ऐपशहर

35-ए के साथ खिलवाड़ संविधान के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ जैसा: महबूबा

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 35-A की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई टाल दी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर आज सुनवाई नहीं कर सकते हैं। मामले की अगली सुनवाई अब 27 अगस्त को होगी। कोर्ट द्वारा सुनवाई टालने के फैसले को जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने लोगों को अंतरिम राहत देने वाला बताया है।

एजेंसियां 6 Aug 2018, 11:32 pm
श्रीनगर
नवभारतटाइम्स.कॉम mehbooba mufti said changing 35 a status will be violation of constitution
35-ए के साथ खिलवाड़ संविधान के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ जैसा: महबूबा

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 35-A की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई टाल दी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर आज सुनवाई नहीं कर सकते हैं। मामले की अगली सुनवाई अब 27 अगस्त को होगी। कोर्ट द्वारा सुनवाई टालने के फैसले को जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने लोगों को अंतरिम राहत देने वाला बताया है।

सोमवार को सुनवाई टलने के बाद अपने ट्वीट में महबूबा ने कहा है कि धारा 35-A के तहत हुए संवैधानिक प्रावधानों की गरिमा बनी रहनी चाहिए क्योंकि इसपर विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा आम सहमति बनाई गई है। अपने ट्वीट में महबूबा ने लिखा, 'अनुच्छेद 35-A पर सुनवाई टलना कोई हल नहीं है बल्कि यह जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए अंतरिम राहत लेकर आया है। इस प्रावधान के तहत मिले दर्जे को लेकर अनिश्चितता के बादल मंडराने से लोगों के मन में चिंता और घबराहट की स्थिति बन गई है।'


भारत का संविधान ही सर्वोच्च कानून
एक अन्य ट्वीट में महबूबा ने कहा कि भारत का संविधान सर्वोच्च कानून है और उसने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान किया है। अपने ट्वीट में महबूबा ने कहा कि संविधान के प्रावधान के साथ छेड़छाड़ उसके मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा।


क्या है संविधान का आर्टिकल 35-ए?
आर्टिकल 35-A को 1954 में राष्ट्रपति के आदेश से संविधान में जोड़ा गया था। अनुच्छेद 35-A को लागू करने के लिए तत्कालीन सरकार ने धारा 370 के अंतर्गत मिली शक्तियों का इस्तेमाल किया था। यह कानून जम्मू-कश्मीर के बाहर के किसी व्यक्ति को राज्य में संपत्ति खरीदने से रोकता है। साथ ही, कोई बाहरी शख्स राज्य सरकार की योजनाओं का फायदा भी नहीं उठा सकता है और न ही वहां सरकारी नौकरी पा सकता है।

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग