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75 साल बाद जला एक बल्ब, तरसते आदिवासी झूम उठे... ये तस्वीरें आपका दिल खुश कर देंगी

जंगलों के बीच बसे गठिया गांव में बिजली पहुंचाना एक बड़ी चुनौती थी। जैसे ही यह सपना साकार हुआ, ग्रामीणों के चेहरे खुशी से जगमगा उठे।

Curated byआदित्य पूजन | Lipi 20 Apr 2023, 3:23 pm
मध्य प्रदेश का बालाघाट ज़िला अदिवासी बहुल है। यहां पायी जाने वाली बैगा जनजाति आज भी विकास से कोसों दूर सुदूर जंगलों में रहकर अपना जीवन यापन कर रही है। शहरीकरण धीरे- धीरे पूरे देश में पैर पसार चुका है, लेकिन आदिवासी अंचल अब भी प्रकृति के बीच अपना अस्तित्व बचाये हुए है। दूरदराज के गांवों में रहने वाली बैगा जनजाति अब भी मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रकृति पर ही निर्भर है। ऐसे में आज़ादी के 75 साल बाद गठिया गांव में बिजली पहुंचाना किसी नेमत से कम नहीं है।
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75 साल बाद जला एक बल्ब, तरसते आदिवासी झूम उठे... ये तस्वीरें आपका दिल खुश कर देंगी


केरोसिन और लकड़ी पर निर्भर थे लोग

बालाघाट जिले की बिरसा तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत मछुरदा के ग्राम गठिया में लगभग 45 घरों की आबादी है। सभी घर विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के हैं। गांव में बिजली नहीं होने से बैगा ग्रामीणों को रात्रि में रोशनी के लिए केरोसिन या लकड़ी की आग पर निर्भर रहना पड़ता था।

लंबे समय से मांग कर रहे थे लोग

ग्रामीण लंबे समय से चाहते थे कि उनके गांव में भी बिजली पहुंचे।
गांव में बिजली पहुंचने से बच्चों को रात में पढ़ाई करने में सुविधा होगी। ग्रामीण मनोरंजन के साधन जैसे रेडियो, टेलीविजन आदि का उपयोग कर सकेंगे। मोबाइल चार्ज करने के लिए अब उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा।

गांव मे बिजली पहुंचाना था चुनौतीपूर्ण

पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री एम ए कुरैशी ने बताया कि गठिया में बिजली पहुंचाना बहुत मुश्किल काम था। घने जंगलों के बीच से विद्युत लाइन गठिया तक पहुंचाना बेहद चुनौतीपूर्ण था। घने जंगलों में छह किलोमीटर लंबाई में 11 केवी की लाइन और 3 किलोमीटर लंबाई में एलटी लाइन बिछाई गई है।

19 अप्रैल को हुई शुरुआत

बैहर के विधायक संजय उईके, पूर्व विधायक भगत सिंह नेताम और जिला पंचायत सदस्य अनुपमा नेताम की मौजूदगी में 19 अप्रैल को गठिया में बिजली का शुभारंभ किया गया।

बल्ब जलते ही रौशन हुए चेहरे

गठिया में अब बिजली पहुंच गई है। गांव में बिजली पहुंचने से यहां के लोग बहुत खुश हैं। जैसे ही पहली बार बिजली की रोशनी जली, लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे। अब यह गांव भी बिजली की रोशनी से जगमगायेगा। बिजली पहुंचने से इस गांव की तकदीर और तस्वीर भी संवरने लगेगी।

स्कूल और हॉस्टल में भी कनेक्शन

गठिया के सभी 45 घरों में बिजली कनेक्शन दिया गया है। इसके साथ ही गांव के स्कूल और छात्रावास में भी बिजली कनेक्शन दिया गया है। इसमें 33 लाख रुपये का खर्च आया है।


रिपोर्टः माधुरी कटरे

लेखक के बारे में
आदित्य पूजन
आदित्य पूजन नवभारत टाइम्स में असिस्टेंट न्यूज एडिटर पर कार्यरत हैं। दैनिक जागरण, दैनिक भारस्कर और जी ग्रुप में काम कर चुके हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के बाद अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहे हैं। राजनीति और खेल जगत की खबरों से काफी लगाव है।... और पढ़ें

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