Two Naxalites Including Santu Bhuiyan Rewarded Of Five Lakhs Surrendered
झारखंड: 5 लाख के इनामी संतु भुईंया ने किया सरेंडर, 12 साल की उम्र में नक्सलियों को किया था जॉइन
झारखंड के लातेहार में आज पुलिस ने राहत की सांस ली। दरअसल बिहार-झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बने पांच लाख रुपये के इनामी नक्सली कमांडर संतू भुईंया ने अपने साथी एक लाख रुपये के इनामी राजेश ठाकुर संग सरेंडर कर दिया। झारखंड सरकार की सरेंडर पॉलिसी के तहत उन्हें आर्थिक मदद उपलब्ध कराई गई।
रांची: झारखंड के दो टॉप माओवादी कमांडर संतू भुईंया और राजेश ठाकुर ने बुधवार को लातेहार जिला पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। संतु भुईंया पांच लाख रुपये का इनामी नक्सली है। संतु भुईंया पर बिहार और झारखंड में दर्जनों नक्सली हमलों को अंजाम देने का आरोप है। झारखंड सरकार की सरेंडर पॉलिसी के अनुसार, संतु भुईंया को पांच लाख और राजेश ठाकुर को एक लाख रुपये का चेक दिया गया। आईजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि माओवादियों का सरेंडर पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
12 साल की उम्र में संगठन में हो गया था शामिल
माओवादी संतु भुईंया पलामू के नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के सियरभौं गांव का रहने वाला है। वर्ष 2004 में जब वह केवल 12 साल का था, तभी वह भाकपा माओवादी संगठन में शामिल हो गया था।
पैसों के लालच में बन गया था नक्सली: राजेश
राजेश ने बताया कि वह अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए पैसा न जुटा पाने की वजह से नक्सली बना था। उसकी पत्नी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त थी और उसके पास पत्नी का इलाज कराने के पैसे नहीं थे। ऐसे में पैसों के लालच में वर्ष 2014 में वह नक्सली संगठन में शामिल हो गया। हालांकि नक्सलियों ने पत्नी के इलाज में उसकी कोई मदद नहीं की और बाद में उसकी पत्नी की मौत हो गयी थी। राजेश पलामू के नावाबजार थाना क्षेत्र के तुकबेरा का रहनेवाला है। उसपर भी झारखंड और बिहार में एक दर्जन से अधिक नक्सली हमलों को अंजाम देने का आरोप है।
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