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बायॉमेट्रिक डेटा चुराकर करते थे सब्सिडी वाले राशन की हेराफेरी, अरेस्ट

उचित मूल्य दुकानों के दो दुकानदारों को क्राइम ब्रांच ने कथित तौर पर नकली सॉफ्टवेयर और गैरअधिकृत बायॉमेट्रिक डेटा की मदद से लाभार्थियों के सब्सिडी युक्त अनाज को कथित हस्तातंरित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है...

भाषा 4 Feb 2018, 8:32 am
सूरत
नवभारतटाइम्स.कॉम 1

उचित मूल्य दुकानों के दो दुकानदारों को क्राइम ब्रांच ने कथित तौर पर नकली सॉफ्टवेयर और गैरअधिकृत बायॉमेट्रिक डेटा की मदद से लाभार्थियों के सब्सिडी युक्त अनाज को कथित हस्तातंरित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

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क्राइम ब्रांच के निरीक्षक बी एन दवे ने बताया, 'राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के तहत अप्रैल 2016 में अन्नपूर्णा योजना शुरू की थी। इसमें उचित मूल्य की दुकानों का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल ग्राहक भंडार कर दिया गया। यह सभी भंडार कंप्यूटरीकृत किए गए थे, ताकि सब्सिडी युक्त अनाज उचित हितग्राही को मिल सके।'

दवे ने बताया कि उचित मूल्य की दुकानों को सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए 'ई-एफपीएस' ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल करना था। उन्होंने बताया,'इसके लिए दुकानदारों को एक यूजरनेम और पासवर्ड दिया गया था, ताकि वे बायॉमेट्रिक आंकड़ों तक पहुंच सकें और दुकान से सब्सिडी युक्त अनाज लेने वालों का इलेक्ट्रानिक रेकार्ड रख सकें।'

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गिरफ्तार किए गए दुकानदारों ने बताया कि इसके लिये उन्होंने नकली साफ्टवेयर का प्रयोग किया और अज्ञात स्रोत के जरिए लाभार्थियों के आंकड़ों तक पहुंच गए। पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

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