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नौ खूंखार कुत्ते, CCTV कैमरा, गार्ड, ग्रीन नेट... दुनिया के सबसे महंगे आम के बगीचे में सख्त पहरा, देखें तस्वीरें

World Costly Mango Garden : जबलपुर में दुनिया के सबसे महंगे आम की खेती है। आम के बारे में जबसे मीडिया में खबरें आईं हैं, उसके बाद से बगीचे पर चोरों की नजर भी है। इस बार भी आम के पेड़ों में फल लगे थे लेकिन गर्मी काल बन गया है। टमैंगो आम की खेती करने वाले संकल्प परिहार ने नवभारत टाइम्स.कॉम से एक्सक्लूसिव बातचीत की है।

Produced byमुनेश्वर कुमार | नवभारतटाइम्स.कॉम 29 Apr 2022, 1:26 pm
मंगलेश्वर गजभिये, जबलपुर : दुनिया के सबसे महंगे आमों में शुमार टमैंगो पर चोरों की नजर है। आम की कीमत के बारे में चोरों को जब से पता चला है कि उसके बाद से बगीचे में चोरी की कोशिश करते रहते हैं। जबलपुर शहर से 25 किमी दूर चरगवां रोड पर नर्मदा किनारे इस आम की खेती हो रही है। इस बार बगीचे के मालिक गर्मी से बेहाल हैं और फल बर्बाद हो गए हैं। जपान में इस आम की खेती पॉली हाउस में होती है। इस बार भीषण गर्मी तो बगीचे के मालिक ने आम को बचाने के लिए ग्रीन नेट लगाया है। पकने के बाद यह आम डेढ़ से ढाई लाख रुपये किलो तक बिकता है। आइए आपको तस्वीरों के जरिए दिखाते हैं कि दुनिया के सबसे महंगे आम की सुरक्षा कैसे हो रही है।
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नौ खूंखार कुत्ते, CCTV कैमरा, गार्ड, ग्रीन नेट... दुनिया के सबसे महंगे आम के बगीचे में सख्त पहरा, देखें तस्वीरें


ढाई लाख रुपये किलो बिकने वाले आम की कैसी है सुरक्षा, बगीचे से देखिए

दो लाख रुपये किलो से अधिक है टमैंगो आम की कीमत

टमैंगो आम दुनिया का सबसे मंहगा बताया जाता है। इस आम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो लाख रुपये किलो से अधिक है। सीजन आते ही इस आम की चर्चा शुरू हो जाती है। 2021 में पहली बार भारत की मीडिया में इस आम की चर्चा खूब हुई है। ये आम खासतौर के वातावरण में जापान जैसे देश में होता है। जबलपुर के संकल्प परिहार ने खुले वातावरण में इसकी खेती कर सबको चौंका दिया था। उनका बगीचा जबलपुर के चरगवां रोड स्थित हिनौता ग्राम में है।

बगीचे में एक दर्जन से अधिक प्रजातियों के आम

संकल्प परिहार नामक किसान लगभग चार एकड़ जमीन पर आम की खेती कर रहे हैं। उनके बगीचे में एक दर्जन से अधिक प्रजातियों के आम हैं। उसी बगीचे में जपानी आम टमैंगो की भी खेती कर रहे हैं। टमैंगो आम का पेड़ संकल्प परिहार ने कुछ वर्ष पहले लगाया था। 2021 में पहली बार पेड़ ने फल दिया था। जून 2021 में फल आने के बाद पूरे देश में इस आम की चर्चा शुरू हो गई थी। फल देखकर लोग आश्चर्यचकित हो गए थे। कीमतें कुछ ज्यादा ही चौंकाने वाली थी।

नर्मदा किनारे टमैंगो आम की खेती

दरअसल, जापान में टमैंगो आम की खेती पॉली हाउस में होती है। जबलपुर में इसे खुले वातावरण में उगाया जा रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग टमैंगो आम को देखने आते थे। साथ ही लोग संकल्प परिहार से आम के बारे में चर्चा भी करते थे। ग्लोबल वार्मिंग का असर इस बार टमैंगो आम पर पड़ा है। भीषण गर्मी की वजह आम के फल खराब हो रहे हैं। इसकी वजह से संकल्प परिहार की चिंता बढ़ गई है।

खूंखार कुत्ते और सीसीटीवी कैमरे से निगरानी

आम के फल पर मौसम की मार पड़ी है। इसके साथ ही महंगे आम पर चोरों की भी नजर है। पिछले साल इसकी सुरक्षा में खूंखार कुत्ते और चौकीदार ही थे। इस बार मालिक ने बगीचे की सुरक्षा और कड़ी कर दी है। इस बार सुरक्षा में नौ खूंखार कुत्ते, छह चौकीदार और आधा दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसी से महंगे आमों पर नजर रखी जा रही है। पैरों की आहट सुनते ही कुत्ते भौंकना शुरू कर देते हैं।

गर्मी से बचाने के लिए ग्रीन नेट

गर्मी की वजह से आम के फल खराब हो रहे हैं। इसके लिए संकल्प परिहार ने टमैंगो आम के पेड़ों पर ग्रीन नेट लगाया है ताकि तीखी धूप से इन्हें बचाया जा सके। जापान में इस आम को लोग मियाजाकी भी बोलते हैं। संकल्प परिहार ने नवभारत टाइम्स.कॉम से बात करते हुए कहा कि यह जून महीने में असली स्वरूप में आएगा। इस बार पेड़ पर पिछले साल की तुलना में अधिक आम हैं। भीषण गर्मी के बीच पेड़ों पर फल सरवाइव कर रहे हैं।

इस आम में रेशे नहीं होते

जपानी आम की खेती करने वाले संकल्प परिहार ने कहा कि आम खाने में बहुत ही मीठा और स्वादिष्ट होता है। इस आम की खासियत यह है कि इसमें गुठली और रेशे नहीं होते हैं। एक अकेले आम का वजह दो किलो तक होता है। जून महीने में जब यह आम असली रूप में आएगा, तब इसका शानदार लुक देखने लायक होगा।

लेखक के बारे में
मुनेश्वर कुमार
नवभारत टाइम्स डिजिटल में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं। पत्रकारिता में महुआ टीवी, कशिश न्यूज, इंडिया न्यूज, ईनाडु इंडिया, ईटीवी भारत और राजस्थान पत्रिका से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक 11 साल का सफर। बिहार की राजधानी पटना से शुरुआत के बाद अब भोपाल कर्मस्थल। राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों में गहरी रुचि। पिछले सात सालों से डिजिटल मीडिया में...... और पढ़ें

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