श्रीनगर
सरकारी कर्मचारियों के आतंकी संगठनों से संबंध को लेकर जम्मू-कश्मीर के गवर्नर मनोज सिन्हा सख्त हो गए हैं। राज्यपाल ने बुधवार को एक बार फिर 6 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। इन पर आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने और उनके लिए ओवरग्राउंड वर्कर्स के रूप में काम करने का आरोप है। हटाए गए कर्मियों में जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो सिपाही भी शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्यपाल की तरफ से एक कमिटी का गठन किया गया है, जिसकी सिफारिश पर यह कार्रवाई की जा रही है। इसके पहले जुलाई में भी 11 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया था। इसमें हिजबुल कमांडर सैयद सलाहुद्दीन का बेटा भी था। दो पुलिसकर्मी भी बर्खास्त किए गए थे। इन सब पर आरोप था कि ये आतंकी संगठनों के लिए ओवरग्राउंड वर्कर्स के तौर पर काम कर रहे थे। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गवर्नर के इस फैसले पर जमकर विरोध जताया था।
देशद्रोहियों का समर्थन करने पर जाएगी नौकरी
कुछ समय पहले जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आदेश जारी किया था कि देशद्रोहियों का समर्थन करने वाले सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। देश की संप्रभुता, संविधान और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनने वाले तत्वों का समर्थन करने पर सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी रूप में खतरा साबित होता है या फिर विदेशी हितों के लिए काम करते हुए पाया जाता है तो उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।
सरकारी कर्मचारियों के आतंकी संगठनों से संबंध को लेकर जम्मू-कश्मीर के गवर्नर मनोज सिन्हा सख्त हो गए हैं। राज्यपाल ने बुधवार को एक बार फिर 6 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। इन पर आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने और उनके लिए ओवरग्राउंड वर्कर्स के रूप में काम करने का आरोप है। हटाए गए कर्मियों में जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो सिपाही भी शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्यपाल की तरफ से एक कमिटी का गठन किया गया है, जिसकी सिफारिश पर यह कार्रवाई की जा रही है। इसके पहले जुलाई में भी 11 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया था। इसमें हिजबुल कमांडर सैयद सलाहुद्दीन का बेटा भी था। दो पुलिसकर्मी भी बर्खास्त किए गए थे। इन सब पर आरोप था कि ये आतंकी संगठनों के लिए ओवरग्राउंड वर्कर्स के तौर पर काम कर रहे थे। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गवर्नर के इस फैसले पर जमकर विरोध जताया था।
देशद्रोहियों का समर्थन करने पर जाएगी नौकरी
कुछ समय पहले जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आदेश जारी किया था कि देशद्रोहियों का समर्थन करने वाले सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। देश की संप्रभुता, संविधान और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनने वाले तत्वों का समर्थन करने पर सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी रूप में खतरा साबित होता है या फिर विदेशी हितों के लिए काम करते हुए पाया जाता है तो उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।