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सैनेटरी पैड में मोबाइल, मुंबई के रसूखदारों से बात... तिहाड़ से आई हाईप्रोफाइल पायल ने इंदौर जेल को हिलाया

Indore Central Jail: इंदौर सेंट्रल जेल से एक स्मार्ट फोन बरामद हुआ है। सेंट्रल जेल में हाईप्रोफाइल कैदी पायल स्मार्ट फोन यूज कर रही थी। इससे जेल में हड़कंप मच गया है। मामला सामने आने के बाद जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

Edited byमुनेश्वर कुमार | Lipi 24 Aug 2022, 4:58 pm
इंदौर: एमपी (madhya pradesh today news) के इंदौर जेल में एक चौंकाने वाले मामला सामने आया है। जिला जेल में 35 वर्षीय एक महिला कैदी से इंटरनेट सुविधा वाला टचस्क्रीन मोबाइल मिला है। मोबाइल मिलने के बाद जेल प्रशासन ने एक प्रहरी को निलंबित कर दिया है। जेल विभाग की एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। जिला जेल में महिला कैदी से मोबाइल मिलने के मामले की जांच केंद्रीय जेल की अधीक्षक अल्का सोनकर कर रही हैं। सोनकर ने बताया कि वित्तीय धोखाधड़ी के अलग-अलग मामलों में विचाराधीन कैदी के रूप में जिला जेल में बंद पायल (35) के पास 21 अगस्त को मोबाइल मिला, जब कैदियों के बैरक की अचानक तलाशी ली गई।
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उन्होंने बताया कि आकस्मिक तलाशी के दौरान हड़बड़ाई। महिला कैदी ने मोबाइल को अपने कपड़ों में छिपा लिया था लेकिन यह फिसलकर नीचे गिर पड़ा, जिससे उसकी पोल खुल गई। सोनकर ने बताया कि इस मामले में जेल की एक महिला प्रहरी को निलंबित कर दिया गया है, जबकि कुछ अफसरों की संदिग्ध भूमिका की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि जेल में इंटरनेट सुविधा वाला मोबाइल चलाने वाली महिला कैदी को इस साल मई में दिल्ली के तिहाड़ जेल से इंदौर के जिला जेल लाया गया था।

इंदौर के स्थानीय अदालत में भी उसके खिलाफ धोखाधड़ी के मामले लंबित हैं। सोनकर ने बताया कि पायल पर खुद को कई मल्टीमीडिया कंपनियों की सीईओ बताकर लोगों को चूना लगाने के आरोप हैं। जेल अधीक्षक ने बताया कि पायल ने पूछताछ में दावा किया कि उसने इंजीनियरिंग की उपाधि हासिल की है। सोनकर ने बताया कि महिला कैदी से जब्त मोबाइल को विस्तृत जांच के लिए संयोगितागंज पुलिस थाने को सौंपा गया है ताकि पता चल सके कि जेल में इसके इस्तेमाल से उसने किन लोगों से चैट या बातचीत की है।

पुलिस ने बताया कि इस महिला के खिलाफ कुल पांच मामले दर्ज हैं। वह मुंबई के रसूखदारों और वकील से भी बात करती थी। पायल के खिलाफ इंदौर, भोपाल, जबलपुर, गुड़गांव, मुंबई, दिल्ली और महाराष्ट्र के कुछ जिलों में धोखाधड़ी के केस दर्ज हैं। वह जेल में लंबे समय से मोबाइल चला रही थी। उसके बैरक के पास बिजली बोर्ड लगा था, जिससे मोबाइल चार्ज करती थी। पायल को दो मोबाइल उपलब्ध करवाने में जेल प्रहरी रुबीना के नाम सामने आए। वह सैनेटरी पैड में मोबाइल छुपा कर रखती थी।

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लेखक के बारे में
मुनेश्वर कुमार
नवभारत टाइम्स डिजिटल में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं। पत्रकारिता में महुआ टीवी, कशिश न्यूज, इंडिया न्यूज, ईनाडु इंडिया, ईटीवी भारत और राजस्थान पत्रिका से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक 11 साल का सफर। बिहार की राजधानी पटना से शुरुआत के बाद अब भोपाल कर्मस्थल। राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों में गहरी रुचि। पिछले सात सालों से डिजिटल मीडिया में...... और पढ़ें

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