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मंदसौर जिले में आंदोलन के दौरान किसानों पर हुई पुलिस फायरिंग के कारण चारों तरफ से घिरे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपना रूस दौरा रद्द कर दिया है। शिवराज रविवार को 6 दिन के लिए रूस दौरे पर जाना था। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस के मिश्रा ने बताया कि चौहान ने रूस का अपना दौरा रद्द कर दिया है।
उन्होंने कहा कि शिवराज के इस दौरे का मुख्य मकसद रूस में मध्य प्रदेश की ब्रांडिंग और मार्केटिंग करना और निवेश को आकर्षित करना था। शिवराज के रूस दौरे को रद्द करने को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है और राज्य सरकार से नाराज आंदोलनरत किसानों को समर्थन देने के लिए आगे भी आई है।
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना 72 घंटे का सत्याग्रह समाप्त करते हुए शनिवार को धार जिले के खलघाट में कहा था कि कांग्रेस मध्य प्रदेश सरकार की किसानों के खिलाफ दमनकारी नीति के विरुद्ध तब तक अपनी लड़ाई जारी रखेगी, जब तक किसानों की समस्याएं दूर नहीं हो जाती। गौरतलब है कि 6 जून को किसान आंदोलन के उग्र होने के दौरान मंदसौर जिले के पिपलियामंडी में पुलिस फायरिंग में 5 किसानों की मौत हो गई थी। इसके अलावा, मंदसौर जिले के बडवन गांव में 26 वर्षीय एक और किसान की मौत हुई थी। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि उसे पुलिस ने बुरी तरह से पीटा था, जिससे उसकी मौत हुई है।
मध्य प्रदेश के किसान अपनी उपज के वाजिब दाम सहित 20 मांगों को लेकर एक जून से 10 जून तक आंदोलन पर थे। इस दौरान मंदसौर में हिंसक घटनाएं देखने को मिलीं। मुख्यमंत्री चौहान ने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए उसपर भोलेभाले किसानों को भड़काने का आरोप लगाया था। राज्य सरकार पुलिस फायरिंग में मारे गए 6 किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की।
मंदसौर जिले में आंदोलन के दौरान किसानों पर हुई पुलिस फायरिंग के कारण चारों तरफ से घिरे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपना रूस दौरा रद्द कर दिया है। शिवराज रविवार को 6 दिन के लिए रूस दौरे पर जाना था। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस के मिश्रा ने बताया कि चौहान ने रूस का अपना दौरा रद्द कर दिया है।
उन्होंने कहा कि शिवराज के इस दौरे का मुख्य मकसद रूस में मध्य प्रदेश की ब्रांडिंग और मार्केटिंग करना और निवेश को आकर्षित करना था। शिवराज के रूस दौरे को रद्द करने को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है और राज्य सरकार से नाराज आंदोलनरत किसानों को समर्थन देने के लिए आगे भी आई है।
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना 72 घंटे का सत्याग्रह समाप्त करते हुए शनिवार को धार जिले के खलघाट में कहा था कि कांग्रेस मध्य प्रदेश सरकार की किसानों के खिलाफ दमनकारी नीति के विरुद्ध तब तक अपनी लड़ाई जारी रखेगी, जब तक किसानों की समस्याएं दूर नहीं हो जाती। गौरतलब है कि 6 जून को किसान आंदोलन के उग्र होने के दौरान मंदसौर जिले के पिपलियामंडी में पुलिस फायरिंग में 5 किसानों की मौत हो गई थी। इसके अलावा, मंदसौर जिले के बडवन गांव में 26 वर्षीय एक और किसान की मौत हुई थी। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि उसे पुलिस ने बुरी तरह से पीटा था, जिससे उसकी मौत हुई है।
मध्य प्रदेश के किसान अपनी उपज के वाजिब दाम सहित 20 मांगों को लेकर एक जून से 10 जून तक आंदोलन पर थे। इस दौरान मंदसौर में हिंसक घटनाएं देखने को मिलीं। मुख्यमंत्री चौहान ने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए उसपर भोलेभाले किसानों को भड़काने का आरोप लगाया था। राज्य सरकार पुलिस फायरिंग में मारे गए 6 किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की।