भोपाल
चुनावी दौर से गुजर रहे मध्य प्रदेश में राजनेता प्रचार के दौरान मतदाताओं को अपनी तरफ खींचने के लिए उनको घोड़े, तोतों और कौवों की कहानी सुना रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी चुनावी जनसभाओं में एक डकैत और उसके घोड़े के अलावा तोतों की भी कहानी सुनाते हैं।
चौहान कथा-कहानियों के जरिए बीजेपी सरकार को उसके विकास मॉडल के लिए पुरस्कृत करने और कांग्रेस के जाल में फंसने से बचने के लिए कहते हैं। कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया कोलारस और मुंगावली में डेरा जमाए चौहान के समूचे मंत्रिमंडल को काग मंडली बताते हैं।
सिंधिया के लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाली इन दोनों सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए 24 फरवरी को मतदान होना है। चौहान और सिंधिया ने उपचुनावों को इज्जत का सवाल बना लिया है और पिछले एक पखवाड़े से रोजाना जनसभाएं और रोडशो करने में जुटे हैं। चौहान ने तो दो रातें जागकर आधी रात को जनसभाएं की हैं।
पढ़ें : मुंगाबली उपचुनाव: यहां जाति के भरोसे हैं बीजेपी-कांग्रेस
बीजेपी कर रही जीत का दावा
बीजेपी के एक सीनियर लीडर ने कहा, 'हम कांग्रेस से कम से कम एक सीट छीनना चाहते हैं। कांग्रेस के गढ़ में इन सीटों पर 2013 में जीत का मार्जिन घटा पाने में हम कामयाब रहे तो उससे नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह साबित हो जाएगा कि बीजेपी के खिलाफ कोई सत्ता विरोध लहर नहीं है।'
सिंधिया अपनी जनसभाओं में वोटरों से कहते हैं, 'मुख्यमंत्री और उनके 40 मंत्री चार साल दूर रहने के बाद अब एक साथ यहां आए हैं। कुछ लोग पेड़ की एक शाख पर बैठे हैं तो कुछ दूसरी शाख पर डेरा जमाए हैं। सारे दिन कांव-कांव करते रहते हैं।' कांग्रेस लीडर सिंधिया कमोबेश अकेले चुनावी जनसभाएं कर रहे हैं लेकिन गुरुवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रदेश कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता एक जगह होंगे।
पढ़ें: MP उपचुनाव: रथ पर सवार हैं शिवराज, बैलगाड़ी से वोट मांग रहे सिंधिया
डाकू खड़ग सिंह और बाबा भारती की कहानी
इधर, चौहान मतदाताओं को डाकू खड़ग सिंह और एक किसान के घोड़े की कहानी सुनाने में व्यस्त हैं, जिसको वह दीनहीन बनकर उसकी सवारी गांठकर चुराना चाहता था।
चौहान अपनी जनसभाओं में कहते हैं, 'किसान डकैत से कहते हैं कि वह घोड़ा ले जा सकता है लेकिन वह इस घटना के बारे में किसी को ना बताए। नहीं तो लोगों का किसी दीनहीन की मदद करने से भरोसा उठ जाएगा। मैंने जो विकास किया है उसके लिए अगर आप वोट नहीं देंगे तो लोगों का भरोसा इससे उठ जाएगा कि विकास से वोट हासिल किया जा सकता है। यह भरोसा टूटना नहीं चाहिए।'
मुख्यमंत्री मतदाताओं को यह बताने के लिए दूसरी कहानी सुनाते हैं कि कैसे शिकारी जाल बिछाकर तोता पकड़ता है कि उनको होशियार बनना चाहिए और 'कांग्रेस के जाल' में नहीं फंसना चाहिए।
सिंधिया पर चौहान का यह आरोप है कि उन्होंने कोलारस और मुंगावली के विकास में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जबकि वह कई बार गुना से सांसद बने हैं। उन्होंने कहा, 'मेरे पास यहां विकास कार्य कराने के लिए चुनाव तक सिर्फ पांच महीने हैं। अगर मैं इस बीच विकास नहीं करा पाया तो नवंबर में बदल दीजिएगा।'
चुनावी दौर से गुजर रहे मध्य प्रदेश में राजनेता प्रचार के दौरान मतदाताओं को अपनी तरफ खींचने के लिए उनको घोड़े, तोतों और कौवों की कहानी सुना रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी चुनावी जनसभाओं में एक डकैत और उसके घोड़े के अलावा तोतों की भी कहानी सुनाते हैं।
चौहान कथा-कहानियों के जरिए बीजेपी सरकार को उसके विकास मॉडल के लिए पुरस्कृत करने और कांग्रेस के जाल में फंसने से बचने के लिए कहते हैं। कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया कोलारस और मुंगावली में डेरा जमाए चौहान के समूचे मंत्रिमंडल को काग मंडली बताते हैं।
सिंधिया के लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाली इन दोनों सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए 24 फरवरी को मतदान होना है। चौहान और सिंधिया ने उपचुनावों को इज्जत का सवाल बना लिया है और पिछले एक पखवाड़े से रोजाना जनसभाएं और रोडशो करने में जुटे हैं। चौहान ने तो दो रातें जागकर आधी रात को जनसभाएं की हैं।
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बीजेपी कर रही जीत का दावा
बीजेपी के एक सीनियर लीडर ने कहा, 'हम कांग्रेस से कम से कम एक सीट छीनना चाहते हैं। कांग्रेस के गढ़ में इन सीटों पर 2013 में जीत का मार्जिन घटा पाने में हम कामयाब रहे तो उससे नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह साबित हो जाएगा कि बीजेपी के खिलाफ कोई सत्ता विरोध लहर नहीं है।'
सिंधिया अपनी जनसभाओं में वोटरों से कहते हैं, 'मुख्यमंत्री और उनके 40 मंत्री चार साल दूर रहने के बाद अब एक साथ यहां आए हैं। कुछ लोग पेड़ की एक शाख पर बैठे हैं तो कुछ दूसरी शाख पर डेरा जमाए हैं। सारे दिन कांव-कांव करते रहते हैं।' कांग्रेस लीडर सिंधिया कमोबेश अकेले चुनावी जनसभाएं कर रहे हैं लेकिन गुरुवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रदेश कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता एक जगह होंगे।
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डाकू खड़ग सिंह और बाबा भारती की कहानी
इधर, चौहान मतदाताओं को डाकू खड़ग सिंह और एक किसान के घोड़े की कहानी सुनाने में व्यस्त हैं, जिसको वह दीनहीन बनकर उसकी सवारी गांठकर चुराना चाहता था।
चौहान अपनी जनसभाओं में कहते हैं, 'किसान डकैत से कहते हैं कि वह घोड़ा ले जा सकता है लेकिन वह इस घटना के बारे में किसी को ना बताए। नहीं तो लोगों का किसी दीनहीन की मदद करने से भरोसा उठ जाएगा। मैंने जो विकास किया है उसके लिए अगर आप वोट नहीं देंगे तो लोगों का भरोसा इससे उठ जाएगा कि विकास से वोट हासिल किया जा सकता है। यह भरोसा टूटना नहीं चाहिए।'
मुख्यमंत्री मतदाताओं को यह बताने के लिए दूसरी कहानी सुनाते हैं कि कैसे शिकारी जाल बिछाकर तोता पकड़ता है कि उनको होशियार बनना चाहिए और 'कांग्रेस के जाल' में नहीं फंसना चाहिए।
सिंधिया पर चौहान का यह आरोप है कि उन्होंने कोलारस और मुंगावली के विकास में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जबकि वह कई बार गुना से सांसद बने हैं। उन्होंने कहा, 'मेरे पास यहां विकास कार्य कराने के लिए चुनाव तक सिर्फ पांच महीने हैं। अगर मैं इस बीच विकास नहीं करा पाया तो नवंबर में बदल दीजिएगा।'