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Kashmir Encounter : कुपवाड़ा में मारे गए लश्कर के 3 आतंकी, मुठभेड़ में पोर्टर की भी मौत

Jammu Kashmir news : सेना के प्रवक्ता ने कहा कि मुठभेड़ में जम्मू कश्मीर के एक नागरिक की भी जान चली गई। उन्होंने कहा कि इलाके की तलाशी के दौरान तीन आतंकवादियों के शव, तीन एके राइफल, एक पिस्तौल, छह ग्रेनेड और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और आईईडी मिले।

Edited byशशि मिश्रा | भाषा 26 May 2022, 11:12 pm
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों ने गुरुवार को तीन आतंकी मार गिराए। ये तीनों भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे, जिसे नाकाम कर दिया गया। मारे गए तीनों आतंकीवादी लश्कर-ए-तैयबा के बताए जा रहे हैं। हालांकि आतंकियों के एनकाउंटर के दौरान सेना के साथ काम करने वाले एक पोर्टर की भी मौत हो गई।
नवभारतटाइम्स.कॉम Kashmir terrorist
सांकेतिक चित्र


रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि सेना ने 26 मई, 2022 को केरन सेक्टर के अग्रिम इलाकों में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। इस कार्रवाई में तीन आतंकवादी मारे गए और बड़ी मात्रा में हथियार एवं गोला बारूद बरामद किया गया है।

तलाशी अभियान के बाद मिली सफलता
विभाग ने बताया कि पुलिस सहित कई एजेंसियों की संयुक्त खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान शुरू किया गया था। उन्होंने कहा, 'कई खोजी दलों का गठन किया गया था, जिन्होंने तलाशी अभियान चलाया। नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब अग्रिम इलाके में 26 मई को सुबह 4.45 बजे आतंकवादियों के साथ आमना-सामना हुआ जिससे भारी गोलीबारी हुई।'

प्रवक्ता ने कहा कि मुठभेड़ में एक नागरिक की भी जान चली गई। उन्होंने कहा, 'इलाके की तलाशी के दौरान तीन आतंकवादियों के शव, तीन एके राइफल, एक पिस्तौल, छह ग्रेनेड और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और आईईडी मिले।'

प्रवक्ता ने कहा कि 'जम्मू कश्मीर में आतंक का निर्यात' पिछले तीन दशकों में पाकिस्तान की सरकारी नीति रही है। भारतीय सेना के प्रभावी अभियानों और घाटी में आने वाले पर्यटकों की बड़ी संख्या से पैदा शांति के परिणामस्वरूप पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (पीओजेके) में आतंकवादी आकाओं की बढ़ती हताशा स्पष्ट है।

प्रवक्ता ने कहा, 'तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों का मारा जाना और बड़ी मात्रा में हथियारों की बरामदगी स्थानीय लोगों की शांति और समृद्धि और आसन्न अमरनाथ यात्रा को बाधित करने के इरादे का स्पष्ट संकेत है।'
लेखक के बारे में
शशि मिश्रा
"शशि पांडेय ने 2007 में पत्रकारिता की शुरुआत अमर उजाला से की। फिर दैनिक जागरण कानपुर से घिसाई। सहारा में पॉलिशिंग और नवभारत टाइम्स में मिली ऐसी चमक जो अभी तक बरकरार है। शौक़: लिखना, घूमना और नये लोगों से नई- नई जानकारियां लेना. फ़ंडा: जीवन में हर किसी के पास दो रास्ते होते हैं, भाग लो (Run) या भाग लो (Part). मेरी लाइफ का फ़ंडा, भागने की जगह भाग लेना है."... और पढ़ें

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