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मंडी में बोली से गोली से चला रही हैं कंगना रनौत, जानिए कैसे करती हैं चुनाव प्रचार

किसी फिल्म स्टार के लिए राजनीति में आना आसान है, मगर चुनावों में पब्लिक के बीच जाकर कैंपेन करना आसान नहीं है। मंडी लोकसभा सीट की बीजेपी उम्मीदवार कंगना रनौत राजनीति की नई खिलाड़ी हैं, मगर कई मौकों पर वह मंझी हुई राजनेता के तौर पर नजर आती हैं। वह खुलकर भाषण देती हैं।

Curated byविश्वनाथ सुमन | नवभारतटाइम्स.कॉम 13 Apr 2024, 1:23 pm
मंडी: अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर कंगना चुनाव मैदान में उतरते ही राजनेता बन गई हैं। वह राजनीति के दांवपेच में कभी उलझी तो कभी अनुभवी नजर आ रही है। हिमाचल कांग्रेस के नेता विक्रमादित्य सिंह के राजनीतिक हमलों का जवाब वह जनसभा में सलीके से देती हैं। नॉमिनेशन करने के बाद ही कंगना एक कार्यक्रम में भारत के पहले प्रधानमंत्री के सवाल पर ट्रोल हुईं। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस को देश का पहला प्रधानमंत्री बताया था। इसके बाद कंगना पर बाहरी होने के आरोप भी लगे, जबकि मंडी में उनका पैतृक घर भी है। फिर विरोधियों ने उनके चरित्र पर सवाल उठाया। जब विरोधियों ने बीफ खाने का आरोप लगाया तो कंगना तिलमिला उठीं। कंगना ने इसका जवाब भी जनसभा में दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। जब उन्होंने बीफ खाने का प्रमाण मांगा तो जवाब मिला कि आपके खाने-पीने से क्या लेना-देना। उन्होंने ये भी कहा कि मैं अशुद्ध हूं और मेरे पास चरित्र नहीं है, लेकिन जब मैंने उन्हें अपना चरित्र दिखाया तब कहा गया कि आपको प्राथमिक मुद्दों पर बोलना चाहिए।
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कंगना रनौत


विक्रमादित्य सिंह को छोटा पप्पू और राजा बाबू नाम दे दिया

कंगना रनौत राजनीति में बोली की गोली चलाने में माहिर तो अभी नहीं हुई हैं मगर चुनावी लहजा उनके भाषणों में दिखने लगा है। पिछले दिनों मंडी की जनसभा में उन्होंने कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह को छोटा पप्पू कहकर संबोधित किया। साथ ही अपने चिर परिचित आक्रमक तेवर में उन्हें चुनौती भी दे डाली थी। कंगना ने ललकारते हुए कहा कि यह तुम्हारे बाप-दादा की रियासत नहीं है जो डराकर भगा दोगे। वह अपने भाषणों में विक्रमादित्य सिंह को छोटा भाई भी बुलाती हैं और राजा बाबू भी कहती हैं। जब उनसे पूछा गया कि वह ऐसे क्यों संबोधित कर रही हैं, तो उन्होंने उल्टा तपाक से पूछ लिया कि छोटे भाई को राजा बाबू कहने में गलत क्या है? विक्रमादित्य सिंह मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार हैं। बाहरी होने के आरोप पर कंगना ने कहा कि उनके दादा हिमाचल प्रदेश से विधायक रह चुके हैं, फिर वह बाहरी कैसे हुईं। कुल मिलाकर चुनाव में उतरी कंगना के पास राजनीतिक सवालों के जवाब होते हैं।

पीएम मोदी के नाम पर ही कंगना मांग रही हैं वोट

मंडी के चुनाव में उतरते ही कंगना रनौत इलाके के पूर्व सांसद महेश्वर सिंह से भी मिलीं और चुनाव में समर्थन मांगा। महेश्वर सिंह तीन बार मंडी सीट से लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं। इसके अलावा वह पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग में शामिल होती हैं। कंगना के चुनाव की जिम्मेदारी उनके पिता ने संभाल रखी है। कंगना एक दिन में दो-तीन जनसभा और खुली जीप में रोड शो करती हैं। हिंदी और हिमाचली में बोलकर जनता से संवाद करती हैं। अपने भाषण में केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र करना नहीं भूलती हैं और नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए अपनी जीत की गारंटी मांगती हैं। बड़ों को चाचा और ताई बोलकर रिश्ता जोड़ने की कोशिश करती नजर आती हैं। बीजेपी की टीम उन्हें लोकल राजनीतिक घटनाओं से अपडेट करती है। कांग्रेस के कैंडिडेट घोषित नहीं होने और प्रचार के दौरान एकमात्र प्रत्याशी होने का फायदा उन्हें मिल सकता है। हालांकि स्थानीय लोग मानते हैं कि कंगना एक फिल्म स्टार है। लोगों की भीड़ उन्हें देखने के लिए उमड़ रही है। पूर्व सांसद महेश्वर सिंह का कहना है कि कंगना को वोट नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही मिलेगा। अगर वह जीतती हैं तो यह जीत नरेंद्र मोदी के खाते में जाएगा।
लेखक के बारे में
विश्वनाथ सुमन
प्रिंट और डिजिटल में 18 वर्षों का सफर। अमर उजाला, नवभारत टाइम्स ( प्रिंट), ईटीवी भारत के अनुभव के साथ संप्रति nbt.in में।... और पढ़ें

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