छतरपुर
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में खुले आसमान के नीचे कुछ किसान पिछले 18 दिनों से धरने पर है। धरने पर बैठे इन किसानों की अब धीरे-धीरे तबियत खराब होने लगी है। शुक्रवार को अचानक किसान नेता अमित भटनागर धरने पर ही बेहोश हो गए। आनन-फानन में उन्हें एंबुलेंस से जिला अस्पताल भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है।
दरअसल, कुछ दिनों पहले अमित भटनागर और उनके किसान साथी कृषि बिल के विरोध में धरने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेने पहुंचे थे। जिला प्रशासन ने उन्हें यह कहते हुए अनुमति नहीं दी थी कि फिलहाल कोरोना का समय चल रहा है और अनिश्चितकालीन धरने के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती है। जिला प्रशासन ने किसानों को धरने पर बैठने के लिए पंडाल लगाने की भी अनुमति नहीं दी थी।
किसान अमित भटनागर और उनके किसान साथी पिछले कई दिनों से खुले आसमान के नीचे दिन-रात धरने पर हैं। इस कड़कड़ाती ठंड में किसानों के लिए ना तो पंडाल है और ना ही नगर पालिका की तरफ से अलाव की व्यवस्था की गई है। पिछले कुछ दिनों से छतरपुर जिले में ठंड अचानक बढ़ी है। यही वजह है कि धीरे-धीरे धरने पर बैठे किसानों की तबीयत खराब होने लगी है। 2 दिन पहले भी कुछ किसान बीमार हुए थे, जिन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया था।
आज अचानक अमित भटनागर धरने पर ही बेहोश हो गए काफी देर तक लोगों ने उन्हें होश में लाने की कोशिश की। जब स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, जहां इलाज चल रहा है। अब प्रशासन किसानों से बातचीत की तैयारी में है।
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में खुले आसमान के नीचे कुछ किसान पिछले 18 दिनों से धरने पर है। धरने पर बैठे इन किसानों की अब धीरे-धीरे तबियत खराब होने लगी है। शुक्रवार को अचानक किसान नेता अमित भटनागर धरने पर ही बेहोश हो गए। आनन-फानन में उन्हें एंबुलेंस से जिला अस्पताल भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है।
दरअसल, कुछ दिनों पहले अमित भटनागर और उनके किसान साथी कृषि बिल के विरोध में धरने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेने पहुंचे थे। जिला प्रशासन ने उन्हें यह कहते हुए अनुमति नहीं दी थी कि फिलहाल कोरोना का समय चल रहा है और अनिश्चितकालीन धरने के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती है। जिला प्रशासन ने किसानों को धरने पर बैठने के लिए पंडाल लगाने की भी अनुमति नहीं दी थी।
किसान अमित भटनागर और उनके किसान साथी पिछले कई दिनों से खुले आसमान के नीचे दिन-रात धरने पर हैं। इस कड़कड़ाती ठंड में किसानों के लिए ना तो पंडाल है और ना ही नगर पालिका की तरफ से अलाव की व्यवस्था की गई है। पिछले कुछ दिनों से छतरपुर जिले में ठंड अचानक बढ़ी है। यही वजह है कि धीरे-धीरे धरने पर बैठे किसानों की तबीयत खराब होने लगी है। 2 दिन पहले भी कुछ किसान बीमार हुए थे, जिन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया था।
आज अचानक अमित भटनागर धरने पर ही बेहोश हो गए काफी देर तक लोगों ने उन्हें होश में लाने की कोशिश की। जब स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, जहां इलाज चल रहा है। अब प्रशासन किसानों से बातचीत की तैयारी में है।