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टेरर फंडिंगः पाकिस्तानी उच्चायोग के जरिए हुर्रियत नेताओं तक पहुंचती थी रकम

जम्मू-कश्मीर में सक्रिय अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं को पाकिस्तान से आतंकी फंडिंग के मामले में कई सनसनीखेज तथ्य सामने आ रहे हैं। एनआईए के मुताबिक टेरर फंडिंग में सीधे तौर पर पाकिस्तान के उच्चायोग की संलिप्तता उजागर हुई है...

एजेंसियां 19 Aug 2017, 3:25 pm
श्रीनगर
नवभारतटाइम्स.कॉम kjs
सांकेतिक तस्वीर

जम्मू-कश्मीर में सक्रिय अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं को पाकिस्तान से आतंकी फंडिंग के मामले में कई सनसनीखेज तथ्य सामने आ रहे हैं। एनआईए के मुताबिक टेरर फंडिंग में सीधे तौर पर पाकिस्तान के उच्चायोग की संलिप्तता उजागर हुई है। मामले की जांच में जुटी एनआईए के सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान से मिलने वाली टेरर फंडिंग में हुर्रियत के नेता सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नसीम गिलानी भी बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं।

एनआईए के सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान और दुबई से टेरर फंडिंग के नाम पर नसीम गिलानी को भी रकम मिला करती थी। कश्मीरी कारोबारी जहूर अहमद वटाली को टेरर फंडिंग की रकम दुबई और पाकिस्तान से मिलती थी। उसे यह रकम भारत में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के जरिए हासिल होती थी। इस बीच शुक्रवार की सुबह दिल्ली की एक अदालत ने जहूर वटाली को 10 दिन के लिए एनआईए की रिमांड पर भेज दिया।

वटाली के कारनामें का सबसे बड़ा सबूत उसके पास से बरामद डायरियां हैं। इन डायरियों में पिछले कई सालों में उसके द्वारा की गई फंडिंग का पूरा हिसाब है। एनआईए ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के मामले में कश्मीर के नामी-गिरामी कारोबारी और वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के करीबी जहूर वटाली को श्रीनगर से गिरफ्तार किया था।

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