श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर में कड़ी सुरक्षा के बीच निकाय चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग सुबह सात बजेसे शुरू हो गई है। इस फेज में शहरी निकाय के 96 वॉर्डों में मतदान हो रहा है। इस चरण में जिन इलाकों में मतदान हो रहा है, उनमें से ज्यादातर वॉर्ड अलगाववादियों के प्रभाव वाले क्षेत्र में हैं। वहीं कुछ वॉर्ड दक्षिण कश्मीर में होने की वजह से कम वोटिंग होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
कश्मीर घाटी में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से वहां मतदान का प्रतिशत आमतौर पर कम रहा है। हालांकि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में उरी के 13 वॉर्डों में मतदान का प्रतिशत ऊंचा रहने की संभावना है। यहां जहां पारंपरिक रूप से हर चुनाव में उच्च मतदान होता रहा है। वहीं, अनंतनाग में मट्टन क्षेत्र के वॉर्डों में अच्छी वोटिंग के आसार हैं, जहां कश्मीरी प्रवासियों की अच्छी खासी संख्या है।
पहले दो चरण में वोटिंग का आंकड़ा
जम्मू-कश्मीर के शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 1.26 लाख मतदाताओं वाले जम्मू में मतदान प्रतिशत 80 प्रतिशत रहा जबकि 2.20 लाख मतदाताओं वाले कश्मीर में मतदान कम हुआ। यहां केवल 3.4 प्रतिशत ही मत पड़े। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में दूसरे चरण में, 3.47 लाख मतदाता थे, कुल 31.3 प्रतिशत मतदान हुआ।
पहले चरण में भी कश्मीर में केवल 8.3 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में 65 प्रतिशत मत पड़े थे। अधिकारियों ने बताया कि 19 वॉर्ड वाले श्रीनगर नगर निगम में कुल 1.78 लाख मतदाता हैं, लेकिन यहां केवल 2.3 प्रतिशत मत ही पड़े जबकि 8,300 मतदाताओं वाले बांदीपोरा में 34.2 प्रतिशत मतदान हुआ।
चौथे और आखिरी चरण का चुनाव 16 अक्टूबर को होगा। राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव आतंकियों की धमकी और राज्य की दो बड़ी पार्टियों, नैशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) के चुनाव बहिष्कार के बीच हो रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में कड़ी सुरक्षा के बीच निकाय चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग सुबह सात बजेसे शुरू हो गई है। इस फेज में शहरी निकाय के 96 वॉर्डों में मतदान हो रहा है। इस चरण में जिन इलाकों में मतदान हो रहा है, उनमें से ज्यादातर वॉर्ड अलगाववादियों के प्रभाव वाले क्षेत्र में हैं। वहीं कुछ वॉर्ड दक्षिण कश्मीर में होने की वजह से कम वोटिंग होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
कश्मीर घाटी में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से वहां मतदान का प्रतिशत आमतौर पर कम रहा है। हालांकि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में उरी के 13 वॉर्डों में मतदान का प्रतिशत ऊंचा रहने की संभावना है। यहां जहां पारंपरिक रूप से हर चुनाव में उच्च मतदान होता रहा है। वहीं, अनंतनाग में मट्टन क्षेत्र के वॉर्डों में अच्छी वोटिंग के आसार हैं, जहां कश्मीरी प्रवासियों की अच्छी खासी संख्या है।
पहले दो चरण में वोटिंग का आंकड़ा
जम्मू-कश्मीर के शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 1.26 लाख मतदाताओं वाले जम्मू में मतदान प्रतिशत 80 प्रतिशत रहा जबकि 2.20 लाख मतदाताओं वाले कश्मीर में मतदान कम हुआ। यहां केवल 3.4 प्रतिशत ही मत पड़े। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में दूसरे चरण में, 3.47 लाख मतदाता थे, कुल 31.3 प्रतिशत मतदान हुआ।
पहले चरण में भी कश्मीर में केवल 8.3 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में 65 प्रतिशत मत पड़े थे। अधिकारियों ने बताया कि 19 वॉर्ड वाले श्रीनगर नगर निगम में कुल 1.78 लाख मतदाता हैं, लेकिन यहां केवल 2.3 प्रतिशत मत ही पड़े जबकि 8,300 मतदाताओं वाले बांदीपोरा में 34.2 प्रतिशत मतदान हुआ।
चौथे और आखिरी चरण का चुनाव 16 अक्टूबर को होगा। राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव आतंकियों की धमकी और राज्य की दो बड़ी पार्टियों, नैशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) के चुनाव बहिष्कार के बीच हो रहे हैं।