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नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआई जांच के आदेश

शिमला में 14 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। भीड़ के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं।

एजेंसियां 14 Jul 2017, 9:02 pm
शिमला
नवभारतटाइम्स.कॉम सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

शिमला में एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या किए जाने के 10 दिन बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सीबीआई जांच कराने का आदेश दे दिया है। इस मामले को लेकर लोग कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे। शिमला से करीब 30 किलोमीटर दूर थियोग में शुक्रवार को भीड़ उग्र हो गई। लोगों ने मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कथित तौर पर सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ की, एक थाने का घेराव किया और हिंदुस्तान-तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग को कई घंटे तक अवरुद्ध रखा।

'राजनीति से प्रेरित है आक्रोश'
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने हालात का जायजा लिया और मामले में सीबीआई जांच की मांग की। मुख्यमंत्री कुल्लू के दो दिन के दौरे के बाद आज ही प्रदेश की राजधानी लौटे थे। थियोग में विरोध प्रदर्शन और हिंसा को 'राजनीति से प्रेरित ' बताते हुए सिंह ने कहा कि दोषियों को पकड़ने के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया था और इस काम में उसे सफलता मिली। उन्होंने आरोप लगाया, 'थियोग में आज अफरा-तफरी और सार्वजनिक संपत्ति को तबाह करने की घटनाएं राजनीति से प्रेरित थीं। पीड़िता के परिवार से सहानुभूति जताने के बजाय मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।' सिंह ने बताया कि सरकार ने मामले को सीबीआई को भेजने का फैसला किया है ताकि किसी के दिमाग में निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के उसके इरादे के प्रति कोई शंका नहीं रहे।

6 लोग हुए थे गिरफ्तार, छुट्टी पर गए महानिरीक्षक

हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सोमेश गोयल ने सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ मामले को सुलझाने का दावा किया था लेकिन कुछ लोगों के मन में इस तरह का संदेह है कि पुलिस मामले को दबा रही है। भीड़ ने आरोप लगाया कि वास्तविक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया क्योंकि वे प्रभावशाली परिवारों के हैं। पीड़िता के चाचा ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं। हम मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से भरोसा चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि पुलिस दस दिनों से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के मामले पर चुप्पी साधे है और अचानक गुरुवार को पांच और आरोपियों की गिरफ्तारी के घोषणा कर दी गई। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हमें संदेह है कि वास्तविक आरोपी अभी भी स्वतंत्र घूम रहे हैं।’इसी बीच मामले की जांच से जुड़े पुलिस महानिरीक्षक जहूर एच. जैदी शुक्रवार को छुट्टी पर चले गए। जैदी मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल की अगुवाई कर रहे थे।

10 दिन पहले की है घटना

आरोपियों ने 16 साल की लड़की से 4 जुलाई को स्कूल से घर लौटते समय एक वाहन में लिफ्ट देने के बहाने पास के जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया और हत्या कर दी। लड़की का शव दो दिन पास के हलीला जंगल में पाया गया था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में लिफ्ट देने वाला राजेंद्र सिंह मामले का मुख्य आरोपी है। अन्य आरोपियों में आशीष चौहान, सुभाष बिष्ट, दीपक कुमार, सूरत सिंह व लोकजन शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि प्रमुख आरोपी का पीड़ित के साथ परिचय था। इससे पहले वह लड़की को दो बार लिफ्ट दे चुका था। पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 और 376 तथा पॉक्सो कानून की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

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