जम्मू
भारतीय सेना की तरफ से राजौरी जिले के नौशेरा में लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू किया गया है। 11 से 14 साल की तकरीबन 58 लड़कियां अभी तक इस ट्रेनिंग कार्यक्रम का हिस्सा बन चुकी हैं।
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि जिले के पास गगरोट स्थित गवर्नमेंट मिडल स्कूल में लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए तैयार व सशक्त बनाने की ओर पहल करते हुए यह कार्यक्रम शुरू किया गया है।
बता दें कि इस पहल में आर्मी प्रशिक्षित प्रतिनिधि लगाए गए हैं, जो लड़कियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दे रहे हैं। एक ट्रेनर ने बताया कि लड़कियों का किसी भी तरह के आकस्मिक खतरे से निपटने के लिए इन कलाओं में दक्ष होना काफी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की ट्रेनिंग से न सिर्फ आकस्मिक परिस्थितियों से निपटा जा सकता है बल्कि अचानक कहीं फंस जाने पर किस तरह अपना रास्ता बनाना है, यह भी सीख मिलती है।
मेजर जनरल अशोक नरला का इस मुहिम पर कहना है, 'हमें पता है कि हमें आंतरिक मोर्चे पर स्थिति से निपटना है और हम अपेक्षित नतीजों के साथ यह कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के साथ बातचीत के दौरान मैंने महसूस किया कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान तो हैं ही, साथ ही अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतिति भी हैं।’
भारतीय सेना की तरफ से राजौरी जिले के नौशेरा में लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू किया गया है। 11 से 14 साल की तकरीबन 58 लड़कियां अभी तक इस ट्रेनिंग कार्यक्रम का हिस्सा बन चुकी हैं।
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि जिले के पास गगरोट स्थित गवर्नमेंट मिडल स्कूल में लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए तैयार व सशक्त बनाने की ओर पहल करते हुए यह कार्यक्रम शुरू किया गया है।
बता दें कि इस पहल में आर्मी प्रशिक्षित प्रतिनिधि लगाए गए हैं, जो लड़कियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दे रहे हैं। एक ट्रेनर ने बताया कि लड़कियों का किसी भी तरह के आकस्मिक खतरे से निपटने के लिए इन कलाओं में दक्ष होना काफी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की ट्रेनिंग से न सिर्फ आकस्मिक परिस्थितियों से निपटा जा सकता है बल्कि अचानक कहीं फंस जाने पर किस तरह अपना रास्ता बनाना है, यह भी सीख मिलती है।
मेजर जनरल अशोक नरला का इस मुहिम पर कहना है, 'हमें पता है कि हमें आंतरिक मोर्चे पर स्थिति से निपटना है और हम अपेक्षित नतीजों के साथ यह कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के साथ बातचीत के दौरान मैंने महसूस किया कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान तो हैं ही, साथ ही अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतिति भी हैं।’