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Kuno Jungle Cheetah: सबसे पहले चीतों की चहलकदमी देखने का है मौका, बस आपको करना होगा ये काम

Kuno Jungle Cheetah: नामीबिया से चीता आने के बाद लोगों के मन में यही सवाल है कि हम इन्हें कब दिख पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में कहा है कि इस पर टॉस्क फोर्स निर्णय लेगा। वह कूनो में चीतों की निगरानी करेंगे।

Edited byमुनेश्वर कुमार | नवभारतटाइम्स.कॉम 25 Sep 2022, 10:59 pm
भोपाल: नामीबिया से लाए आठ चीतों (cheetah in kuno jungle) को कूनो के जंगलों में छोड़ा गया है। इन चीतों को आए हुए एक सप्ताह हो गया और इन्हें बाड़े में रखा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीते अब यहां के माहौल में ढल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में भी इन चीतों का जिक्र किया है। वहीं, पीएम के सामने भी यह सवाल आते हैं कि हम चीतों को कब से देख सकेंगे। इसके लिए एक टॉस्क फोर्स का गठन हुआ है। आम लोग कब से चीतों को देख सकेंगे, यह टॉस्क फोर्स निर्णय लेगा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को यह मौका दिया है कि आप सबसे पहले चीतों को देख सकते हैं। इसके लिए आपको मॉय जीओवी पर जाकर कुछ सुझाव देने हैं।
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cheetah in kuno: कूनो में चीता



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के कोने-कोने से लोगों ने भारत में चीतों के लौटने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि यह भारत का ‘प्रकृति प्रेम’ ही है कि 130 करोड़ भारतवासी खुश हैं और गर्व महसूस कर रहे हैं। मोदी ने बताया कि एक टॉस्क फोर्स बनाया गया है। यह टॉस्क फोर्स चीतों की निगरानी करेगा। यह देखा जाएगा कि यहां के माहौल में ये चीते कितने घुल-मिल पाए हैं। इसी के आधार पर कुछ महीने बाद कोई निर्णय लिया जाएगा और तब आप चीतों को देख पाएंगे।

इसके साथ ही पीएम मोदी ने चीतों के लेकर सरकार की तरफ से चलाए जा रहे अभियान और चीतों के नाम को लेकर भी देशवासियों से सुझाव मांगे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि एक कार्यबल मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में लाए गए अफ्रीकी चीतों की निगरानी कर रहा है और उसकी रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि आम जन इन चीतों का दीदार कब से कर पाएंगे।

चीतों के नाम बताएं
वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि मैं आप सबको कुछ-कुछ काम सौंप रहा हूं, इसके लिए MyGov के प्लेटफॉर्म पर एक प्रतियोगिता का आयोजन होगा। पीएम ने कहा कि इसमें आपलोगों से मैं कुछ चीजें शेयर करने का आग्रह करता हूं। चीतों को लेकर जो हम अभियान चला रहे हैं, आखिर, उस अभियान का नाम क्या होना चाहिए। क्या इन सभी चीतों के नामकरण के बारे में सोच सकते हैं। इनमें से हर किसी को किस नाम से बुलाए। ये नामकरण अगर पारंपरिक हो तो काफी अच्छा रहेगा क्योंकि अपने समाज और संस्कृति परंपरा और विरासत से जुड़ी हुई कोई भी चीज हमें सहज ही आकर्षित करती है।

चीता सबसे पहले देखने का मौका मिलेगा
यही नहीं, पीएम मोदी ने पूछा है कि आप ये भी बताएं, आखिर इंसानों को, जानवरों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। हमारे मौलिक अधिकार में भी तो जानवरों के सम्मान पर जोर दिया गया है। पीएम ने सभी से अपील की है कि आप इस प्रतियोगिता में जरूर भाग लीजिए। क्या पता इनाम स्वरूप चीते देखने का पहला अवसर आपको ही मिल जाए।

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लेखक के बारे में
मुनेश्वर कुमार
नवभारत टाइम्स डिजिटल में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं। पत्रकारिता में महुआ टीवी, कशिश न्यूज, इंडिया न्यूज, ईनाडु इंडिया, ईटीवी भारत और राजस्थान पत्रिका से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक 11 साल का सफर। बिहार की राजधानी पटना से शुरुआत के बाद अब भोपाल कर्मस्थल। राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों में गहरी रुचि। पिछले सात सालों से डिजिटल मीडिया में...... और पढ़ें

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