इंदौर
एमपी के इंदौर शहर में बच्चों की खरीद-फरोख्त शुरू करने वाले अब तक पुलिस ने 7 आरोपियों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। पूछताछ में पुलिस ने 2 डॉक्टरों को अपनी हिरासत में लिया है, जो गिरोह को बच्चा उपलब्ध कराने का काम करते थे।
दरअसल, पिछले दिनों क्राइम ब्रांच और महिला थाना पुलिस ने बच्चा चोरी करने वाले गिरोह के मुख्य सरगना बबलू उर्फ तेजकरण और शिल्पा नामक महिला को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पूछताछ में कई डॉक्टरों के नाम सामने आए थे। जिसमें डॉ पवन राय, डॉ रमाकांत शर्मा, डॉ भारत मौर्य जो बच्चे उपलब्ध कराने का काम करते थे। अब तक पुलिस ने 3 बच्चों को गिरोह से सकुशल बरामद कर बाल कल्याण समिति को सौंपा है।
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पुलिस ने देर रात दबिश देकर डॉ भरत और डॉ रमाकांत शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, डॉ पवन की तलाश की जा रही है। क्योंकि सभी आरोपी मेडिकल फील्ड से जुड़े हुए हैं। इसके चलते जो दंपत्ति निसंतान डॉक्टर या फिर अन्य क्लीनिक पर जाते हैं। उनसे गिरोह संपर्क कर बच्चों को ₹1,00,000 से लेकर ₹3,00,000 तक बेचने का काम करता था।
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गिरोह के सदस्यों की भूमिका
1. रमाकांत शर्माः बीएएमएस है। करुणानिधि अस्पताल में नर्स से छेड़छाड़ करने पर डॉ. हेमंत कंसल ने 7 साल पहले उसे निकाल दिया था।
2. भरत मौर्य : बीईएमएस है। करुणानिधि अस्पताल में था। बाद में उसने तिल्लौर रोड बहेरिया गांव में खुद का पार्वती नर्सिंग होम खोल लिया था।
3. पवन रायः डेंटिस्ट है, पर डिलीवरी कराता था। लॉकडाउन में करुणानिधि अस्पताल में 10 हजार महीने में काम करने लगा था। तेजकरण के पकड़ाने के बाद इंदौर से भाग गया।
4. अमित हाड़ाः करुणानिधि अस्पताल में रिसेप्शनिस्ट था। डॉ. कंसल की गाड़ी भी चलाता था। नाइट ड्यूटी के कारण वह डॉक्टर पवन राय के संपर्क में आ गया था।
5. बबलू उर्फ तेजकरणः गैंग का सबसे बड़ा किरदार है। ऐसे कस्टमर तलाशता जिन्हें बच्चों की जरूरत थी। वह एमवायएच में ट्रॉली धकाने का काम कर चुका है।
6. रीत ठाकरे बेटों की तरह ही पाल रही थी। दोनों बच्चों को एएसपी दंडोतिया के अनुसार क्राइम ब्रांच ने शनिवार को बच्चों की खरीदार रीत ठाकरे के घर पर छापा मारा है। वहां दोनों बच्चों के हैप्पी बर्थडे वाले पोस्टर लगे थे। इसको देखकर लग रहा है कि वह बच्चों को अपने बेटों की तरह ही पाल रही थी। इसलिए फिलहाल उसे गैंग में शामिल मानना गलत होगा।
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दरअसल, पिछले दिनों क्राइम ब्रांच और महिला थाना पुलिस ने बच्चा चोरी करने वाले गिरोह के मुख्य सरगना बबलू उर्फ तेजकरण और शिल्पा नामक महिला को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पूछताछ में कई डॉक्टरों के नाम सामने आए थे। जिसमें डॉ पवन राय, डॉ रमाकांत शर्मा, डॉ भारत मौर्य जो बच्चे उपलब्ध कराने का काम करते थे। अब तक पुलिस ने 3 बच्चों को गिरोह से सकुशल बरामद कर बाल कल्याण समिति को सौंपा है।
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2. भरत मौर्य : बीईएमएस है। करुणानिधि अस्पताल में था। बाद में उसने तिल्लौर रोड बहेरिया गांव में खुद का पार्वती नर्सिंग होम खोल लिया था।
3. पवन रायः डेंटिस्ट है, पर डिलीवरी कराता था। लॉकडाउन में करुणानिधि अस्पताल में 10 हजार महीने में काम करने लगा था। तेजकरण के पकड़ाने के बाद इंदौर से भाग गया।
4. अमित हाड़ाः करुणानिधि अस्पताल में रिसेप्शनिस्ट था। डॉ. कंसल की गाड़ी भी चलाता था। नाइट ड्यूटी के कारण वह डॉक्टर पवन राय के संपर्क में आ गया था।
5. बबलू उर्फ तेजकरणः गैंग का सबसे बड़ा किरदार है। ऐसे कस्टमर तलाशता जिन्हें बच्चों की जरूरत थी। वह एमवायएच में ट्रॉली धकाने का काम कर चुका है।
6. रीत ठाकरे बेटों की तरह ही पाल रही थी। दोनों बच्चों को एएसपी दंडोतिया के अनुसार क्राइम ब्रांच ने शनिवार को बच्चों की खरीदार रीत ठाकरे के घर पर छापा मारा है। वहां दोनों बच्चों के हैप्पी बर्थडे वाले पोस्टर लगे थे। इसको देखकर लग रहा है कि वह बच्चों को अपने बेटों की तरह ही पाल रही थी। इसलिए फिलहाल उसे गैंग में शामिल मानना गलत होगा।