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हाईकोर्ट ने प्रमोशन में एससी-एसटी रिजर्वेशन खत्म किया

एक ऐतिहासिक फैसले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में प्रमोशन में एससी/एसटी को दिए जा रहे रिजर्वेशन को अवैध करार दिया है। राज्य सरकार ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी।

नवभारत टाइम्स 1 May 2016, 9:42 am
जबलपुर/भोपाल
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हाईकोर्ट ने प्रमोशन में एससी-एसटी रिजर्वेशन खत्म किया


एक ऐतिहासिक फैसले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में प्रमोशन में एससी/एसटी को दिए जा रहे रिजर्वेशन को अवैध करार दिया है।

चीफ जस्टिस अजय माणिकराव खानविलकर की प्रिंसपल बेंच ने शनिवार को दिए अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि एससी/एसटी को सिर्फ नियुक्तियों में दिए जाने वाला आरक्षण ही वैध माना जाएगा। वहीं, राज्य सरकार ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी।

चीफ जस्टिस खानविलकर ने अपने विस्तृत फैसले में साफ किया कि नियुक्तियों के दौरान समाज के वंचित वर्ग को नियमानुसार आरक्षण मिलना तार्किक है, लेकिन पदोन्नतियों में आरक्षण देने से वास्तविक योग्यताओं में कुंठा घर कर जाती है। पदोन्नति प्रक्रिया में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को विशेष वरीयता और सामान्य वर्ग को पीछे रखना ठीक नहीं। इसीलिए पदोन्नति में रिजर्वेशन न्यायोचित नहीं माना जा सकता।

हाईकोर्ट ने यह निर्णय कई पीड़ित सरकारी कर्मचारियों की विभिन्न याचिकाओं पर कई सालों तक चली लंबी बहस के बाद दिया है। गौरतलब है कि कई प्रदेश सरकारों में हाईकोर्ट के निर्णयों के बाद से प्रमोशन में एसी-एसटी रिजर्वेशन खत्म करने की व्यवस्था लागू है।

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