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Madhya Pradesh : 32 जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि, झाबुआ, हरदा और मंदसौर के पोल्ट्री फॉर्म में पहुंचा वायरस

एमपी के 32 जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। अब बचे हुए 20 जिलों में भी विशेष सर्तकता बरती जा रही है। इसे लेकर पशुपालन मंत्री ने फिर से अलर्ट जारी किया है। वहीं, प्रदेश के तीन जिलों में पोल्ट्री फॉर्म में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। उसके बाद मुर्गे-मुर्गियों को मार दिया गया है।

भाषा 20 Jan 2021, 8:17 am

हाइलाइट्स

हाइलाइट्स
  • एमपी में बढ़ता जा रहा बर्ड फ्लू का दायरा, 32 जिलों में पुष्टि
  • 3 जिलों के पोल्ट्री फॉर्म में भी पहुंचा बर्ड फ्लू का वायरस
  • झाबुआ,हरदा और मंदसौर के पोल्ट्री फॉर्म में बर्ड फ्लू का वायरस
  • पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए
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भोपाल
एमपी के 3 जिलों के पोल्ट्री फार्म के पक्षियों सहित 32 जिलों में कौओं और जंगली पक्षियों के नमूनों में मंगलवार तक बर्ड फ्लू का संक्रमण पाया गया है। प्रदेश में 26 दिसंबर से अब तक करीब 3,890 कौओं एवं जंगली पक्षियों की मौत हुई है। पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने बर्ड फ्लू से अप्रभावित जिलों को सावधानी और सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कौओं की मृत्यु से आरंभ हुआ बर्ड फ्लू राज्य के 3 जिलों के पोल्ट्री फॉर्म सहित 32 जिलों में पहुंच चुका है। पटेल ने बताया कि झाबुआ, हरदा और मंदसौर में पोल्ट्री फॉर्म में वायरस मिलने से मुर्गे-मुर्गियों को मार कर दफनाने की और भारत शासन द्वारा जारी परामर्श के अनुसार कार्रवाई की गई है।

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उन्होंने कहा कि इन तीन जिलों के अलावा 29 अन्य जिलों - इंदौर, आगर मालवा, नीमच, देवास, उज्जैन, खण्डवा, खरगोन, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, दतिया, अशोकनगर, बड़वानी, भोपाल, होशंगाबाद, बुरहानपुर, छिन्दवाड़ा, डिण्डोरी, मण्डला, सागर, धार, सतना, पन्ना, बालाघाट, श्योपुर, छतरपुर और रायसेन में कौओं एवं जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू पाया गया है।

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पटेल ने अप्रभावित जिलों के पोल्ट्री फॉर्म व्यवसाइयों से अपील की है कि वे पूर्ण सतर्कता बरतें। पक्षियों अथवा मुर्गियों में अप्राकृतिक मृत्यु की सूचना मिलते ही तत्काल अपने जिले के नियंत्रण-कक्ष को सूचित करें। उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को ‘एवियन इन्फ्लूएंजा’ के बचाव और रोकथाम नियंत्रण का भरपूर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश देते हुए कहा कि जलाशयों एवं अभयारण्यों पर भी निगरानी रखें। आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिये आवश्यक पीपीई किट्स, उपकरण, दवाइयों का स्टॉक आदि तैयारिया चाक-चौबंद रखें। पटेल ने बताया कि प्रदेश में अब तक 3,890 कौओं और जंगली पक्षियों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हो चुकी है। विभिन्न जिलों से 453 नमूने राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला, भोपाल को जाच के लिये भेजे जा चुके हैं।

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