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कश्मीरी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी नौकरशाही की निरंकुश ताकत का नतीजा: उमर अब्दुल्ला

श्रीनगर, 15 जून (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि कश्मीरी राजनीतिक कार्यकर्ता को उसकी टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया जाना नौकरशाही की 'निरंकुश' ताकत का नतीजा है। अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसे बयान के लिए किसी को जेल भेजा जाना जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ हो, अस्वीकार्य है। जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले के सफापोरा के सज्जाद राशि सोफी (50) ने, 10 जून को मानसबल में ‘जनता दरबार’ के दौरान उप राज्यपाल के सलाहकार बशीर खान से कहा था कि वह क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के बारे में केंद्र शासित प्रदेश में

भाषा 15 Jun 2021, 8:59 pm
श्रीनगर, 15 जून (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि कश्मीरी राजनीतिक कार्यकर्ता को उसकी टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया जाना नौकरशाही की 'निरंकुश' ताकत का नतीजा है। अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसे बयान के लिए किसी को जेल भेजा जाना जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ हो, अस्वीकार्य है।

जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले के सफापोरा के सज्जाद राशि सोफी (50) ने, 10 जून को मानसबल में ‘जनता दरबार’ के दौरान उप राज्यपाल के सलाहकार बशीर खान से कहा था कि वह क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के बारे में केंद्र शासित प्रदेश में बाहर से आए अधिकारियों की तुलना में बेहतर समझ रखते हैं क्योंकि वह स्थानीय निवासी हैं।

सोफी की टिप्पणी से गांदरबल की उपायुक्त कृतिका ज्योत्सना नाराज हो गईं और पुलिस रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने अपनी सीट से खड़े होकर सोफी के बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। ज्योत्सना उत्तर प्रदेश कॉडर की आईएएस अधिकारी हैं।

उसी रात सोफी को पुलिस ने तलब किया और भारतीय दंड संहिता की धारा 153 के तहत उस पर मामला दर्ज किया। अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “किसी को हिरासत में लेने का इससे बदतर कारण मुझे नहीं समझ में आता। मुझे इसलिए हिरासत में लिया गया था क्योंकि मैंने लोगों से वोट करने की अपील की थी। ऐसा मत देने पर जिससे किसी को नुकसान न हो, किसी को जेल भेज देना स्वीकार्य नहीं है। ऐसा तब होता है जब नौकरशाही की ताकत निरंकुश हो जाती है।”

सोफी को यहां एक स्थानीय अदालत से शनिवार को जमानत मिल गई। इसके बाद भी पुलिस ने सोफी को रिहा नहीं किया और उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 107 के तहत मामला दर्ज कर लिया। इस धारा में मामला दर्ज होने पर किसी ऐसे व्यक्ति को निवारक हिरासत में रखा जा सकता है जिससे शांति को खतरा हो।

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