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दुमका जिले से शुरू हुआ 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान, 31 हजार मजदूरों को मिला रोजगार

झारखंड के दुमका जिले (dumka district) में रोजगार सृजन को लेकर 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान (pani roko, poudha ropo campaign) नामक महत्वाकांक्षी योजना शुरू हो गई है। उपविकास आयुक्त ने विभिन्न क्षेत्रों में योजनाओं के कार्यान्वयन का जायजा लिया।

नवभारतटाइम्स.कॉम 1 Jun 2020, 11:42 pm

हाइलाइट्स

  • रोजगार सृजन के लिए 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान नामक महत्वाकांक्षी योजना दुमका जिले से शुरू।
  • 31 हजार मजदूरों को मिला रोजगार, 50 हजार मजदूरो को जोड़ने का लक्ष्य।
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नवभारतटाइम्स.कॉम Dumka_news
योजना की जानकारी लेते उप विकास आयुकर शेखर जमुआर
दुमका
झारखंड सरकार के निर्देश पर गांव का पानी गांव में, खेत का पानी खेत में रोकने के साथ अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए दुमका जिला प्रशासन ने जल संरक्षण के मद्देनजर सोमवार को पूरे जिले में 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान नामक महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत जिले में वृक्षारोपण के लिए एक हजार एकड़ भूखंड चिन्हित की गई हैं। चिन्हित भूखंड़ों में से लगभग छह सौ एकड़ में कार्य की शुरुआत कर दी गई है। इस योजना के तहत इस वर्ष जिला में करीब दो लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उप विकास आयुकर शेखर जमुआर ने सोमवार को जिले के नक्सल शिकारीपाड़ा प्रखंड के रामपुर और गोपीकांदर प्रखंड के पीपरजोरिया गांवों में बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान के तहत शुरू हुई योजनाओं का निरीक्षण किया। उप विकास आयुक्त जमुआर ने कहा कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में मनरेगा के तहत टीसीबी, आम बागवानी, नाला पुनरुद्धार का कार्य किया जा रहा है। कार्य में स्थानीय मजदूरों तथा प्रवासी मजदूरों को भी जोड़ा गया है और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।

'पानी रोको, पौधा रोपो' के तहत 31 हजार मजदूरों को मिला रोजगार
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जिले में करीब 31 हजार मजदूरों को रोजगार मिला है। हालांकि जिला प्रशासन ने जिले के करीब 50 हजार मजदूरों को इस योजनाओं से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान के तहत किए गए कामों में करीब 50 प्रतिशत गड्ढे की खुदाई कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके बाद ट्रेंच का निर्माण कर अभियान को सफल बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 1 जून से 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान की शुरुआत की जा रही है, जिसके तहत बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार वृक्ष लगाने के लिए चयनित जमीन पर पिट खुदाई का कार्य किया जा रहा है।

गांव में काम की कोई कमी नहीं
इस दौरान गोपी कंदर प्रखंड में उप विकास आयुक्त ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में जल संरक्षण के साथ-साथ रोजगार सृजन एवं ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि गांव में काम की कोई कमी नहीं है। मनरेगा के तहत प्रत्येक गांव में योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिससे ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराया जा सके। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना का उद्देश्य रोजगार सृजन कर ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाना है। इसके तहत प्रत्येक गांव में योजना का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिको को रोजगार मुहैया करवाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

सभी जरूरतमंद श्रमिकों को उपलब्ध कराया जाएगा रोजगार
उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को काम की आवश्यकता हो वो तत्काल मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक से संपर्क करें। सभी जरूरतमंद श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान के तहत बिरसा हरित ग्राम योजना एवं नीलांबर-पीतांबर योजना के तहत जल संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों से रोजगार के लिए भटकने के लिए नहीं बल्कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बनने को लेकर प्रेरित किया। 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान में पंचायती राज संस्थाओं, जेएसएलपीएस, मनरेगा एवं जलछाजन मिशन के आपसी समन्वय स्थापित कर अभियान को सफल बनाया जाएगा। बागबानी के अलावा लगभग तीन सौ एकड़ में तसर की खेती विशेषकर प्रधान के सहयोग से काठीकुंड, गोपीकंदर, शिकारीपाड़ा प्रखंड में किया जा रहा है।

उपायुक्त राजेश्वरी के निर्देश पर जिले के सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों द्वारा सभी प्रखंड का गहन निरीक्षण कर ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को काम के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास किया गया। मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी गोपीकंदर, प्रखंड विकास पदाधिकारी शिकारीपाड़ा, जेएसएलपीएस डीपीएम व अन्य उपस्थित थे।

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