कॉलेज के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। राज्य सरकार ने शहर के गोत्री इलाके में स्थित कॉलेज में रैगिंग के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। पिछले सप्ताह शनिवार को हुई रैगिंग की घटनाओं के बाद आर्थोपेडिक और सजर्री विभागों के जूनियर डॉक्टरों की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया।
गुजरात चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान सोसाइटी (जीएमईआरएस) के गोत्री मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ वर्षा गोडबोले ने बताया कि रैगिंग के बाद एक छात्र को उलटी हुई थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। कॉलेज वडोदरा के एमएस विश्वविद्यालय से संबद्ध है और जीएमईआरएस द्वारा संचालित होता है।
जीएमईआरएस, राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में पंजीकृत एक संस्था है। गोडबोले ने कहा कि घटना का संज्ञान लेते हुए कॉलेज की रैगिंग रोधी समिति ने दो जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी और एमबीबीएस के तृतीय वर्ष के पांच छात्रों को छात्रावास से निष्कासित करने का निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि समिति ने घटना के बाद कई बैठकें करने के बाद यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि उक्त पांच छात्रों को अकादमिक सत्र पूरा करने की अनुमति दी जाएगी या नहीं इस पर बाद में फैसला लिया जाएगा।
वडोदरा पुलिस की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि एक निरीक्षक ने रैगिंग रोधी समिति की सोमवार को हुई बैठक में हिस्सा लिया था। पुलिस ने कहा कि समिति घटना पर एक रिपोर्ट तैयार करेगी और उसके अनुसार प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।