श्रीनगर\नई दिल्ली: कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Kashmiri separatist leader Yasin Malik) को टेरर फंडिंग केस के दो मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। जबकि चार केस में 10 साल की सजा सुनाई गई। यासीन मलिक की सभी सजा एक साथ चलेंगी। हालांकि एनआईए की तरफ से उम्रकैद की मांग की गई थी। उधर श्रीनगर के मैसूमा में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। यासीन मलिक के समर्थक सुरक्षाबलों पर पथराव कर रहे हैं। श्रीनगर में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF Chief Yasin Malik) के प्रमुख मलिक ने टेरर फंडिंग केस (Terror Funding Case) के एक मामले में सभी आरोप स्वीकार कर लिए थे, जिनमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) के तहत आरोप भी शामिल हैं। इस बीच केस की जांच कर रही एनआईए ने यासीन मलिक को सजा-ए-मौत यानी फांसी की मांग की है। दिल्ली की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने इस मामले में 19 मई को यासीन को दोषी करार दिया था।
@6.23 बजे- यासीन मलिक को उम्रकैद
यासीन मलिक को अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई। दो मामलों में यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई जबकि 4 मामले में 10 साल की सजा दी गई।
@6.12 बजे- जज साहब कोर्टरूम पहुंचे
जज प्रवीण सिंह कोर्टरूम पहुंच चुके हैं। अब यासीन मलिक पर फैसला पढ़ा जाएगा। यासीन मलिक सुरक्षाकर्मियों के घेरे में मौजूद है। एनआईए ने यासीन मलिक के लिए फांसी की सजा की मांग की है।
@5.45 बजे- कोर्टरूम लाया गया यासीन मलिक
कड़ी सुरक्षा के बीच यासन मलिक को लॉकअप से कोर्ट रूम लाया गया है। अब यहां पर जज का इंतजार हो रहा है। यासीन मलिक की सजा पर कुछ ही देर में ऐलान होने वाला है। इससे पहले फैसले को लिखा गया।
@5.35 बजे- यासीन मलिक की बहन पढ़ रही कुरान
यासीन मलिक की बहन श्रीनगर के मैसूमा स्थित आवास पर कुरान पढ़ रही हैं। यासीन मलिक पर कुछ ही देर में फैसला आने वाला हैं। यासीन मलिक को फांसी या उम्रकैद की सजा हो सकती है। यासीन मलिक की बहन घर की खिड़की पर खड़े होकर कुरान पढ़ रही हैं।
@5.30 बजे- यासीन मलिक के घर के बाहर प्रदर्शन
यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने से पहले श्रीनगर में उसके आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। पुलिस पर पत्थर फेंके जा रहे हैं। महिलाएं भी नारेबाजी कर रही हैं। यासीन मलिक के घर के बाहर सख्त सुरक्षा का पहरा है। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। श्रीनगर में कई बाजार बंद हैं।
@5 बजे- कभी भी आ सकता यासीन मलिक पर फैसला
यासीन मलिक को कोर्ट की हवालात में रखा गया है। यासीन पटियाला हाउस कोर्ट की हवालात में है। कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाई गई, बम निरोधक दस्ता कोर्ट पहुंचा।कोर्ट परिसर की गहनता से जांच की जा रही है।
@4 बजे- लॉकअप रूम में मौजूद है यासीन मलिक
यासीन मलिक पर थोड़ी देर में फैसला आने वाला है। इस वक्त वह लॉकअप में मौजूद है। जबकि कोर्टरूम में आदेश लिखवाया जा रहा है। अभी जज कोर्टरूम में मौजूद नहीं हैं। एनआईए ने यासीन मलिक के लिए फांसी की सजा की मांग की है।
@3:30 बजे- शाम 4 बजे यासीन की सजा पर फैसला
पटियाला हाउस स्पेशल एनआईए कोर्ट शाम चार बजे यासीन मलिक की सजा पर फैसला सुनाएगी। इसको देखते हुए कोर्ट परिसर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। दोपहर मेें कोर्ट ने सजा पर फैसला सुरक्षित रखा था।
@02:50 बजे- यासीन मलिक पर फैसले से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्से बंद
टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराए गए अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा पर अदालत का फैसला आने से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्से बुधवार को बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि लाल चौक की कुछ दुकानों सहित मैसूमा और आसपास के इलाकों में ज्यादातर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि पुराने शहर के कुछ इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन सामान्य रहा। उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था की किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
@1:30 बजे- फांसी की मांग, यासीन बोला- कोर्ट को जो ठीक लगे
केस की जांच कर रही एनआईए ने टेरर फंडिंग और यूएपीए से जुड़े इस मामले में यासीन मलिक को फांसी की सजा देने की मांग की है।कोर्ट में बचाव और अभियोजन पक्ष की ओर से सजा पर बहस हुई। यासीन के वकील फरहान का कहना है कि कोर्ट रूम में यासीन ने कहा कि वह सजा पर कोई बात नहीं करेगा और कोर्ट दिल खोलकर सजा दे सकती है। जब एनआईए की ओर से यासीन को फांसी की सजा देने की मांग की गई तो वह करीब 10 मिनट तक शांत रहा। यासीन ने साथ ही अदालत से कहा कि जब भी उससे सरेंडर के लिए कहा गया उसने आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट को जैसा ठीक लगे उसके लिए वह तैयार है।
@12:50 बजे- यासीन मलिक के खिलाफ 3:30 बजे होगा सजा का ऐलान
टेरर फंडिंग मामले में अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ कोर्ट दोपहर तीन बजकर 30 मिनट पर फैसला सुनाएगी। पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर सीएपीएफ के स्पेशल सेल के जवानों को तैनात किया गया है। कोर्ट परिसर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इससे कुछ देर पहले यासीन मलिक को कड़ी सुरक्षा के बीच NIA कोर्ट में पेश किया गया। यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने 19 मई को दोषी ठहराया था। यासीन समेत एक दर्जन से ज्यादा आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने 18 जनवरी 2018 को चार्जशीट फाइल की थी। 30 मई 2017 को जम्मू-कश्मीर में आतंकी और गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नेटवर्क चलाने के आरोप में यासीन पर केस दर्ज हुआ था। एनआईए ने कोर्ट में कहा था कि यासीन के संगठन जेकेएलएफ के अलावा जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबाऔर हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। सुरक्षाबलों के साथ ही नागरिकों को निशाना बनाया गया। एनआईए ने कोर्ट में कहा कि इन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की आईएसआई का समर्थन भी हासिल है।
@12:20 बजे- यासीन मलिक NIA कोर्ट में लाया गया
टेरर फंडिंग केस में सजा सुनाए जाने के लिए अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली में एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। एनआईए कोर्ट ने 19 मई को दोषी ठहराया था। कुछ देर में कोर्ट सजा का ऐलान करेगी।
कोर्ट ने 19 मई को मलिक को दोषी करार दिया
इससे पहले विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को दोषी करार दिया था और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने को कहा था, ताकि उस पर लगाये जा सकने वाले जुर्माने को निर्धारित किया जा सके। मलिक को अधिकतम सजा के तौर पर मृत्युदंड, जबकि न्यूनतम सजा के तौर पर उम्र कैद सुनाई जा सकती है।
टेरर फंडिंग केस में क्या-क्या कबूला?
यासीन मलिक पर आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, अन्य गैरकानूनी गतिविधियों और कश्मीर में शांति भंग करने का आरोप है। मलिक ने इस मामले में अपना गुनाह कबूल कर लिया था। सुनवाई की आखिरी तारीख पर उसने अदालत के सामने बताया कि वह धारा 16 (आतंकवादी अधिनियम), 17 (आतंकवादी अधिनियम के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य करने की साजिश), यूएपीए की धारा 20 (एक आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होने के नाते) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 124-ए (देशद्रोह) सहित अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का मुकाबला नहीं करेगा।
यासीन मलिक के अलावा इन पर भी आरोप तय
यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, पूर्व विधायक राशिद इंजीनियर, व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली समेत कई अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेता हैं, जिन पर आपराधिक साजिश, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के आरोपों के तहत भी आरोप तय किए गए हैं। यह मामला विभिन्न आतंकी संगठनों- लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल-मुजाहिदीन, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और जैश-ए-मोहम्मद से संबंधित है। यह जम्मू-कश्मीर की स्थिति को बिगाड़ने के लिए आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF Chief Yasin Malik) के प्रमुख मलिक ने टेरर फंडिंग केस (Terror Funding Case) के एक मामले में सभी आरोप स्वीकार कर लिए थे, जिनमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) के तहत आरोप भी शामिल हैं। इस बीच केस की जांच कर रही एनआईए ने यासीन मलिक को सजा-ए-मौत यानी फांसी की मांग की है। दिल्ली की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने इस मामले में 19 मई को यासीन को दोषी करार दिया था।
@6.23 बजे- यासीन मलिक को उम्रकैद
यासीन मलिक को अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई। दो मामलों में यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई जबकि 4 मामले में 10 साल की सजा दी गई।
@6.12 बजे- जज साहब कोर्टरूम पहुंचे
जज प्रवीण सिंह कोर्टरूम पहुंच चुके हैं। अब यासीन मलिक पर फैसला पढ़ा जाएगा। यासीन मलिक सुरक्षाकर्मियों के घेरे में मौजूद है। एनआईए ने यासीन मलिक के लिए फांसी की सजा की मांग की है।
@5.45 बजे- कोर्टरूम लाया गया यासीन मलिक
कड़ी सुरक्षा के बीच यासन मलिक को लॉकअप से कोर्ट रूम लाया गया है। अब यहां पर जज का इंतजार हो रहा है। यासीन मलिक की सजा पर कुछ ही देर में ऐलान होने वाला है। इससे पहले फैसले को लिखा गया।
@5.35 बजे- यासीन मलिक की बहन पढ़ रही कुरान
यासीन मलिक की बहन श्रीनगर के मैसूमा स्थित आवास पर कुरान पढ़ रही हैं। यासीन मलिक पर कुछ ही देर में फैसला आने वाला हैं। यासीन मलिक को फांसी या उम्रकैद की सजा हो सकती है। यासीन मलिक की बहन घर की खिड़की पर खड़े होकर कुरान पढ़ रही हैं।
@5.30 बजे- यासीन मलिक के घर के बाहर प्रदर्शन
यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने से पहले श्रीनगर में उसके आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। पुलिस पर पत्थर फेंके जा रहे हैं। महिलाएं भी नारेबाजी कर रही हैं। यासीन मलिक के घर के बाहर सख्त सुरक्षा का पहरा है। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। श्रीनगर में कई बाजार बंद हैं।
@5 बजे- कभी भी आ सकता यासीन मलिक पर फैसला
यासीन मलिक को कोर्ट की हवालात में रखा गया है। यासीन पटियाला हाउस कोर्ट की हवालात में है। कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाई गई, बम निरोधक दस्ता कोर्ट पहुंचा।कोर्ट परिसर की गहनता से जांच की जा रही है।
@4 बजे- लॉकअप रूम में मौजूद है यासीन मलिक
यासीन मलिक पर थोड़ी देर में फैसला आने वाला है। इस वक्त वह लॉकअप में मौजूद है। जबकि कोर्टरूम में आदेश लिखवाया जा रहा है। अभी जज कोर्टरूम में मौजूद नहीं हैं। एनआईए ने यासीन मलिक के लिए फांसी की सजा की मांग की है।
@3:30 बजे- शाम 4 बजे यासीन की सजा पर फैसला
पटियाला हाउस स्पेशल एनआईए कोर्ट शाम चार बजे यासीन मलिक की सजा पर फैसला सुनाएगी। इसको देखते हुए कोर्ट परिसर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। दोपहर मेें कोर्ट ने सजा पर फैसला सुरक्षित रखा था।
@02:50 बजे- यासीन मलिक पर फैसले से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्से बंद
टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराए गए अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा पर अदालत का फैसला आने से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्से बुधवार को बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि लाल चौक की कुछ दुकानों सहित मैसूमा और आसपास के इलाकों में ज्यादातर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि पुराने शहर के कुछ इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन सामान्य रहा। उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था की किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
@1:30 बजे- फांसी की मांग, यासीन बोला- कोर्ट को जो ठीक लगे
केस की जांच कर रही एनआईए ने टेरर फंडिंग और यूएपीए से जुड़े इस मामले में यासीन मलिक को फांसी की सजा देने की मांग की है।कोर्ट में बचाव और अभियोजन पक्ष की ओर से सजा पर बहस हुई। यासीन के वकील फरहान का कहना है कि कोर्ट रूम में यासीन ने कहा कि वह सजा पर कोई बात नहीं करेगा और कोर्ट दिल खोलकर सजा दे सकती है। जब एनआईए की ओर से यासीन को फांसी की सजा देने की मांग की गई तो वह करीब 10 मिनट तक शांत रहा। यासीन ने साथ ही अदालत से कहा कि जब भी उससे सरेंडर के लिए कहा गया उसने आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट को जैसा ठीक लगे उसके लिए वह तैयार है।
@12:50 बजे- यासीन मलिक के खिलाफ 3:30 बजे होगा सजा का ऐलान
टेरर फंडिंग मामले में अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ कोर्ट दोपहर तीन बजकर 30 मिनट पर फैसला सुनाएगी। पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर सीएपीएफ के स्पेशल सेल के जवानों को तैनात किया गया है। कोर्ट परिसर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इससे कुछ देर पहले यासीन मलिक को कड़ी सुरक्षा के बीच NIA कोर्ट में पेश किया गया। यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने 19 मई को दोषी ठहराया था। यासीन समेत एक दर्जन से ज्यादा आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने 18 जनवरी 2018 को चार्जशीट फाइल की थी। 30 मई 2017 को जम्मू-कश्मीर में आतंकी और गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नेटवर्क चलाने के आरोप में यासीन पर केस दर्ज हुआ था। एनआईए ने कोर्ट में कहा था कि यासीन के संगठन जेकेएलएफ के अलावा जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबाऔर हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। सुरक्षाबलों के साथ ही नागरिकों को निशाना बनाया गया। एनआईए ने कोर्ट में कहा कि इन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की आईएसआई का समर्थन भी हासिल है।
@12:20 बजे- यासीन मलिक NIA कोर्ट में लाया गया
टेरर फंडिंग केस में सजा सुनाए जाने के लिए अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली में एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। एनआईए कोर्ट ने 19 मई को दोषी ठहराया था। कुछ देर में कोर्ट सजा का ऐलान करेगी।
कोर्ट ने 19 मई को मलिक को दोषी करार दिया
इससे पहले विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को दोषी करार दिया था और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने को कहा था, ताकि उस पर लगाये जा सकने वाले जुर्माने को निर्धारित किया जा सके। मलिक को अधिकतम सजा के तौर पर मृत्युदंड, जबकि न्यूनतम सजा के तौर पर उम्र कैद सुनाई जा सकती है।
टेरर फंडिंग केस में क्या-क्या कबूला?
यासीन मलिक पर आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, अन्य गैरकानूनी गतिविधियों और कश्मीर में शांति भंग करने का आरोप है। मलिक ने इस मामले में अपना गुनाह कबूल कर लिया था। सुनवाई की आखिरी तारीख पर उसने अदालत के सामने बताया कि वह धारा 16 (आतंकवादी अधिनियम), 17 (आतंकवादी अधिनियम के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य करने की साजिश), यूएपीए की धारा 20 (एक आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होने के नाते) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 124-ए (देशद्रोह) सहित अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का मुकाबला नहीं करेगा।
यासीन मलिक के अलावा इन पर भी आरोप तय
यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, पूर्व विधायक राशिद इंजीनियर, व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली समेत कई अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेता हैं, जिन पर आपराधिक साजिश, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के आरोपों के तहत भी आरोप तय किए गए हैं। यह मामला विभिन्न आतंकी संगठनों- लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल-मुजाहिदीन, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और जैश-ए-मोहम्मद से संबंधित है। यह जम्मू-कश्मीर की स्थिति को बिगाड़ने के लिए आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।