रांची: झारखंड में नक्सली गतिविधियों में कमी आने के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अब राज्य के 3 जिले कोडरमा, रामगढ़ और सिमडेगा को उग्रवाद प्रभावित जिलों की सूची से बाहर कर दिया गया है। इसके बाद अब झारखंड में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घटकर 16 हो गई है। इनमें 8 जिले अति नक्सल प्रभावित है, जबकि 8 जिलों में मॉडरेट नक्सली गतिविधियां हो रही है वही 8 जिले उग्रवाद से मुक्त हैं। इसी बीच हेमंत सोरेन ने कहा कि बूढ़ा पहाड़, पारसनाथ और सारंडा समेत नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस की उपस्थिति में शिविर लगाकर ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं का लाभ दें। इसके साथ यहां बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। इससे पुलिस के प्रति लोगों की विश्वसनीयता बढ़ेगी और उग्रवादी घटनाओं को आम जनता के सहयोग से नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
नक्सली वारदात में आई कमी
सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को सभी जिलों के एसपी और वरीय पुलिस पदाधिकारियों की बैठक में यह भी जानकारी दी गयी कि सुरक्षाबलों द्वारा द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन की वजह से उग्रवादियों द्वारा दिए जाने वाले घटनाओं मैं लगातार कमी आ रही है। इस वर्ष प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादियों द्वारा 22, पीएलएफआई के द्वारा 13, टीपीसी के द्वारा 9 और जेजेएमपी के द्वारा 10 घटनाओं को अंजाम दिया गया। 2020 से अभी तक पुलिस एवं नक्सलियों के बीच 108 बार मुठभेड़ हुआ है। इन मुठभेड़ों में 27 नक्सली मारे गए हैं। 2020 से अभी तक 45 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है तथा 1131 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है। नक्सलियों द्वारा पुलिस से लूटे गए 138 हथियार (आर्म्स) और 774 आईईडी बरामद करने में पुलिस को सफलता मिली है।
बूढ़ा पहाड़ नक्सलियों से हुआ मुक्त
झारखंड-छत्तीसगढ़ की सीमा पर अवस्थित बूढ़ा पहाड़ 30 वर्ष बाद अब नक्सलियों के कब्जे से मुक्त हो चुका हैं। वहीं बूढ़ा पहाड़, पारसनाथ , सारंडा , पोड़ाहाट और चतरा- गया के सीमावर्ती इलाकों में 31 मार्च तक 25 नए फॉरवर्ड पोस्ट-कैंप स्थापित किए गए हैं। वहीं, इन चित्रों में 15 नए पोस्ट भी बनाए जा रहे हैं। इससे इन इलाकों में अगर कोई उग्रवादी घटना होती है तो सुरक्षाबलों को तुरंत मोर्चे पर ऑपरेशन के लिए भेजा जा सके। राज्य में आपराधिक गिरोहों के खिलाफ एटीएस को लगातार सफलता मिली है। एटीएस शीर्ष अपराधिक गिरोह के 32 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इनके पास से 51 अत्याधुनिक हथियार और 10 हज़ार के लगभग कारतूस भी बरामद हुए हैं। आपराधिक गिरोहों के अपराधियों के पास से लगभग 76 लाख 97 हज़ार रुपए नगद बरामद किए गए हैं। कई इंटर स्टेट अपराधिक गिरोहों का पर्दाफाश करने में एटीएस को सफलता मिली है।
1 महीने के अंदर सभी जेलों में जैमर लगाये
सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा है कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। विशेषकर उग्रवाद एवं अपराधिक घटनाओं पर हर हाल में लगाम कसा जाना चाहिए ताकि भयमुक्त वातावरण बनाए रखा जा सके। उन्होंने कहा कि जेलों में बंद कई अपराधियों द्वारा मोबाइल या अन्य माध्यमों से अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने की शिकायत लगातार मिल रही है। इस पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए। सीएम ने पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि राज्य के सभी जेलों में एक माह के अंदर जैमर लगाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
रिपोर्ट- रवि सिन्हा