ऐपशहर

लव जिहाद के खिलाफ 2 कानूनः यूपी में भी 10 साल की सजा, एमपी के प्रस्तावित कानून में काजी-मौलवी भी नहीं बच पाएंगे

लव जिहाद के खिलाफ बीजेपी शासित दो राज्यों में कानून ( Law against Love Jihad) बनाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। यूपी कैबिनेट ने लव जिहाद (Love Jihad) के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी दे दी है जबकि एमपी में भी इसका मसौदा तैयार हो गया है। दोनों राज्यों के कानूनों में धर्म परिवर्तन के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। जानिए दोनों कानूनों के बीच फर्क और समानताओं के बारे में…

नवभारतटाइम्स.कॉम 26 Nov 2020, 3:33 pm

हाइलाइट्स

  • एमपी में लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून का मसौदा तैयार
  • यूपी में भी कैबिनेट ने लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को दी मंजूरी
  • दोनों राज्यों में धर्मांतरण के मामलों में 10 साल तक की सजा का प्रावधान
  • एमपी में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश होगा प्रस्तावित कानून
सारी खबरें हाइलाइट्स में पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें
नवभारतटाइम्स.कॉम Love Jihad
भोपाल।
Law against Love Jihad : बीजेपी शासित दो राज्यों, यूपी और एमपी, में लव जिहाद (Love Jihad) के खिलाफ कानून की तैयारियां जोरों पर हैं। यूपी कैबिनेट ने जहां मंगलवार को इससे संबंधित अध्यादेश (Ordinance for Love jihad in UP) को मंजूरी दे दी है, वहीं मध्य प्रदेश में प्रस्तावित कानून का ड्राफ्ट (Draft of Love Jihad Law in MP) तैयार होने के बाद इसको लेकर विचार-विमर्श का दौर अंतिम चरण में है। एमपी में 28 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इसे पेश किया जाएगा। दोनों ही राज्यों के कानूनों में कई समानताएं हैं तो कुछ फर्क भी हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में...
सजा की अवधि- दोनों ही राज्यों में धर्मांतरण के मामलों में 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। एमपी में शिवराज सरकार ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 में इसके लिए पहले 5 साल की सजा रखी थी, लेकिन ड्राफ्ट में इसे बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है।

Love Jihad Updates: योगी की राह पर शिवराज, MP में भी 10 साल की सजा, धर्म गुरु भी नहीं बख्शे जाएंगे

धर्म परिवर्तन के लिए पूर्व अनुमति- दोनों ही राज्यों में शादी के इरादे से धर्म परिवर्तन के लिए जिला कलेक्टर को पहले सूचना देनी होगी। यूपी में 2 महीने जबकि एमपी में 1 महीने पहले कलेक्टर के पास आवेदन देने का प्रावधान किया गया है।

शादी के लिए धर्मांतरण- यूपी के अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। अगर SC-ST समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ ऐसा होता है तो 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल होगी। एमपी में सामान्य वर्ग की महिलाओं के धर्म परिवर्तन के मामले में 5 साल तक की सजा होगी। अगर महिला दलित या नाबालिग है तो 10 साल तक की सजा हो सकती है।


सहयोगी भी अपराधी- दोनों राज्यों के कानूनों में लव जिहाद जैसे मामलों में मदद करने वालों को भी मुख्य आरोपी माना जाएगा। यूपी के अध्यादेश के मुताबिक, शादी कराने वाले पंडित या मौलवी को उस धर्म का पूरा ज्ञान होना जरूरी है। वहीं, एमपी के प्रस्तावित ड्राफ्ट में इस तरह की शादी-निकाह कराने वाले धर्म गुरु, काजी-मौलवी, पादरी के लिए भी पांच साल की सजा की व्यवस्था है। ऐसी शादियां कराने वाले संस्थानों का पंजीयन भी निरस्त किया जाएगा।

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग