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Gujarat news: कस्टम की हिरासत से 1 करोड़ का सोना गायब, 4 साल चली गुपचुप जांच, नहीं मिला चोर तब कराई गई FIR

भुज (Bhuj news) कस्टम डिवीजन (Custom gold missing) के अधिकारी 18 अक्टूबर, 2016 को सोने को लेने के लिए जामनगर (Jamnagar news) आए थे। उन्हें ये सील किए गए सूटकेस सौंप दिए गए थे। तब पता चला कि 1982 से 1986 के बीच जब्त किए गए पांच सैंपलों में से 2,156.722 ग्राम सोना गायब (Gold missing case) था।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 19 Dec 2020, 11:17 am

हाइलाइट्स

  • भुज कस्टम विभाग ने अस्सी के दशक में जब्त किया था सोना
  • 2001 में भुज के भूकंप में गिर गई थी कस्टम विभाग की बिल्डिंग
  • जामनगर कस्टम को सौंपा गया था सोने का सूटकेस, किया गया था सील
  • वापसी के दौरान नहीं मिली सूटकेस का चाबी, ताला तोड़कर गायब किया गया सोना
  • चार साल पहले सोना गायब होने का चला पता, चल रही थी विभागीय जांच
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सांकेतिक चित्र
जामनगर
अस्सी के दशक में तस्करों की गिरफ्तारी के दौरान जब्त किया गया 1.10 करोड़ रुपये का सोना, जामनगर कस्टम डिपार्टमेंट की कस्टडी से गायब हो गया है। इससे भी ज्यादा आश्चर्य की बात है कि चार साल पहले कीमती सोने के गायब होने की पुष्टि हुई थी। अब चार साल बाद शुक्रवार को जामनगर पुलिस में इसकी एफआईआर दर्ज कराई गई जब आंतरिक जांच में दोषियों का पता नहीं चल सका।
जामनगर कस्टम विभाग के एक निरीक्षक रामसिंह यादव की ओर से दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 1971 से 1996 के दौरान भुज कस्टम विभाग ने विभिन्न छापों के दौरान सोना जब्त किया था। यह सोना और चांदी कार्यालय में रखे गए थे।

भूकंप के बाद बिल्डिंग हुई क्षतिग्रस्त
2001 में आए विनाशकारी भूकंप में कार्यालय की इमारत क्षतिग्रस्त हो गई और लगभग 3149.398 ग्राम सोना-चांदी के साथ जामनगर कस्टम ऑफिस को ट्रांसफर किया गया। सोना रखने वाले सूटकेस को जामनगर और भुज डिवीजन के जिम्मेदार अधिकारियों ने सील कर दिया था। इस सूटकेस में वर्ष 2001 के कस्टम विभाग की मुहर थी और सोने के जमाकर्ता और रिसीवर के हस्ताक्षर थे।

2,156.722 ग्राम सोना गायब था
विभाग का कहना है कि कुछ सरकारी अधिकारी इस सोने के गायब होने के मामले में शामिल हैं। एफआईआर में कहा गया है कि भुज कस्टम डिवीजन के अधिकारी 18 अक्टूबर, 2016 को सोने को लेने के लिए जामनगर आए थे। उन्हें ये सील किए गए सूटकेस सौंप दिए गए थे। इसके बाद, जामनगर और भुज के कस्टम डिवीजनों के अधिकारियों की मौजूदगी में सील को खोल दिया गया और जौहरी को पूछताछ पूरी करने के बाद गवाह के रूप में बुलाया गया। सूटकेस की चाबी गायब थी इसलिए ताला टूटा हुआ था। तब पता चला कि 1982 से 1986 के बीच जब्त किए गए पांच सैंपलों में से 2,156.722 ग्राम सोना गायब था।

विभागीय जांच का दिया हवाला
एफआईआर में दिखाए गए इस गायब सोने का वर्तमान बाजार मूल्य 1.10 करोड़ रुपये है। बी डिवीजन थाने के निरीक्षक, केएल गढे ने कहा कि अधिकारियों ने चोरी के चार साल बाद शिकायत दर्ज करने के लिए के मामले में जवाब दिया कि इस अंतराल विभागीय जांच चल रही थी।

11 दिसंबर को दिए गए थे एफआईआर के आदेश
सूत्रों के मुताबिक, गायब सोने के बारे में पता चलने के बाद, अधिकारियों ने इनटर्नल कम्युनिकेशन शुरू किया और गुजरात के मुख्य आयुक्त को सूचित किया। मुख्य आयुक्त ने 11 दिसंबर को जामनगर डिवीजन को एक औपचारिक पुलिस एफआईआर दर्ज कराने को कहा।

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