श्रीनगर
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की ओर से सभी सरकारी भवनों में तिरंगा झंडा फहराए जाने के आदेश पर महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि राज्य प्रशासन (Jammu and kashmir News) के दिल में असुरक्षा की भावना है। मुफ्ती ने कहा कि देश में कही भी राज्यपाल ऐसा आदेश जारी नहीं करते। फिर कश्मीर में यह आदेश क्यों जारी किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप भी लगाया कि कश्मीर में किसी को भी अपनी बात रखने की आजादी नहीं है। बता दें कि बीते दिनों उपराज्यपाल ने आदेश जारी किया था कि जम्मू-कश्मीर के सभी सरकारी भवनों पर 15 दिनों के अंदर तिरंगा झंडा फहराया जाए। जब इस बारे में बुधवार को महबूबा मुफ्ती से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं इस पर क्या बोलूं। कहीं न कहीं इनके (केंद्र सरकार के) दिल में गैर यकीनियत (अविश्वास की भावना) है। इन लोगों में असुरक्षा की भावना है।' उन्होंने कहा कि पूरे देश में कोई भी राज्यपाल ऐसा आदेश जारी नहीं करता तो फिर जम्मू-कश्मीर में ऐसा क्यों?
पहले भी दिया था 'विवादित' बयान
मुफ्ती ने आगे कहा, 'केंद्र सरकार को एहसास-ए-कमतरी है। उनमें सेंस ऑफ इनसिक्यॉरिटी (असुरक्षा की भावना) है।' उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर में किसी का भी अपनी राय रखना जुर्म है। उन्होंने कहा कि रोज नए-नए कानून लाकर लोगों की जुबान बंद करने की कोशिश की जा रही है। मुफ्ती इससे पहले भी तिरंगा न फहराने से संबंधित बयान देकर विवादों में रह चुकी हैं। बीते साल अक्टूबर में दिए अपने एक बयान में उन्होंने कहा था कि जब तक मेरा झंडा (जम्मू-कश्मीर का झंडा) हमारे पास वापस नहीं आ जाता, मैं कोई भी दूसरा झंडा नहीं उठाऊंगी।
वहीं, मुफ्ती के बयान की बीजेपी नेता रविंद्र रैना ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और हर किसी के पास जन्मसिद्ध अधिकार है कि वह तिरंगा फहराए। कश्मीर घाटी में हर कोई तिरंगा खुशी से फहराता है लेकिन महबूबा मुफ्ती जैसे नेता जो राष्ट्रद्रोहियों के टोन में बोलती हैं, वे इससे दुख में हैं।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की ओर से सभी सरकारी भवनों में तिरंगा झंडा फहराए जाने के आदेश पर महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि राज्य प्रशासन (Jammu and kashmir News) के दिल में असुरक्षा की भावना है। मुफ्ती ने कहा कि देश में कही भी राज्यपाल ऐसा आदेश जारी नहीं करते। फिर कश्मीर में यह आदेश क्यों जारी किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप भी लगाया कि कश्मीर में किसी को भी अपनी बात रखने की आजादी नहीं है।
पहले भी दिया था 'विवादित' बयान
मुफ्ती ने आगे कहा, 'केंद्र सरकार को एहसास-ए-कमतरी है। उनमें सेंस ऑफ इनसिक्यॉरिटी (असुरक्षा की भावना) है।' उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर में किसी का भी अपनी राय रखना जुर्म है। उन्होंने कहा कि रोज नए-नए कानून लाकर लोगों की जुबान बंद करने की कोशिश की जा रही है। मुफ्ती इससे पहले भी तिरंगा न फहराने से संबंधित बयान देकर विवादों में रह चुकी हैं। बीते साल अक्टूबर में दिए अपने एक बयान में उन्होंने कहा था कि जब तक मेरा झंडा (जम्मू-कश्मीर का झंडा) हमारे पास वापस नहीं आ जाता, मैं कोई भी दूसरा झंडा नहीं उठाऊंगी।
वहीं, मुफ्ती के बयान की बीजेपी नेता रविंद्र रैना ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और हर किसी के पास जन्मसिद्ध अधिकार है कि वह तिरंगा फहराए। कश्मीर घाटी में हर कोई तिरंगा खुशी से फहराता है लेकिन महबूबा मुफ्ती जैसे नेता जो राष्ट्रद्रोहियों के टोन में बोलती हैं, वे इससे दुख में हैं।