अमित भट्टाचार्य, श्रीनगर/नई दिल्ली
उत्तर भारत के पहाड़ों पर शुक्रवार को एक बार फिर बर्फबारी हुई है। इस साल जनवरी में यह पांचवीं बार है जब यहां बर्फबारी देखने को मिली है। इस बीच जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में सोमवार और मंगलवार को भारी से बहुत भारी स्नोफॉल की आशंका जताई गई है। इसके साथ ही उत्तराखंड में भी मौसम खराब होने का अनुमान है। यह भी पढ़ें: कश्मीर घाटी में भारी बर्फबारी, जनजीवन प्रभावित
24 से 26 जनवरी के बीच एक बार फिर बर्फबारी के नए दौर की शुरुआत होने की संभावना है। ऐसे में गणतंत्र दिवस से पहले छुट्टियों के बीच बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए निकलने वाले लोग उत्तराखंड और खास तौर पर हिमाचल प्रदेश का रुख करने की सोच रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय केंद्र के प्रमुख बीपी यादव का कहना है, 'हमने जम्मू-कश्मीर में शनिवार से मंगलवार तक रेल अलर्ट जारी किया है। हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में सोमवार और मंगलवार को बहुत भारी बर्फबारी और बारिश की आशंका है। उत्तराखंड के लिए सोमवार और मंगलवार को हल्के स्तर का अलर्ट जारी किया गया है।' (यहां देखें विडियो)
आम तौर पर चार से पांच के बजाए इस जनवरी में कम से कम छह पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) सक्रिय हैं। यह पिछले कुछ वर्षों में सबसे ज्यादा है। इस सीजन के मुकाबले पिछली जनवरी के दौरान हुए स्नोफॉल में नासा के सैटलाइट चित्रों के जरिए साफ अंतर देखा जा सकता है।
यह भी पढ़ें: बारिश और बर्फबारी, उत्तर भारत में बढ़ेगी सर्दी
उत्तर भारत में गर्मी के महीनों में पानी की उपलब्धता के लिए अच्छी बर्फबारी काफी अहम है। देहरादून में वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जिऑलजी के वैज्ञानिक डीपी डोभाल का कहना है, 'पिछले तीन साल के दौरान उत्तराखंड में हुआ यह सबसे अच्छा स्नोफॉल है। हिमालय की नदियों के लिए बर्फ पानी का प्रमुख स्रोत है। इसी से उत्तरी मैदानी इलाकों की जरूरत पूरी होती है। अगर फरवरी और मार्च में दो से तीन बार और बर्फबारी हो गई तो गर्मी के चरम पर पहुंचने तक नदियों में जल का प्रवाह काफी ज्यादा रहेगा।'
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उत्तर भारत के पहाड़ों पर शुक्रवार को एक बार फिर बर्फबारी हुई है। इस साल जनवरी में यह पांचवीं बार है जब यहां बर्फबारी देखने को मिली है। इस बीच जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में सोमवार और मंगलवार को भारी से बहुत भारी स्नोफॉल की आशंका जताई गई है। इसके साथ ही उत्तराखंड में भी मौसम खराब होने का अनुमान है।
24 से 26 जनवरी के बीच एक बार फिर बर्फबारी के नए दौर की शुरुआत होने की संभावना है। ऐसे में गणतंत्र दिवस से पहले छुट्टियों के बीच बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए निकलने वाले लोग उत्तराखंड और खास तौर पर हिमाचल प्रदेश का रुख करने की सोच रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय केंद्र के प्रमुख बीपी यादव का कहना है, 'हमने जम्मू-कश्मीर में शनिवार से मंगलवार तक रेल अलर्ट जारी किया है। हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में सोमवार और मंगलवार को बहुत भारी बर्फबारी और बारिश की आशंका है। उत्तराखंड के लिए सोमवार और मंगलवार को हल्के स्तर का अलर्ट जारी किया गया है।' (यहां देखें विडियो)
आम तौर पर चार से पांच के बजाए इस जनवरी में कम से कम छह पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) सक्रिय हैं। यह पिछले कुछ वर्षों में सबसे ज्यादा है। इस सीजन के मुकाबले पिछली जनवरी के दौरान हुए स्नोफॉल में नासा के सैटलाइट चित्रों के जरिए साफ अंतर देखा जा सकता है।
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उत्तर भारत में गर्मी के महीनों में पानी की उपलब्धता के लिए अच्छी बर्फबारी काफी अहम है। देहरादून में वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जिऑलजी के वैज्ञानिक डीपी डोभाल का कहना है, 'पिछले तीन साल के दौरान उत्तराखंड में हुआ यह सबसे अच्छा स्नोफॉल है। हिमालय की नदियों के लिए बर्फ पानी का प्रमुख स्रोत है। इसी से उत्तरी मैदानी इलाकों की जरूरत पूरी होती है। अगर फरवरी और मार्च में दो से तीन बार और बर्फबारी हो गई तो गर्मी के चरम पर पहुंचने तक नदियों में जल का प्रवाह काफी ज्यादा रहेगा।'
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