नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देनेवाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के मोदी सरकार के प्रस्ताव को संसद में लाने से कई दिन पहले भारतीय सेना ओर दूसरे सुरक्षा बलों ने कश्मीर में संभावित जोखिम वाले इलाकों की पहचान कर ली थी। इसके ऐलान के बाद अगर हालात बिगड़ें तो उन्हें किस तरह नियंत्रित किया जाए, सुरक्षा बलों ने इसकी भी तैयारी कर ली थी। इसके अलावा पाकिस्तान सेना की सीमा पार से भारत में आतंकवादी भेजने की कोशिशों पर लगाम लगाने के लिए भारतीय सेना ने नॉर्थईस्ट से अतिरिक्त ब्रिगेड मंगाकर एलओसी पर तैनात कर दी। सेना के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया, 'कुछ जगहों, खासकर दक्षिण कश्मीर में स्थानीय कमांडरों ने विरोध प्रदर्शनों से निबटने की तैयारी शुरू कर दी थी। कुछ जगहों पर खुद आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने सेना की तैयारी का मूल्यांकन किया।'
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फैसले की जानकारी नहीं थी पर पता था कुछ होने वाला है
सूत्रों का कहना है कि स्थानीय कमांडरों को यह तो नहीं बताया गया था कि सरकार किस फैसले का ऐलान करने वाली है लेकिन उनसे यह जरूर कहा गया था कि घाटी से जुड़ी कोई बड़ी खबर हो सकती है। अपनी तैयारियों के क्रम में सालाना अमरनाथ यात्रा और गर्मियों में सीमापार से घुसपैठ की शुरुआत होने से पहले भारतीय सेना ने पूर्वी कमांड से एक इन्फैंट्री ब्रिगेड को कश्मीर की एलओसी पर तैनात कर दिया था।
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हाई अलर्ट पर हैं तमाम सुरक्षाबल
जानकारों का कहना है कि घाटी में पहले से मौजूद 45 हजार पैरामिलिट्री बलों के साथ सुरक्षाबलों की ताजा तैनाती सीमा पार से पाकिस्तानी इरादों और घाटी में मौजूद अलगावादियों की कोशिशों को नाकाम करने के लिए काफी है। सेना ने घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और रेगुलर सुरक्षाबलों को भी हाई अलर्ट पर रखा है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि इस समय कश्मीर घाटी में करीब 250 सक्रिय आतंकवादी हैं लेकिन किसी भी कीमत पर उन्हें वहां का माहौल खराब नहीं करने दिया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देनेवाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के मोदी सरकार के प्रस्ताव को संसद में लाने से कई दिन पहले भारतीय सेना ओर दूसरे सुरक्षा बलों ने कश्मीर में संभावित जोखिम वाले इलाकों की पहचान कर ली थी। इसके ऐलान के बाद अगर हालात बिगड़ें तो उन्हें किस तरह नियंत्रित किया जाए, सुरक्षा बलों ने इसकी भी तैयारी कर ली थी।
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फैसले की जानकारी नहीं थी पर पता था कुछ होने वाला है
सूत्रों का कहना है कि स्थानीय कमांडरों को यह तो नहीं बताया गया था कि सरकार किस फैसले का ऐलान करने वाली है लेकिन उनसे यह जरूर कहा गया था कि घाटी से जुड़ी कोई बड़ी खबर हो सकती है। अपनी तैयारियों के क्रम में सालाना अमरनाथ यात्रा और गर्मियों में सीमापार से घुसपैठ की शुरुआत होने से पहले भारतीय सेना ने पूर्वी कमांड से एक इन्फैंट्री ब्रिगेड को कश्मीर की एलओसी पर तैनात कर दिया था।
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हाई अलर्ट पर हैं तमाम सुरक्षाबल
जानकारों का कहना है कि घाटी में पहले से मौजूद 45 हजार पैरामिलिट्री बलों के साथ सुरक्षाबलों की ताजा तैनाती सीमा पार से पाकिस्तानी इरादों और घाटी में मौजूद अलगावादियों की कोशिशों को नाकाम करने के लिए काफी है। सेना ने घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और रेगुलर सुरक्षाबलों को भी हाई अलर्ट पर रखा है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि इस समय कश्मीर घाटी में करीब 250 सक्रिय आतंकवादी हैं लेकिन किसी भी कीमत पर उन्हें वहां का माहौल खराब नहीं करने दिया जाएगा।