उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों को ''अपना अहंकार छोड़कर'' वार्ता के लिए आगे आना चाहिए। अब्दुल्ला ने घाटी में आतंकवाद के खात्मे के लिए केंद्र से जम्मू-कश्मीर के लोगों का दिल जीतने की भी अपील की।
अब्दुल्ला ने एक किताब के विमोचन कार्यक्रम से इतर संवाददताओं से बातचीत में हमले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोके जाने की जरूरत है।
आतंकवादियों ने संसद पर हुए हमले की 20वीं बरसी पर सोमवार को श्रीनगर के बाहरी हिस्से में जम्मू-कश्मीर पुलिस की बस पर गोलीबारी की, जिसमें दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए।
उन्होंने कहा, "मैं कहता रहूंगा कि भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए, चाहे आप (मेरी) कितनी भी आलोचना करें। देवेगौड़ा ने भी कोशिश की थी (जब वह प्रधानमंत्री थे)। अटल बिहारी वाजपेयी ने भी कोशिश की थी...।"