सैलरी में 63 प्रतिशत से 124 प्रतिशत तक की वृद्धि की घोषणा के साथ रुपानी ने राज्य की जनता को बड़ा तोहफा दिया है। अपनी घोषणा में रुपानी ने यह भी बताया कि इस घोषणा का लाभ 1 फरवरी से मिलना शुरू हो जाएगा।
हालही हुई इस घोषणा से राज्य के निश्चित आय वर्ग वाले 1.18 लाख श्रमिकों को लाभ पहुंचेगा। साथ ही इस घोषणा के लागू होने के बाद राज्य के खजाने से 1,372 करोड़ का वार्षिक व्यय बढ़ेगा। उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने इस बारे में कहा 'राज्य सरकार ने निश्चित आय वर्ग की सैलरी में 63 से 124 प्रतिशत तक वृद्धि करने का निर्णय लिया है। यह लाभ उन्हें सातवें वेतन आयोग के नियमों के आधार पर उनकी बेसिक सैलरी में दिया जाएगा।'
इस बड़ी घोषणा के साथ ही श्रमिकों को एक और राहत देते हुए कहा गया है कि निश्चित आय वाले श्रमिकों को उनकी जॉइनिंग डेट से ही सेवा में माना जाएगा न कि 5 साल की सेवा के बाद। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 'जिन कर्मचारियों की भर्ती 2006 के बाद हुई है, उन्हें तभी से सेवा में माना जाएगा। इस आधार पर उन्हें प्रमोशन और इनक्रीमेंट दिया जाएगा। साथ ही श्रमिकों को बाकी कर्मियों की तरह एचआरए, ट्रांसफर और मेडिकल अलाउंस भी दिया जाएगा।
गौरतलब है कि हालही सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को श्रमिकों को उचित भुगतान न किए जाने पर फटकार लगाई गई थी। इस संबंध में गुजरात के एक एनजीओ ने पीआईएल फाइल कराई थी।
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गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने बुधवार को निश्चित आय वाले श्रमिकों को बड़ी राहत दी है। इस वर्ग की सैलरी में 63 प्रतिशत से 124 प्रतिशत तक की वृद्धि की घोषणा के साथ रुपानी ने राज्य की जनता को बड़ा तोहफा दिया है। अपनी घोषणा में रुपानी ने यह भी बताया कि इस घोषणा का लाभ 1 फरवरी से मिलना शुरू हो जाएगा।
हालही हुई इस घोषणा से राज्य के निश्चित आय वर्ग वाले 1.18 लाख श्रमिकों को लाभ पहुंचेगा। साथ ही इस घोषणा के लागू होने के बाद राज्य के खजाने से 1,372 करोड़ का वार्षिक व्यय बढ़ेगा। उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने इस बारे में कहा 'राज्य सरकार ने निश्चित आय वर्ग की सैलरी में 63 से 124 प्रतिशत तक वृद्धि करने का निर्णय लिया है। यह लाभ उन्हें सातवें वेतन आयोग के नियमों के आधार पर उनकी बेसिक सैलरी में दिया जाएगा।'
इस बड़ी घोषणा के साथ ही श्रमिकों को एक और राहत देते हुए कहा गया है कि निश्चित आय वाले श्रमिकों को उनकी जॉइनिंग डेट से ही सेवा में माना जाएगा न कि 5 साल की सेवा के बाद। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 'जिन कर्मचारियों की भर्ती 2006 के बाद हुई है, उन्हें तभी से सेवा में माना जाएगा। इस आधार पर उन्हें प्रमोशन और इनक्रीमेंट दिया जाएगा। साथ ही श्रमिकों को बाकी कर्मियों की तरह एचआरए, ट्रांसफर और मेडिकल अलाउंस भी दिया जाएगा।
गौरतलब है कि हालही सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को श्रमिकों को उचित भुगतान न किए जाने पर फटकार लगाई गई थी। इस संबंध में गुजरात के एक एनजीओ ने पीआईएल फाइल कराई थी।
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