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MP Chunav: उपचुनाव में सिंधिया का कांग्रेस पर सबसे बड़ा हमला, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को बताया सबसे बड़ा 'गद्दार'

3 नवंबर को होने वाले मध्य प्रदेश चुनाव (mp chunav date) को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) ने कांग्रेस पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है। एक समाचार एजेंसी को दिये इंटरव्यू में मध्य प्रदेश उपचुनाव (madhya pradesh by elections 2020) की सियासत को और गर्मा दिया है। सिंधिया ने अपने इस इंटरव्यूज में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Ex CM Kamal Nath) और दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) को मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा गद्दार (Gaddar) बताया है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 26 Oct 2020, 8:08 pm
भोपाल। मध्य प्रदेश उपचुनाव में सियासी आरोप-प्रत्यारोपों के बीच सोमवार को बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर 'सबसे बड़े गद्दार' होने का आरोप लगाया है। सिंधिया ने कहा है कि इन्होंने 'भ्रष्ट' सरकार चलाकर मतदाताओं के विश्वास को धोखा दिया है। लोगों से किये वादों और उनकी उम्मीदों को हर संभव कोशिश में नाकाम रहने पर उन्हें कांग्रेस से नाता तोड़ना पड़ा।
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सिंधिया ने पीटीआई के साथ बातचीत में यह विश्वास भी जताया कि 3 नवंबर को 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी को बहुमत मिलेगा। सिंधिया ने कहा कि जिन 28 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनमें से 27 कांग्रेस की सीटें थीं, इसलिए बीजेपी के पास हासिल करने के लिए सब कुछ है, जबकि कांग्रेस के पास खोने के लिए सब कुछ है।
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कांग्रेस से 22 विधायकों की बगावत के बाद मध्य प्रदेश में उपचुनाव हो रहे हैं। इन सभी विधायकों ने सिंधिया के प्रति वफादारी दिखाते हुए इसी साल मार्च में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मध्य प्रदेश में 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार गिर गई थी। बाद में, तीन और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए, जबकि सिटिंग विधायकों की मौत के चलते भी 3 सीटें खाली हो गई। इन सभी 28 सीटों पर अब उपचुनाव हो रहे हैं।

सिंधिया ने आगे कहा कि, 'मुझे नहीं लगता कि किसी अन्य राज्य में आपने विधायकों को इतनी बड़ी संख्या में पार्टी छोड़ते हुये देखा होगा, लगभग 30 प्रतिशत। इससे यह बहुत स्पष्ट हो गया है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की साझेदारी वाली कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व को लेकर प्रदेश में विश्वास कम हुआ है। उधर, सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ की सरकार जिस तरीके से काम कर रही थी, उसे बदलने की उन्होंने कोशिशें की। ‘मैंने हरसंभव प्रयास किया, जब स्थितियां नहीं बदली तो मेरे पास और कोई विकल्प नहीं था।’ उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस मध्य प्रदेश की सत्ता में आई तो लोगों की बहुत सारी आकांक्षाएं थी और उन्हें पूरी करने की जिम्मेदारी कमलनाथ के कंधों पर थी लेकिन उन्होंने 15 महीने एक ‘भ्रष्ट सरकार’ चलाई।
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