जम्मू
जम्मू में अवैध रूप से रह रहे 168 रोहिंग्याओं को जेल भेज दिया गया है। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक अभियान चलाकर यहां रह रहे रोहिंग्याओं के बायोमीट्रिक और अन्य विवरण एकत्र किए थे। वहीं गिरफ्तारी से बचने के लिए बड़ी संख्या में रोहिंग्याओं ने घर छोड़ दिया है। आधिकारिक दस्तावेज के बिना शहर में रह रहे विदेशियों की पहचान करने के लिए यह अभियान चलाया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'कम से कम 168 अवैध प्रवासी रोहिंग्याओं को हीरानगर जेल भेजा गया है।' वहीं कई रोहिंग्याओं ने चुनकर गिरफ्तारी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन भी किया।
उन्होंने कहा कि म्यांमार से आए रोहिंग्या मुस्लिमों के सत्यापन की प्रकिया, यहां एमएएम स्टेडियम में कड़ी सुरक्षा के बीच की गई। उन्होंने बताया कि विदेशियों का सत्यापन करने की प्रक्रिया जारी है। अधिकारियों के अनुसार आरोपियों ने फर्जी तरीके से आधार कार्ड और पासपोर्ट बनवा लिया था।
सरकारी आकंड़ों के मुताबिक रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी नागरिकों समेत 13,700 विदेशी जम्मू और सांबा जिलों में रह रहे हैं। यहां 2008 से 2016 के बीच इनकी जनसंख्या में छह हजार से अधिक की वृद्धि हुई। सभी रिफ्यूजियों के पास UNHCR कार्ड है, जो उन्हें अवैध प्रवासी होने से बचाता है।
जम्मू में अवैध रूप से रह रहे 168 रोहिंग्याओं को जेल भेज दिया गया है। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक अभियान चलाकर यहां रह रहे रोहिंग्याओं के बायोमीट्रिक और अन्य विवरण एकत्र किए थे। वहीं गिरफ्तारी से बचने के लिए बड़ी संख्या में रोहिंग्याओं ने घर छोड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि म्यांमार से आए रोहिंग्या मुस्लिमों के सत्यापन की प्रकिया, यहां एमएएम स्टेडियम में कड़ी सुरक्षा के बीच की गई। उन्होंने बताया कि विदेशियों का सत्यापन करने की प्रक्रिया जारी है। अधिकारियों के अनुसार आरोपियों ने फर्जी तरीके से आधार कार्ड और पासपोर्ट बनवा लिया था।
सरकारी आकंड़ों के मुताबिक रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी नागरिकों समेत 13,700 विदेशी जम्मू और सांबा जिलों में रह रहे हैं। यहां 2008 से 2016 के बीच इनकी जनसंख्या में छह हजार से अधिक की वृद्धि हुई। सभी रिफ्यूजियों के पास UNHCR कार्ड है, जो उन्हें अवैध प्रवासी होने से बचाता है।