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Rakesh Pandita Murder: BJP नेता ने सुरक्षा पर उठाए सवाल, कहा- ऐसे कैसे 3 आतंकी त्राल में आ गए?

कश्मीर में कश्मीरी पंडितों पर हुए हमलों ने सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। कश्मीर में आतंकियों की तरफ से एक साल के अंदर दो कश्मीर के बड़े नेताओं की हत्या कर दी गई है। जिससे सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए है।

Lipi 4 Jun 2021, 8:52 am
गोविंद चौहान, श्रीनगर
नवभारतटाइम्स.कॉम question mark on kashmiri leaders secuirty in kashmir
Rakesh Pandita Murder: BJP नेता ने सुरक्षा पर उठाए सवाल, कहा- ऐसे कैसे 3 आतंकी त्राल में आ गए?

कश्मीर में कश्मीरी पंडितों पर हो रहे हमलों से सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रदेश प्रधान रविन्द्र रैना ने गुरुवार को केंन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी बात की है। जिसके बाद उन्होंने कहा कि गृह मंत्री की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि जल्द ठोस कदम उठाया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, बुधवार को आतंकियों ने त्राल में नेता राकेश पंडिता की हत्या कर दी। आतंकियों ने उन्हें उस समय निशाना बनाया। जब वह अपने दोस्त के घर आए थे। तीन आतंकियों ने उन पर हमला किया था। जिसमें मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। राकेश बीजेपी को कश्मीर में आगे बढ़ाने का काम कर रे थे। दूसरा कश्मीरी पंडितों की वापसी के काम में लगे हुए थे। गुरुवार को राकेश का जम्मू के बनतालाब इलाके में अंतिम संस्कार किया गया।

पिछले साल भी हुई थी बड़े नेता की हत्या
पिछले साल जून में सरपंच अजय पंडिता की अनंतनाग में हत्या की गई थी। वह भी इस जिले का जाना माना चेहरा थे, जोकि कश्मीरियों को वापस लाने के काम में लगे हुए थे। एक साल में ऐसे दो कश्मीरी नेताओं की आतंकियों ने हत्या की है, जिन्होंने कश्मीर में बीजेपी को बढ़ाने किया है। दूसरा चुनाव में जीतने के बाद बाकी कश्मीरियों के लिए मिसाल बने हुए थे। इससे कश्मीरियों को वापस लाने में मदद मिल रही थी। इन दोनों नेताओं की हत्या को लेकर बीजेपी के ही नेताओं ने सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीजेपी संगठन मंत्री अशोक कौल की तरफ से कहा गया कि सुरक्षा में लापरवाही हुई है। ऐसे कैसे तीन आतंकी त्राल में आ गए और सुरक्षाबलों को इसका पता ही नहीं चला।

90 के दशक में शुरू हुआ खूनी खेल
बता दें कि कश्मीरी पंडितों पर हमले 90 के दशक में शुरू हुए थे। 14 सितंबर 1989 को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और जाने-माने वकील कश्मीरी पंडित तिलक लाल तप्लू की हत्या जेकेएलएफ ने कर दी। इस हत्या के बाद दूसरी बड़ी हत्या जस्टिस नील कांत गंजू की हुई थी। उसके बाद कश्मीर में कई कश्मीरी नेताओं की हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया। जिसके चलते कश्मीरी परिवारों ने कश्मीर को छोड़ना शुरू कर दिया था। अब सरकार की तरफ से प्रयास किए जा रहे है कि किसी तरह कश्मीरियों को वापस लाया जा सके। पिछले कुछ चुनावों में कई कश्मीरी नेता जीत कर आए हैं।

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