छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में खाद लेने गए एक किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मृतक किसान अपने बुजुर्ग पिता के साथ कई दिनों से खाद लेने के लिए चक्कर लगा रहा था। गुरुवार को वह अपने पिता के साथ गांव से वितरण केंद्र पहुंचा था। सुबह से लाइन में लगा था। अचानक उसे सीने में तेज दर्द हुआ, बुजुर्ग पिता उसे एंबुलेंस से अस्पताल ले गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार, दयाराम अहिरवार (49) गुलगंज थाना क्षेत्र के देवपुर बक्सवाहा का रहने वाला था और पिछले कई दिनों से खाद को लेकर परेशान था। गुरुवार सुबह दयाराम अपने 85 वर्षीय बुजुर्ग पिता के साथ बिजावर मंडी खाद लेने पहुंचा था। मृतक दयाराम के पिता लाइन में लगे रहे और काफी देर तक लाइन में लगे रहने के बाद दयाराम एवं उसके पिता को खाद तो मिल गया लेकिन दयाराम की जिंदगी चली गई।
खाद तो मिली लेकिन जान नहीं बची
मृतक दयाराम के पिता झलुआ अहिरवार ने बताया कि वह और उसका बेटा सुबह गांव से जल्दी खाद लेने के लिए बिजावर आ गए थे और लाइन में लगे रहने के बाद उन्हें खाद मिल भी गई थी, तभी दयाराम को अचानक सीने में दर्द हुआ और वह वहीं गिर गया। आसपास के लोग उसे तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले गए। जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजन एंबुलेंस की सहायता से मृतक दयाराम को वापस गांव ले गया।
खाद की लाइन में लगे किसान की मौत
बीते दिनों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में भी एक किसान की खाद के इंतजार में मौत हो गई थी। सीहोर के रामखेड़ी गांव में बुजुर्ग किसान खाद के लिए गया था। वह यूरिया के लिए लाइन में लगा हुआ था। इस दौरान खड़े-खड़े उसकी मौत हो गई है। मृतक के पुत्र का आरोप है कि सरकार किसानों को यूरिया उपलब्ध नहीं करा पा रही है। उनके पिता की मौत का जिम्मेदार सरकार है।
जानकारी के अनुसार, दयाराम अहिरवार (49) गुलगंज थाना क्षेत्र के देवपुर बक्सवाहा का रहने वाला था और पिछले कई दिनों से खाद को लेकर परेशान था। गुरुवार सुबह दयाराम अपने 85 वर्षीय बुजुर्ग पिता के साथ बिजावर मंडी खाद लेने पहुंचा था। मृतक दयाराम के पिता लाइन में लगे रहे और काफी देर तक लाइन में लगे रहने के बाद दयाराम एवं उसके पिता को खाद तो मिल गया लेकिन दयाराम की जिंदगी चली गई।
खाद तो मिली लेकिन जान नहीं बची
मृतक दयाराम के पिता झलुआ अहिरवार ने बताया कि वह और उसका बेटा सुबह गांव से जल्दी खाद लेने के लिए बिजावर आ गए थे और लाइन में लगे रहने के बाद उन्हें खाद मिल भी गई थी, तभी दयाराम को अचानक सीने में दर्द हुआ और वह वहीं गिर गया। आसपास के लोग उसे तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले गए। जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजन एंबुलेंस की सहायता से मृतक दयाराम को वापस गांव ले गया।
खाद की लाइन में लगे किसान की मौत
बीते दिनों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में भी एक किसान की खाद के इंतजार में मौत हो गई थी। सीहोर के रामखेड़ी गांव में बुजुर्ग किसान खाद के लिए गया था। वह यूरिया के लिए लाइन में लगा हुआ था। इस दौरान खड़े-खड़े उसकी मौत हो गई है। मृतक के पुत्र का आरोप है कि सरकार किसानों को यूरिया उपलब्ध नहीं करा पा रही है। उनके पिता की मौत का जिम्मेदार सरकार है।