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श्रीनगरः मुदस्सिर मारा गया लेकिन जैश-ए-मोहम्मद का हैंडलर आशिक नेगरू हुआ फरार

14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मुदस्सिर अहम खान को एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। सुरक्षाबलों के लिए इसे बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि जैश ए मोहम्मद का हैंडलर आशिक नेगरू फरार हो गया।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 12 Mar 2019, 10:03 am
श्रीनगर
नवभारतटाइम्स.कॉम फाइल फोटो
फाइल फोटो

खुफिया सुरागों के आधार पर, सुरक्षा बलों ने सोमवार को पिंगलिश में एक तलाशी अभियान चलाया। यह तलाशी अभियान पुलवामा अटैक में शामिल आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में बदल गया। इस मुठभेड़ में पुलवामा आतंकी हमले का एक साजिशकर्ता मुदस्सिर और एक अन्य आतंकवादी का मार दिया गया जबकि जैश का एक मोहम्मद का हैंडलर आशिक नेगरू फरार है।

जांच में यह भी सामने आया है कि पुलवामा हमले में जो विस्फोटक प्रयोग किया गया था वह कराची का रहने वाले मुफ्ती अब्दुल्ला नाम का युवक लेकर आया था। मुफ्ती अब्दुल्ला भी 26 जनवरी को खानमोह में एक स्थानीय जैश आतंकवादी के साथ मुठभेड़ में मारा जा चुका है।

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जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना के चिनार कोर के कोर कमांडर, केजेएस ढिल्लन ने कहा, 'हमने 18 खूंखार आतंकवादियों (पुलवामा हमले के बाद से) को खत्म कर दिया है, उनमें से 14 अकेले जैश ए मोहम्मद के थे। इसके अलावा, 14 में से छह मुख्य कमांडर थे। और आज (सोमवार) को जेएमएम के दूसरे कमांडर और पुलवामा हमले का मुख्य साजिशकर्ता मुदस्सिर भी मार दिया गया।'

घरवालों ने नहीं लिया मुदस्सिर का शव
केजेएस ढिल्लन ने बताया कि आंतकवादी मुदस्सिर के एनकाउंटर के बाद उसका शव सौंपने के लिए उसके घरवालों से संपर्क किया गया था लेकिन उन्होंने उसका शव लेने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि शव बुरी तरह से जल चुका है और वे उसकी शिनाख्त नहीं कर सकते। शवों के डीएनए टेस्ट कराए जाएंगे।

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इंजिनियर से बना था आतंकी
पुलवामा के एक मजदूर का 23 साल का बेटा मुदस्सिर ग्रेजुएट था। उसने इंजिनियरिंग डिप्लोमा भी कर रखा था। फरवरी 2018 में सुंजवान आर्मी कैंप पर हमले में वह भी शामिल था, जिसमें 6 जवान शहीद हो गए थे। जनवरी 2018 में लठपुरा में सीआरपीएफ कैंप पर हमले में भी उसे शामिल माना गया, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए थे।

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