आलोक के एन मिश्रा, रांची शनिवार को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के कैदियों में खुशी की लहर दौड़ गई। चरित्र में सुधार का प्रमाण मिलने के बाद 53 कैदियों को जॉब ऑफर मिले हैं। कैदियों को सिक्यॉरिटी गार्ड, बुनाई आदि काम करने होंगे।
जेल में बंद कैदियों के जीवन में ऐसे खुशी के पल कम ही आते हैं। इन 53 कैदियों को जैसे जीवनदान मिल गया हो, जिनमें 90 फीसदी हत्या के दोषी हैं। अपनी सजा पूरी कर अब वे रिहा हो गए हैं, उनके पास काम है, नौकरी है।
38 साल के सुश्रण सॉय तब शादी की योजना बना रहे थे, जब पुलिस ने उन्हें पकड़ा। अब वह बहुत खुश हैं। कहते हैं, 'अब ट्रेनिंग के बाद मैं सिक्यॉरिटी गार्ड का काम करूंगा, कम से कम 5000 रुपये मिलेंगे।' सॉय जमीन विवाद में अपनी चाची का कत्ल करने के दोषी थे। वह झारखंड बनने से पहले से ही जेल में कैद थे।
वह आगे कहते हैं, 'आज सबकुछ बदल गया है, यहां तक कि जेल को लेकर हर नकारात्मक धारणा भी। मैं जब जेल गया था तब लगता था कि जीवन खत्म हो गया है, लेकिन जिंदगी मेरे पास फूलों के गुलद्स्ते के साथ वापस लौटकर आई है।'
सॉय ही नहीं, जॉब ऑफर पाने वाले बाकी कैदियों में भी जीवन को लेकर उत्साह दिखाई दिया। जेल आईजी सुमन गुप्ता ने कहा कि वह यह स्पष्ट करना चाहती हैं कि आजीवन कारावास, जिंदगी के खेल का अंत है। सजा खत्म होने के बाद जॉब ऑफर फिर जिंदगी बदल देता है।
इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें
जेल में बंद कैदियों के जीवन में ऐसे खुशी के पल कम ही आते हैं। इन 53 कैदियों को जैसे जीवनदान मिल गया हो, जिनमें 90 फीसदी हत्या के दोषी हैं। अपनी सजा पूरी कर अब वे रिहा हो गए हैं, उनके पास काम है, नौकरी है।
38 साल के सुश्रण सॉय तब शादी की योजना बना रहे थे, जब पुलिस ने उन्हें पकड़ा। अब वह बहुत खुश हैं। कहते हैं, 'अब ट्रेनिंग के बाद मैं सिक्यॉरिटी गार्ड का काम करूंगा, कम से कम 5000 रुपये मिलेंगे।' सॉय जमीन विवाद में अपनी चाची का कत्ल करने के दोषी थे। वह झारखंड बनने से पहले से ही जेल में कैद थे।
वह आगे कहते हैं, 'आज सबकुछ बदल गया है, यहां तक कि जेल को लेकर हर नकारात्मक धारणा भी। मैं जब जेल गया था तब लगता था कि जीवन खत्म हो गया है, लेकिन जिंदगी मेरे पास फूलों के गुलद्स्ते के साथ वापस लौटकर आई है।'
सॉय ही नहीं, जॉब ऑफर पाने वाले बाकी कैदियों में भी जीवन को लेकर उत्साह दिखाई दिया। जेल आईजी सुमन गुप्ता ने कहा कि वह यह स्पष्ट करना चाहती हैं कि आजीवन कारावास, जिंदगी के खेल का अंत है। सजा खत्म होने के बाद जॉब ऑफर फिर जिंदगी बदल देता है।
इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें