ऐपशहर

आखिर क्यों कमलनाथ के कैबिनेट का हिस्सा नहीं हैं एसपी-बीएसपी विधायक?

कैबिनेट पर अंतिम मुहर लगाने के लिए दिल्ली जाने से पहले कमलनाथ ने यहां पत्रकारों को बताया था कि विधायकों को मंत्री चुनने के लिए उनका एकमात्र मानदंड यही होगा कि कम से कम एक बार की विधायकी का अनुभव हो। कमलनाथ का यह नियम कांग्रेस के 55 विधायकों पर भी लागू हुआ जो पहली बार विधायक चुनकर आए हैं।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 26 Dec 2018, 1:52 pm
भोपाल
नवभारतटाइम्स.कॉम कमलनाथ -मायावती
कमलनाथ -मायावती

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान नए विधायकों को कैबिनेट का हिस्सा न बनाने की अपनी बात पर अडिग रहे। यही वजह थी कि उन्होंने बीएसपी के दो विधायक और एकमात्र एसपी विधायक को भी मंत्रालय में शामिल नहीं किया। बता दें कि बीएसपी और एसपी के चुनाव बाद समर्थन देने पर ही कांग्रेस मध्य प्रदेश में बहुमत का जादुई आंकड़ा छू पाई है।

कैबिनेट पर अंतिम मुहर लगाने के लिए दिल्ली जाने से पहले कमलनाथ ने यहां पत्रकारों को बताया था कि विधायकों को मंत्री चुनने के लिए उनका एकमात्र मानदंड यही होगा कि कम से कम एक बार की विधायकी का अनुभव हो। कमलनाथ का यह नियम कांग्रेस के 55 विधायकों पर भी लागू हुआ जो पहली बार विधायक चुनकर आए हैं।

फैसला 'बहनजी' पर छोड़ा
कांग्रेस मध्य प्रदेश में बहुमत का आंकड़ा छूने से दो सीटें कम रह गई थी। इसके बाद एसपी, बीएसपी और 4 निर्दलीयों के सशर्त समर्थन देने के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हुई। सभी निर्दलीय कांग्रेस के बागी थे। कमलनाथ ने केवल एक निर्दलीय विधायक प्रदीप जयसवाल को कैबिनेट में शामिल किया है। दो बीएसपी विधायक- भिंड से संजीव सिंह संजू और पथरिया से रामबाई गोविंद सिंह और एसपी विधायक राजेश कुमार उर्फ बबलू भइया ने मंत्री बनने के लिए इच्छा जाहिर की थी लेकिन इसके बारे में खुलकर न बोलते हुए फैसला 'बहनजी' (मायावती) पर छोड़ दिया है।

कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप
लेकिन जन आदिवासी युवा संगठन (जेएवाईएस) के फाउंडर डॉ. हीरालाल अलावा ने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि किसी और ने नहीं बल्कि खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें मंत्री पद का दावा किया था। उन्होंने सुझाव दिया कि इसी डील के तहत वह कांग्रेस में शामिल हुए थे और पश्चिमी मध्य प्रदेश की झाबुआ आदिवासी बेल्ट से पार्टी को जिताने में मदद की।

कमलनाथ कैबिनेट में 28 को मिली जगह
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिस विश्वास से एसपी- बीएसपी विधायकों के दबाव में न आने का फैसला किया है उससे यह लगता है कि उन्हें दोनों पार्टियों के टॉप लीडर से मंजूरी मिल गई होगी कि सरकार बनाने के लिए वह बिना उनके समर्थन के दबाव में आए बिना कैबिनेट का गठन करें। बता दें कि कमलनाथ ने अपने मंत्रिमंडल में 28 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलवाई। मंत्रियों में दो महिलाएं, एक मुस्लिम एवं एक निर्दलीय शामिल हैं।

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग