छतरपुर
एमपी (Madhya Pradesh Today News) के छतरपुर जिले का एक गांव भूत प्रेत और अनहोनी घटनाओं के कारण पूरा गांव खाली हो गया है। गांव में लगातार हो रही अप्रिय घटनाओं के कारण गांव के लोग पलायन कर गए। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है, इसकी पुष्टि नवभारत टाइम्स.कॉम नहीं करता है। लेकिन गांव के लोगों का कहना है कि गांव में भूत प्रेत और असंतृप्त आत्माओं का डेरा है। यही वजह है कि पूरा का पूरा गांव खाली हो गया।
जिले से लगभग 40 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव चौका 15 साल पहले तक आबाद था। गांव के अंदर लगभग 100 मकान बने हुए थे। गांव की आबादी भी लगभग 400 के आसपास थी। सब कुछ ठीक चल रहा था फिर अचानक गांव में लोगों को अनजान साए दिखने लगे। गांव में रहने वाले लोग बीमार होने लगे। कई लोगों की मौत तक हो गई। इसके बाद गांव खाली होने लगा।
गांव की महिलाएं भी अजीब सी हरकतें करने लगी थी। बच्चों से लेकर गांव में रहने वाले जवान लोग बीमार हो रहे थे। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि अचानक गांव के लोगों को क्या हो गया है। फिर देखते ही देखते पूरा गांव खाली हो गया। आज भी ग्रामीण गांव में आने से कतराते हैं। उनके मन का डर खत्म नहीं हुआ है।
गांव में रहने वाले आत्माराम पांडे और बच्चू यादव बताते हैं कि 15 साल पहले तक गांव में सब कुछ ठीक था। अचानक गांव के लोगों की तबीयत खराब होने लगी।
गांव में रहने वाली महिलाएं अजीबोगरीब हरकतें करने लगती थी। लोग मर रहे थे गांव के अंदर लोगों को अजीबोगरीब साए दिखाई दे रहे थे। यही वजह रही कि गांव धीरे-धीरे खाली हो गया और आज गांव पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया है।
गांव के लोगों का कहना है कि अब गांव में सिर्फ 4 लोग ही रहते हैं। वह भी सिर्फ बुजुर्ग जिनकी उम्र 70 से अधिक है। लोग एक-एक करके पलायन कर गए लेकिन न तो गांव में जिला प्रशासन का कोई अधिकारी आया और न ही किसी ने यह जानने की कोशिश की कि आखिर गांव के लोग गांव छोड़कर क्यों भाग रहे हैं। गांव में न आरआई आया और न ही पटवारी आया।
एमपी (Madhya Pradesh Today News) के छतरपुर जिले का एक गांव भूत प्रेत और अनहोनी घटनाओं के कारण पूरा गांव खाली हो गया है। गांव में लगातार हो रही अप्रिय घटनाओं के कारण गांव के लोग पलायन कर गए। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है, इसकी पुष्टि नवभारत टाइम्स.कॉम नहीं करता है। लेकिन गांव के लोगों का कहना है कि गांव में भूत प्रेत और असंतृप्त आत्माओं का डेरा है। यही वजह है कि पूरा का पूरा गांव खाली हो गया।
जिले से लगभग 40 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव चौका 15 साल पहले तक आबाद था। गांव के अंदर लगभग 100 मकान बने हुए थे। गांव की आबादी भी लगभग 400 के आसपास थी। सब कुछ ठीक चल रहा था फिर अचानक गांव में लोगों को अनजान साए दिखने लगे। गांव में रहने वाले लोग बीमार होने लगे। कई लोगों की मौत तक हो गई। इसके बाद गांव खाली होने लगा।
गांव की महिलाएं भी अजीब सी हरकतें करने लगी थी। बच्चों से लेकर गांव में रहने वाले जवान लोग बीमार हो रहे थे। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि अचानक गांव के लोगों को क्या हो गया है। फिर देखते ही देखते पूरा गांव खाली हो गया। आज भी ग्रामीण गांव में आने से कतराते हैं। उनके मन का डर खत्म नहीं हुआ है।
गांव में रहने वाले आत्माराम पांडे और बच्चू यादव बताते हैं कि 15 साल पहले तक गांव में सब कुछ ठीक था। अचानक गांव के लोगों की तबीयत खराब होने लगी।
गांव में रहने वाली महिलाएं अजीबोगरीब हरकतें करने लगती थी। लोग मर रहे थे गांव के अंदर लोगों को अजीबोगरीब साए दिखाई दे रहे थे। यही वजह रही कि गांव धीरे-धीरे खाली हो गया और आज गांव पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया है।
गांव के लोगों का कहना है कि अब गांव में सिर्फ 4 लोग ही रहते हैं। वह भी सिर्फ बुजुर्ग जिनकी उम्र 70 से अधिक है। लोग एक-एक करके पलायन कर गए लेकिन न तो गांव में जिला प्रशासन का कोई अधिकारी आया और न ही किसी ने यह जानने की कोशिश की कि आखिर गांव के लोग गांव छोड़कर क्यों भाग रहे हैं। गांव में न आरआई आया और न ही पटवारी आया।