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Jharkhand news: नक्सली मुठभेड़ में घायल जवान की इलाज के दौरान मौत, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

चार दिन पूर्व प्रतापपुर में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में घायल सीआरपीएफ 190 बटालियन के जवान चितरंजन कुमार की रांची में इलाज के दौरान हुई मौत। नक्सलियों से मुठभेड़ मे जवान को पैर और कमर में गोली लगी थी। घायल जवान को बेहतर उपचार के लिए चतरा से एयर लिफ्ट कर मेडिका अस्पताल रांची भेजा गया था।

Edited byदेवेन्द्र कश्यप | नवभारतटाइम्स.कॉम 22 Sep 2022, 2:43 pm
रांची: झारखंड में चतरा जिले में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में घायल सीआरपीएफ जवान की मौत हो गयी। सीआरपीएफ जवान चितरंजन कुमार का इलाज रांची के मेडिका अस्पताल में चल रहा था। इलाज के दौरान बुधवार देर रात जवान ने अंमित सांस ली। गुरुवार को नामकुम स्थित सीआरपीएफ कैंप में राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और डीजीपी नीरज सिन्हा समेत अन्य ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं अन्य सीआरपीएफ अधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों और जवानों ने भी शहीद को अंतिम विदाई दी।
नवभारतटाइम्स.कॉम Ranchi


जवान की शहादत परिवार के साथ देश के लिए भी बड़ी क्षति
राज्यपाल रमेश बैस ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि नक्सलियों के साथ वीरता से लड़ते हुए हुए सीआरपीएफ जवान चितरंजन कुमार को गोली लग गयी थी, घायल जवान की इलाज के क्रम में मौत हो गयी। उन्होंने कहा कि एक जवान की शहादत पूरे देश के लिए दुखदायी होता है, परिवार को तो दुख होता ही है, लेकिन यह पूरे राष्ट्र के लिए क्षति है। उन्होंने बताया कि शहीद जवानों के परिजनों से उन्होंने मुलाकात की और उन्हें कहा कि परिवार को चिंता करने की जरुरत नहीं है, परिवार की जो भी जरुरत होगी या कमी होगी, उसे सरकार पूरा करेगी।


शहीद जवान की शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शहीद जवान को नमन करने के बाद कहा कि लंबे समय से देशभर के विभिन्न हिस्सों में नक्सली गतिविधियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। झारखंड के भी कई जिले नक्सल प्रभावित है। कई ऑपरेशन चल रहे हैं। इस अभियान में नक्सलियों के खात्मे और उन्हें पीछे धकेलने में बड़ी सफलता मिली हैं, लेकिन यह जंगे मैदान है, गोलियां उधर से भी चलती है, तो इधर से भी चल जाती है, इसी अभियान में सीआरपीएफ जवान चितरंजन ने देश के लिए अपनी शहादत दे दी। जिस तरह से सुरक्षा बलों ने बूढ़ा पहाड़ इलाके में एक लंबे समय के बाद नक्सलियों के सफाया का काम किया है, वह काफी काबिले तारीफ है, चितरंजन की शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा।


पोस्टमार्टम के बाद पार्थिव शरीर को पैतृक गांव भेजा गया
इससे पहले घायल जवान की मौत की सूचन मिलते ही सीआरपीएफ के अधिकारी मेडिका अस्पताल पहुंचे और वहां से जवान का पार्थिव शरीर रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस लाया गया, जहां जवान के शव का पोस्टमार्टम हुआ। उसे श्रद्धांजलि देने के बाद शहीद जवान के पार्थिव शरीर को पैतृक आवास बिहार के राजगीर के लिए भेज दिया गया।


नक्सलियों से मुठभेड़ में लगी थी गोली
गौरतलब है कि चतर जिले के प्रतापपुर-कुंदा थाना क्षेत्र के सीमावर्ती बलही जंगल में 18 सितंबर को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। यह मुठभेड़ भाकपा-माओवादी संगठन के रिजनल कमेटी सदस्य अरविंद भुईंया और सब जोनल कमांडर मनोहर गंझू के दस्ते के साथ हुई थी। मुठभेड़ में सीआरपीएफ का जवान घायल हो गया था। उसे हेलीकॉप्टर से रांची लाया गया था।
लेखक के बारे में
देवेन्द्र कश्यप
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर। पत्रकारिता में महुआ टीवी, जी न्यूज, ईनाडु इंडिया, राजस्थान पत्रिका, ईटीवी भारत से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक का सफर। लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ सीखने की कोशिश। राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों में गहरी रुचि।... और पढ़ें

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